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    हरियाणा से राज्यसभा में चुनकर जाने वाले नेताओं का रोचक इतिहास, पांच पूर्व CM रह चुके हैं सदस्य

    By Kamlesh BhattEdited By:
    Updated: Wed, 11 Mar 2020 05:28 PM (IST)

    हरियाणा में पांच पूर्व सीएम और देवीलाल परिवार के चार सदस्य राज्यसभा पहुंच चुके हैं। चौ. सुल्तान सिंह और बीरेंद्र सिंह सबसे ज्यादा तीन-तीन बार राज्यसभा सदस्य रहे।

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    हरियाणा से राज्यसभा में चुनकर जाने वाले नेताओं का रोचक इतिहास, पांच पूर्व CM रह चुके हैं सदस्य

    चंडीगढ़, जेएनएन। राज्यसभा में हरियाणा से चुनकर जाने वाले राजनेताओं का रोचक इतिहास है। स्व. देवीलाल, ओमप्रकाश चौटाला, चौ. भजनलाल, भगवत दयाल शर्मा और बनारसी दास गुप्ता ऐसे पांच पूर्व मुख्यमंत्री हैं, जो हरियाणा से चुनकर राज्यसभा पहुंचे। राष्ट्रीय राजनीति में फलक पर रहे स्व. देवीलाल के परिवार से सर्वाधिक चार सदस्य राज्यसभा चुनाव जीते हैैं, जबकि चौ. सुल्तान सिंह और चौ. बीरेंद्र सिंह को सबसे ज्यादा तीन-तीन बार राज्यसभा चुनकर जाने का मौका मिल पाया है।

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    दो-दो बार राज्यसभा सदस्य निर्वाचित होने वाले नेताओं की संख्या सात है। प्रदेश में अब 26 मार्च को राज्यसभा की दो नियमित और एक सीट पर उपचुनाव होगा, जिसके लिए 13 मार्च को नामांकन प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। भाजपा-जजपा गठबंधन इन तीनों सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने जा रहा है, जबकि 31 विधायकों वाली कांग्रेस अपने खाते की एक सीट बचाने की जिद्दोजहद में है।

    राज्यसभा के चुनावी इतिहास पर अगर नजर डालें तो पूर्व उप प्रधानमंत्री स्व. देवीलाल के परिवार के चार सदस्य आज तक राज्यसभा पहुंचे हैैं। यह भी संयोग है कि इस बार विधानसभा में उनके परिवार के पांच सदस्य अलग-अलग पार्टियों से विधायक चुनकर आए हैैं। देवीलाल के परिवार में सबसे पहले जनता दल से पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला 14 अगस्त 1987 से नौ अप्रैल 1990 तक राज्यसभा सदस्य बने। फिर उनके भाई रणजीत सिंह चौटाला जो अब हरियाणा सरकार में बिजली मंत्री हैैं, 12 सितंबर 1990 से एक अगस्त 1992 तक राज्यसभा पहुंचे। फिर पूर्व मुख्यमंत्री और देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री देवी लाल दो अगस्त 1998 से छह अप्रैल 2001 तक राज्यसभा में रहे। उनके बाद अजय सिंह चौटाला दो अगस्त 2004 से तीन नवंबर 2009 तक राज्यसभा सदस्य रहे।

    पूर्व मुख्यमंत्रियों में स्व. देवीलाल व ओमप्रकाश चौटाला के अलावा पंडित भगवत दयाल शर्मा दो अगस्त 1968 से एक अगस्त 1974 तक, चौ. भजनलाल दो अगस्त 1986 से 27 नवंबर 1989 तक और बनारसी दास गुप्ता 10 अप्रैल 1996 से नौ अप्रैल 2002 तक राज्यसभा सदस्य चुनकर गए। स्वर्गीय सुषमा स्वराज 10 अप्रैल 1990 से नौ अप्रैल 1996 तक और उनके पति स्वराज कौशल दो अगस्त 1998 से एक अगस्त 2004 तक हरियाणा से राज्यसभा सदस्य रहे हैैं।

