'मुसलमानों का एक ही तो त्योहार है...' हरियाणा में ईद की छुट्टी कैंसिल होने पर बवाल, विधानसभा में भड़का मुस्लिम विधायक
हरियाणा (Haryana Eid Holiday Cancelled) में ईद की छुट्टी रद (Eid Holiday Cancelled) होने के बाद से विधानसभा में वीरवार को जमकर हंगामा देखने को मिला। नूहं से कांग्रेस विधायक आफताब अहमद (MLA Aftab Ahmed) ने इसपर आपत्ति जताते हुए कहा कि मुसलमानों का एक ही त्योहार है जो पूरे देश में मनाया जाता है। वहीं भूपेंद्र हुड्डा ने भी सरकार के इस फैसले को गलत करार दिया।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Eid Holiday Cancelled: हरियाणा में 31 मार्च को पूर्व घोषित ईद (Haryana Eid Holiday Cancelled) के राजकीय अवकाश को रद कर वैकल्पिक अवकाश (प्रतिबंधित अवकाश) में बदल दिया गया है।
अब ईद (Eid Holiday Cancelled) पर सरकारी कार्यालय खुले रहेंगे। वैकल्पिक अवकाश के चलते जो कर्मचारी ईद पर छुट्टी लेना चाहेंगे, उन्हें सवैतनिक अवकाश दिया जाएगा। मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी द्वारा जारी आदेश पर गुरुवार को विधानसभा में हंगामा हुआ।
नूंह विधायक आफताब अहमद हुए नाराज
नूंह से कांग्रेस विधायक आफताब अहमद (Aftab Ahmed) ने कहा कि हमारा एक ही त्योहार होता है। यह पूरे हिंदुस्तान में मनाया जाता है। राजपत्रित अवकाश को वैकल्पिक अवकाश में बदला जाना गलत है। इस पर मुख्यमंत्री नायब सैनी (CM Nayab Saini) ने सफाई दी कि 31 मार्च को मौजूदा वित्तीय वर्ष का अंतिम दिन होने के कारण यह फैसला लिया गया है।
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पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि यह गलत है। पूरे देश में जब ईद (Why Eid Holiday Cancelled in Haryana?) पर राजपत्रित अवकाश है तो प्रदेश में इसे रद क्यों किया गया है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसे व्यर्थ में सदन में मुद्दा ना बनाया जाए।
पहली बार कैसिंल की गई ईद की छुट्टी
बता दें कि यह पहला मौका है जब प्रदेश में ईद (Eid Holiday Cancelled) के राजपत्रित अवकाश को वैकल्पिक अवकाश में बदला गया है। वैकल्पिक अवकाश का मतलब धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व पर दी जाने वाली छुट्टी से है, जो कर्मचारी के विवेक पर निर्भर करती है। वह चाहे तो छुट्टी ले सकता है अथवा नहीं भी।
यह एक तरह का सवेतन अवकाश है और अनिवार्य नहीं है। मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी (Anurag Rastogi) द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2024-25 की क्लोजिंग के कारण यह छुट्टी रद की गई है। 29 और 30 मार्च को वीकेंड (सप्ताहांत) है और 31 मार्च को वित्त वर्ष का आखिरी दिन है।
हरियाणा सरकार (Haryana Eid Holiday Cancelled) की तरफ से इस वर्ष की शुरूआत में जारी किए गए कैलेंडर में 31 मार्च को राजपत्रित अवकाश घोषित किया गया था। सरकार द्वारा जनवरी माह में जारी की गई अधिसूचना में मार्च महीने में तीन राजपत्रित छुट्टियां दिखाई गई थीं, जिनमें 14 मार्च शुक्रवार को होली, 23 मार्च रविवार को शहीदी दिवस और 31 मार्च सोमवार को ईद-उल-फितर की छुट्टी थी। इनमें होली और शहीदी दिवस पर प्रदेश के दफ्तरों में छुट्टी रही, लेकिन ईद (Why Eid Holiday Cancelled?) वाले राजपत्रित अवकाश को बदलकर वैकल्पिक अवकाश कर दिया गया है।
हरियाणा में छह प्रतिशत मुस्लिम आबादी
प्रदेश में करीब छह प्रतिशत मुस्लिम आबादी है और 18 लाख मुस्लिम मतदाता हैं। आठ विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां मुस्लिम मतदाता निर्णायक स्थिति में रहते हैं। इनमें फिरोजपुर झिरका, पुन्हाना, नूंह, हथीन, सोहना, यमुनानगर, साढौरा और जगाधरी शामिल हैं। नूंह, पलवल और गुरुग्राम दिल्ली और राजस्थान की सीमाओं से सटा हुआ है, जबकि यमुनानगर उत्तर प्रदेश से सटा हुआ है।
ऐसे में राजनीतिक तौर पर सरकार के फैसले को लेकर सवाल उठ रहे हैं। हरियाणा विधानसभा की कुल 90 सीटों में से इस बार पांच मुस्लिम विधायक जीतकर आए हैं और ये सभी विधायक कांग्रेस के हैं। इनमें जगाधरी से अकरम खान, नूंह से आफताब अहमद, फिरोजपुर झिरका से मामन खान, पुन्हाना से मोहम्मद इलियास और हथीन से मोहम्मद इजराइल शामिल हैं।
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