Aravalli Jungle Safari: अरावली पहाडि़यों विकसित होगा विश्व का सबसे बड़ा जंगल सफारी पार्क, 10 हजार एकड़ क्षेत्र में बनेगा
Jungle Safari in Aravalli Hills हरियाणा व एनसीआर में फैली अरावली की पहाड़ियों के जंगल में विश्व का सबसे बड़ा जंगल सफारी पार्क विकसित किया जाएगा। यह जंगल सफारी पार्क 10 हजार एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ होगा।
नई दिल्ली/चंडीगढ़ , जेएनएन। हरियाणा के गुरुग्राम और नूंह जिला से सटी अरावली की पहाडि़यों में विश्व का सबसे बड़ा जंगल सफारी पार्क विकसित होगा। इसका क्षेत्रफल दस हजार एकड़ तक तय किया गया है। मौजूदा समय में अफ्रीका से बाहर सबसे बड़ा कृत्रिम सफारी पार्क 2200 एकड़ में शारजाह में है। अफ्रीका में प्राकृतिक जंगल पार्क काफी बड़े हैं। अरावली जंगल सफारी पार्क को केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के सहयोग से हरियाणा सरकार विकसित करेगी।
अरावली पर्वतमाला के संरक्षण में मददगार होगा जंगल सफारी पार्क
इसमें वैश्विक स्तर की सुविधाएं जुटाने के लिए बृहस्पतिवार केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव के साथ मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दुबई के शारजहा के प्रसिद्ध जंगल सफारी पार्क का अवलोकन किया। इसके बाद केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया कि इसके विकसित होने से अरावली पर्वतमाला के संरक्षण में मदद मिलेगी।
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव के साथ शारजहा में सीएम मनोहर लाल ने सफारी पार्क का किया अवलोकन
मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली एनसीआर के लिए अरावली को संजीवनी मानते हुए इसके संरक्षण के लिए सख्त आदेश दिए हुए हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि अरावली में विश्व का सबसे बड़ा जंगल सफारी पार्क विकसित होने से हरियाणा एक बड़े पर्यटन हब के रूप में विकसित होगा।
हरियाणा पर्यटन निगम के महानिदेशक एमडी सिन्हा ने बताया कि जंगल सफारी पार्क विकसित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त एजेंसियों को आमंत्रित किया गया है। इसके डिजाइन करने से लेकर रखरखाव, संचालन के लिए इन कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा होगी। प्रतिस्पर्धा में श्रेष्ठतम प्रारूप के अनुसार पार्क डिजाइन किया जाएगा। इसको विकसित करने के लिए अरावली फाउंडेशन की स्थापना होगी।
स्थानीय लोगों के लिए खुलेंगे रोजगार के द्वार
अरावली की पहाडि़यों में विकसित होने वाले जंगल सफारी पार्क से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के द्वार खुलेंगे। स्टे होम पालिसी के तहत ग्रामीणों को पर्यटकों को अपने घर पर रहने सहित देसी खानपान की सुविधा देकर आमदनी करने की छूट होगी। इससे ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
अरावली की पड़ाडि़यों का मनोरम दृश्य। (फाइल फोटो)
देश और विदेश में अनेकों ऐसे पर्यटक हैं जो एक-एक माह रहकर ऐसे बड़े जंगल सफारी में जीव-जंतुओं के रहन-सहन पर शोध करते हैं। ऐसे लोग आसपास के गांवों में ही रुकना पसंद करते है। इसके अलावा कई ऐसे गांव हैं जिनमें रहकर पर्यटक देसी खानपान का लुप्त उठा सकेंगे। इससे ग्रामीणों की आय बढ़ेगी।
चिडि़याघर प्राधिकरण दे चुका है तकनीकी सहमति
मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्रीय चिडि़याघर प्राधिकरण ने क्षेत्र का सर्वे कर अध्ययन किया है। दिल्ली के नजदीक इस तरह के पार्क की स्थापना की तकनीकी व्यवहार्यता पर सहमति भी व्यक्त की गई है। बता दें, अरावली पर्वत श्रृंखला पक्षियों, जंगली जानवरों और तितलियों की कई प्रजातियों का घर है। हरियाणा पर्यटन निगम के महानिदेशक के अनुसार, कुछ साल पहले किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, अरावली रेंज में पक्षियों की 180 प्रजातियां, स्तनधारियों की 15 प्रजातियां, जलीय जानवरों और सरीसृपों की 29 प्रजातियां और तितलियों की 57 प्रजातियां पाई गईं।
ये होंगे जंगल सफारी के मुख्य आकर्षण
- विश्व भर में पाए जाने वाले सरीसर्पों का एक बड़ा क्षेत्र (हर्पेटेरियम)।
- विश्व भर में पाए जाने वाली प्रजातियों का पक्षी घर ।
- बड़ी बिल्लियों (बिग कैट्स) के चार अलग जोन।
- शाकाहारी जीवों के लिए एक बड़ा क्षेत्र ।
- अंडरवाटर वर्ल्ड -प्राकृतिक पर्यटन क्षेत्र -बाटनिकल गार्डन -रेगिस्तान।