    सुल्तान सिंह 16 और बीरेंद्र सिंह साढ़े नौ साल रहे राज्यसभा में

    पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार के अनुसार हरियाणा से अब तक केवल दो राजनेता चौ. सुल्तान सिंह और बीरेंद्र सिंह ऐसे राज्यसभा सदस्य रहे हैैं, जिन्होंने तीन पर प्रतिनिधित्व किया। कार्यकाल की दृष्टि से सुल्तान सिंह 16 साल और बीरेंद्र सिंह साढ़े नौ साल राज्यसभा सदस्य रहे। सुल्तान सिंह 31 मार्च 1970 से एक अगस्त 1974 तक, फिर दो अगस्त 1974 से एक अगस्त 1980 तक और दो अगस्त 1980 से एक अगस्त 1986 तक लगातार तीन बार कांग्रेस पार्टी से राज्यसभा सदस्य रहे।

    बीरेंद्र सिंह सर्वप्रथम एक अगस्त 2010 से 28 अगस्त 2014 तक कांग्रेस के टिकट पर राज्यसभा पहुंचे। फिर उन्होंने कांग्रेस और राज्यसभा सीट दोनों छोड़ दी। इसके बाद 29 नवंबर 2014 से एक अगस्त 2016 तक भाजपा से दोबारा अपनी सीट की शेष अवधि के लिए राज्यसभा भेजे गए। फिर दो अगस्त 2016 से भाजपा के टिकट पर बीरेंद्र सिंह दूसरी बार और कुल तीसरी बार राज्यसभा सदस्य चुने गए, लेकिन 20 जनवरी 2020 को उन्होंने अपने कार्यकाल दौरान त्यागपत्र दे दिया।

    पूर्व उप राष्ट्रपति कृष्णकांत भी हरियाणा से दो बार पहुंचे राज्यसभा

    हरियाणा से दो बार राज्यसभा सदस्य निर्वाचित होने वालों की भी लंबी फेहरिस्त है। देश के पूर्व उप राष्ट्रपति रहे कृष्ण कांत 29 नवंबर 1966 से दो अप्रैल 1972 तक और फिर 10 अप्रैल 1972 से 20 मार्च 1977 तक राज्यसभा सदस्य रहे। उनका कार्यकाल अप्रैल 1978 तक था, लेकिन लोकसभा चुनाव में जीतने के बाद उन्होंने राज्यसभा की सदस्यता छोड़ दी थी। उनकी रिक्त हुई सीट के लिए जनसंघ के सुजान सिंह पहले 13 जुलाई 1977 से नौ अप्रैल 1978 तक और फिर 10 अप्रैल 1978 से नौ अप्रैल 1984 तक लगातार दो बार राज्यसभा पहुंचे।

    दो बार राज्यसभा पहुंचने वाले नेताओं में कांग्रेस का बहुमत

    हरियाणा से दो बार राज्यसभा पहुंचने वाले नेताओं में कांग्रेस के मुख्त्यार सिंह मालिक पहले छह अप्रैल 1967 से दो अप्रैल 1968 तक और फिर 10 अप्रैल 1984 से नौ अप्रैल 1990 तक शामिल हैैं। कांग्रेस के ही हरि सिंह नलवा पहले 19 मार्च 1980 से दो अप्रैल 1982 तक और फिर तीन अप्रैल 1982 से दो अप्रैल 1988 तक राज्यसभा सदस्य रहे। इनके बाद कांग्रेस के रामजीलाल पहले दो अगस्त 1992 से 17 मई 1993 तक और फिर तीन अप्रैल 1994 से दो अप्रैल 2000 तक राज्यसभा गए। पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा की सरकार के दौरान पहले कांग्रेस के डॉ. राम प्रकाश 23 मार्च 2007 से नौ अप्रैल 2008 और फिर 10 अप्रैल 2008 से नौ अप्रैल 2014 तक राज्यसभा सदस्य रहे। कांग्रेस के ही शादी लाल बतरा पहले चार अगस्त 2009 से नौ अप्रैल 2012 और फिर तीन अप्रैल 2012 से दो अप्रैल 2018 तक राज्यसभा सदस्य रहे।

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