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    डेरा चेयरपर्सन विपसना पर कसा पुलिस का घेरा, एसआइटी ने जारी किया नोटिस

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Mon, 25 Sep 2017 02:59 PM (IST)

    पंचकूला में हुई हिंसा के मामले में डेरा सच्‍चा सौदा की चेयरपर्सन विपसना पर भी पुलिस शिकंजा कस रही है। एसआइटी ने नोटिस जारी कर विपसना को पूछताछ के लिए हाजिर होने को कहा है।

    डेरा चेयरपर्सन विपसना पर कसा पुलिस का घेरा, एसआइटी ने जारी किया नोटिस

    जेएनएन, सिरसा। पुलिस अब डेरा सच्‍चा सौदा की चेयरपर्सन विपसना इन्सां पर भी घेरा कस रही है। डेरा सच्‍चा सौदा मामले की जांच कर रही विपसना से अब एसआइटी पूछताछ करेगी। एसआइटी ने इसके लिए नोटिस जारी किया है। विपसना की पंचकूला में हुई हिंसा में विपसना की भूमिका सहित कई पहलुओं पर पूछताछ करेगी।

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    पंचकूला एसआइटी के सदस्य डीसीपी मनीष सहगल के नेतृत्व में टीम डेरा मामले और पंचकूला हिंसा की जांच के सिलसिले में सिटी थाना पहुंची। इसके बाद सीआइए इंचार्ज राजाराम को साथ लेकर टीम नए डेरा पहुंची। वहां टीम ने विपसना को नोटिस थमाया। डेरा चेयरपर्सन को इसी सप्ताह जांच में शामिल होने के लिए पंचकूला पहुंचने को कहा गया है।

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    जांच के दौरान पंचकूला हुई हिंसा में चेयरपर्सन की भूमिका से संबंधित सवालों के जवाब किए जाएंगे। इसके अलावा डेरा से जुड़े अन्य लोगों की जानकारियां भी चेयपर्सन से हासिल की जाएगी। पूछताछ कई पहलुआें पर की जाएगी। एसआइटी विपसना से पंचकूला में उपद्रव व आगजनी के अलावा डेरा से समर्थकों को हिंसा भड़काने के लिए पांच करोड़ रुपये दिए जाने के बारे में भी पूछताछ कर सकती है। पंचकूला पुलिस की ओर से कहा गया था कि पांच करोड़ रुपये की फंडिंग सिरसा स्थित डेरा मुख्यालय से हुई है।

    गोरा सिंह के गायब होने का राज दो साल बाद भी नहीं खुला

    डेरा सच्चा सौदा के साधु गोरा सिंह के गायब होने का रहस्य दो साल बाद भी नहीं खुल पाया है। गोरा सिंह डेरे में साधु था। 2015 के बाद से उसका कोई पता नहीं चल रहा है। उसके संबंध में आखिरी रिपोर्ट अपहरण की दर्ज हुई थी। उस रिपोर्ट के आधार पर भी पुलिस उसे ढूंढ नहीं सकी है। अब उसके मामले की फाइल दोबारा  खुल सकती है।

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    सिरसा स्थित डेरा में लंबे समय से अन्य साधुओं की तरह गांव नेजाडेला कलां का गोरा सिंह भी रहता था। वह डेरे के कई कार्यों को देखता था। अचानक गोरा सिंह का डेरे से मोह भंग होने लगा। इसकी भनक डेरा प्रबंधन को लग गई। बताया जाता है कि उस समय डेरा प्रबंधन ने उसे समझाने की भी कोशिश की थी। इसके बाद गोरा सिंह डेरे में तो रहा, लेकिन उसका मन नहीं लग रहा था।

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