हरियाणा कांग्रेस पर भी Scindia Effect, कुलदीप बिश्नोई ने कहा- सिंधिया की तरह कई नेता हैं उपेक्षित
मध्य प्रदेश के नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हाेने से हरियाणा कांग्रेस में भी हलचल है। कुलदीप बिश्नोई ने पार्टी नेतृत्व को बड़ी नसीहत दी है।
चंडीगढ़, जेएनएन। मध्यप्रदेश के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद हरियाणा कांग्रेस में भी हलचल तेज हो गई है। हरियाणा कांग्रेस में भी राजनीति गरमा गई है। पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के पुत्र ओर वरिष्ठ नेता कुलदीप बिश्नोई ने कांग्रेस हाईकमान को नसीहत दी है। कुलदीप ने कहा कि सिंधिया की तरह और भी कई नेता हैैं, जो खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैैं। पार्टी को इस पर ध्यान देना चाहिए। इससे मध्य प्रदेश जैसी चिंगारी हरियाणा कांग्रेस में भी दिखने लगी है।
सात माह पहले हुड्डा भी नेतृत्व को दी थी नसीहत, हरियाणा कांग्रेस में बढ़ी हलचल
करीब सात माह पहले पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी रोहतक में रैली कर कांग्रेस हाईकमान पर ज्याेतिरादित्य सिंधिंया की तरह ही कहा था कि कांग्रेस पहली वाली नहीं रही। उन्होंने भी कुलदीप के अंदाज में ही कांग्रेस नेतृत्व को नसीहत दी थी। उस समय हरियाणा कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष डा. अशोक तंवर को पद से हटाकर हुड्डा को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग हुड्डा समर्थक विधायक कर रहे थे। उस दौरान हुड्डा के अलग पार्टी बनाने की खूब अटकलें चली। बाद में मामला शांत करने के लिए कांग्रेस हाईकमान ने कुमारी सैलजा को प्रदेश अध्यक्ष और हुड्डा को हरियाणा विधानसभा में विपक्ष का नेता बना दिया।
अब हरियाणा में राज्यसभा चुनाव हैैं। हुड्डा चाहते हैैं कि उनके बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा को राज्यसभा की टिकट मिले, जबकि कुमारी सैलजा व रणदीप सुरजेवाला की भी मजबूत दावेदारी है। बताया जाता है कि कुलदीप बिश्नोई अपने बेटे भव्य बिश्नोई की टिकट के लिए लाबिंग कर रहे हैैं। सिंधिया ने जैसे ही कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता छोड़ने का फैसला किया तो कुलदीप बिश्नोई ने ट्वीट करते हुए नेतृत्व को नसीहत दी कि पार्टी को अब ऐसे युवा नेताओं को आगे बढ़ाना चाहिए, जिनमें मेहनत से काम करने की क्षमता है।
कुलदीप बिश्नोई का ट्वीट।
मध्य प्रदेश के घटनाक्रम मुखर हुए कुलदीप ने ट्वीट कर कहा है ' सिंधिया का कांग्रेस छोडऩा पार्टी के लिए बड़ा झटका है। सिंधिया पार्टी में एक केंद्रीय स्तंभ थे, नेतृत्व को उन्हें मनाने के अधिक प्रयास करने चाहिए थे। उनकी तरह ही देश के ऐेसे अनेक समर्पित कांग्रेस नेता खुद को उपेक्षित, अलग-थलग और पार्टी में बेकार का अनुभव कर रहे हैं। ट्वीट के साथ उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया का कांग्रेस से इस्तीफा को भी टैग किया है। कुलदीप के इस ट्वीट के बाद हरियाणा कांग्रेस में सियासत गर्मा गई है। कुलदीप और कुछ अन्य नेताओं के रुख को लेकर अटकलबाजी भी शुरू हो गई है।
बता दें कि 2008 में कांग्रेस छोड़कर हरियाणा जनहित कांग्रेस (हजकां) का गठन करने वाले कुलदीप बिश्नोई ने कुछ वर्ष पूर्व ही कांग्रेस में वापसी की थी। इससे पहले उनकी पार्टी का भाजपा से चुनावी गठबंधन भी रहा था। उनके पिता चौधरी भजनलाल सबसे अधिक समय तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। 2005 के विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद कांग्रेस नेतृत्व ने जब भजनलाल की बजाय भूपेंद्र सिंह हुड्डा को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया तो उसके साथ ही भजनलाल परिवार के तेवर बागी हो गए थे।
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भजनलाल और कुलदीप ने दिसंबर 2008 में कांग्रेस छोड़कर हजकां बनाई थी। इसके बाद कुलदीप ने हजकां के बैनर तले लोकसभा व विधानसभा चुनाव तो लड़े, लेकिन खास कामयाबी हासिल नहीं हो सकी। आखिर में उन्होंने हजकां का कांग्रेस में विलय कर दिया। 2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने उनके बेटे भव्य बिश्नोई को हिसार से लोकसभा चुनाव लड़वाया, लेकिन हार गए। कुलदीप पिछले विधानसभा चुनाव आदमपुर से जीत गए थे।
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