Jungle Safari in Haryana : अरावली की पहाड़ियाें में फिर सुनाई देगी शेर व बाघ की दहाड़, दिखेंगे तेंदुए भी
Jungle Safari in Haryana हरियाणा में अरावली की पहाड़ियों में एक बार फिर शेर और बाघ की दहाड़ सुनाई देेगी। इसके साथ ही तेंदुए भी दिखाए देंगे। अरावली की पहाड़ियाें में विकसित होने वाले जंगल सफारी पार्क में ये जानवर मुख्य आकर्षण के केंद्र होंगे।
चंडीगढ़, जेएनएन। Aravalli Jungle Safari: हरियाणा में अरावली की पहाड़ियों में एक बार जंगल के राजा शेर और बाघ की दहाड़ सुनाई देगी। इसके साथ ही यहां तेंदुए भी दिखाई देंगे। अरावली की पहाड़ियों में विकसित होने वाले जंगल सफारी पार्क में ये वन्यजीव खास आकर्षण होंगे। इनके संरक्षण व शिकारियों से इन्हें बचाने के लिए खास इंतजाम होंगे।
पहले शिकार तो फिर अवैध खनन और सिमटती हरियाली के चलते यहां से गायब हो गए ये वन्यजीव
दरअसल हरियाणा में पर्यटन और साहसिक खेलों की अपार संभावनाएं हैं। शिवालिक की पहाड़ियों में पर्यटकों को लुभाने के लिए कई तरह के प्रोजेक्ट शुरू कर रही मनोहर सरकार ने अब अरावली की पहाड़ियों पर फोकस किया है। अरावली की इन पहाड़ियों में कभी शेर-बाघ और तेंदुए खूब दिखते थे, लेकिन पहले शिकार तो फिर अवैध खनन और सिमटती हरियाली के चलते ये यहां से गायब हो गए। गुरुग्राम से लेकर नूंह तक दुनिया के सबसे बड़े सफारी जंगल की स्थापना का प्राेजेक्ट सिरे चढ़ा तो शेर-बाघ और तेंदुए यहां फिर नजर आएंगे।
अरावली की पहाड़ियां। (फाइल फोटो)
सीएम मनोहर लाल व केंद्रीय मंत्री अरावली जंगल सफारी प्रोजेक्ट लेकर आश्वत
दुबई के शारजाह में जंगल सफारी का दौरा कर लौटे मुख्यमंत्री मनोहर लाल और केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव अरावली की पहाड़ियों में बनने वाले इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के सिरे चढ़ने को लेकर आश्वस्त हैं। सरकार की कोशिश पांच साल में इस प्रोजेक्ट को पूरा करने की है।
दुबई के जंगल सफारी का अवलोकन करते हरियाणा के सीएम मनोहर लाल व केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव। (स्रोत- हरियाणा डीपीआर)
अरावली जंगल सफारी में वन जीवों के अलग-अलग जोन होंगे
इस सफारी में अलग-अलग जोन होंगे। पहला जोन शेर, बाघ और तेंदुओं के लिए होगा, जिनके लिए बड़े बाड़े बनाए जाएंगे। चिड़ियाघरों से इन वन्य जीवों को यहां लाया जाएगा। अन्य क्षेत्र उभयचरों (जमीन व पानी में रहने वाले) और शाकाहारी जीवों के लिए होंगे। इसके अलावा एक पक्षी पार्क और ट्रेकर्स के लिए नेचर ट्रेल्स होंगे।
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पांच साल में प्रोजेक्ट को पूरा करने की कोशिश, तकनीकी व्यवहार्यता पर सहमति जता चुकी विशेषज्ञ टीम
इस प्रोजेक्ट को पांच साल में पूरा करने की कोशिश है और विशेषज्ञ टीम तकनीकी व्यवहार्यता पर सहमति दे चुकी है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के अनुसार यह एक नए तरह का चिड़ियाघर होगा, जहां जानवरों के साथ अधिक मानवीय व्यवहार किया जाता है। बाघ, शेर और तेंदुों के अपने-अपने बाड़े होंगे।
दुबई के जंगल सफारी का अवलोकन करते हरियाणा सीएम मनोहर लाल व केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव। (स्रोत- हरियाणा डीपीआर)
उन्होंने बताया कि जानवरों को वैसे ही खिलाया जाएगा, जैसे चिड़ियाघरों में उनकी खुराक होती है। इसलिए इनके शिकार की कोई आशंका नहीं होगी। इसके उलट जानवरों को अरावली के जंगलों में पर्यावरण अनुकूल अपना निवास स्थान मिलेगा। एक सफारी में मांसाहारियों के लिए बाड़े कम से कम 20 हेक्टेयर (50 एकड़) तक जगह होती है। शाकाहारी जानवरों के लिए यह 30 हेक्टेयर (75 एकड़) होनी चाहिए। इसका बंदोबस्त प्रस्तावित जंगल सफारी में किया जाएगा।
दिल्ली सहित पूरे एनसीआर को मिलेगा नया पयर्टन
जंगल सफारी का प्रोजेक्ट पूरा होने पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित न केवल पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) को, बल्कि पड़ोसी राज्यों के लोगों को नई तरह का पर्यटन मिलेगा। जंगल सफारी में विश्व भर में पाए जाने वाले सरीसर्पों का एक बड़ा क्षेत्र (हर्पेटेरियम), विश्व भर में पाए जाने वाली प्रजातियों का पक्षी घर, बड़ी बिल्लियों (बिग कैट्स) के चार अलग जोन, शाकाहारी जीवों के लिए एक बड़ा क्षेत्र, अंडरवाटर वर्ल्ड, प्राकृतिक पर्यटन क्षेत्र, बाटनिकल गार्डन और रेगिस्तान देखने को मिलेगा।
कई प्रजातियों का घर है अरावली की पहाड़ियां
अरावली की पहाड़ियां कई प्रजातियों का घर है। अरावली रेंज में पक्षियों की 180 प्रजातियां, स्तनधारियों की 15 प्रजातियां, जलीय जानवरों और सरीसृपों की 29 प्रजातियां और तितलियों की 57 प्रजातियां पाई जाती हैं। केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने भी क्षेत्र का सर्वे कर जंगल सफारी की स्थापना की तकनीकी व्यवहार्यता पर सहमति जताई है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के अनुसार इस प्रोजेक्ट पर अगले साल काम शुरू होने की संभावना है और यह पांच साल से पहले पूरा करने की योजना है।