पानीपत टेक्सटाइल सिटी पर संकट, आज से कोयला से चलने वाले उद्योग बंद, करीब 3 लाख होंगे बेरोजगार
एक अक्टूबर यानी आज से ग्रेप लागू हो गया हैै । अब वही उद्योग चलेंगे जिनमें बायोमास अथवा पीएनजी फ्यूल के रूप में यूज की जा रही है। अगर अब कोई कोयला से उद्योग चलता मिलेगा तो बंद कर दिया जाएगा। उसे सील और जुर्माना की कार्रवाई की जाएगी।
पानीपत, जागरण संवाददाता। पानीपत में आज से कोयले से चलने वाले उद्योग बंद होंगे। यदि कोई उद्योग चलता मिला तो उसे सील किया जाएगा। साथ ही जुर्माना लगाया जाएगा। जिन क्षेत्रों में पीएनजी की आपूर्ति शुरु हो चुकी है। उन क्षेत्र में कोयला आधारित उद्योग नहीं चलेंगे। पानीपत में सेक्टर 25 पार्ट 1 और दो के साथ सेक्टर 29 पार्ट 1 और दो सहित कुराड में पीएनजी (पाइप्ड नेचुरल गैस ) की आपूर्ति शुरू हो चुकी है।
जिन क्षेत्रों में पीएनजी की आपूर्ति शुरू नहीं हुआ है। उनमें बायोमास से उद्योगों को चलाने की 31 दिसंबर तक छूट दी गई है। कोयले पर आधारित उद्योग कहीं नहीं चलने दिए जाएंगे। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक चिमनी का एमीशन 80 मिली ग्राम प्रति मीटर क्यूब होने चाहिए। इससे अधिक होने पर उद्योगों कोे खिलाफ कार्रवाई होगी। पहले 80- मिली ग्राम प्रति मीटर क्यूब तक चिमनी का एमिशन मान्य था। उद्यमियों की माने तो 1.25 करोड़ा का इंस्ट्रूमेंट लगाकर भी 200 मिली ग्राम प्रति मीटर क्यूब का स्तर आता है।
तीन लाख श्रमिक प्रभावित
650 से अधिक उद्योग होंगे बंद। तीन लाख लेबर होगी प्रभावित। निर्यातक उद्योगों के साथ-साथ घरेलू उद्योग भी होगा प्रभावित। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी कमलजीत ने बताया कि ग्रेप में पहला कदम उद्योगों को पीएनजी पर चलवाना है। एक अक्टूबर से यह नियम लागू हो रहा है। पानीपत अब तक 48 उद्योगों ने पीएनजी के कनेक्शन लिए हैं।
एयर क्वालिटी इंडेक्स 200 एसपीएम पर जाने पर होगा ग्रेप लागू
30 सितंबर तक के बाद बायलर उद्योगों को पीएनजी व बायोमास ईंधन के रूप में प्रयोग करना है। सेक्टर 29 पार्ट 1 और पार्ट दो में स्थित उद्योगों का तीन माह तक सीएक्यूएम कमिशन फार एयर क्वालिटी मानिटरिंग ने 650 उद्योगों का निरीक्षण कर डाटा तैयार किया है। इन उद्योगों में बायलर की क्षमता और कौन सा ईंधन यूज किया जा रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी विनय उपाध्याय के नेतृत्व में टीम ने तीन माह में उ्दयोगों का डाटा तैयार कर लिया है। औद्योगिक सेक्टर 29 पार्ट एक और पार्ट दो में पीएनजी (पाइप्ड नेचुरेल गैस) की अडानीआइओसीएल आपूर्ति दे रहा है। इन सेक्टरों में पीएनजी लाइन होने के बावजूद भी कुल 48 उद्योगों ने ही सप्लाई का कनेक्शन लिया है। सबसा बड़ा पेंच यही है। महंगा ईंधन पड़ने के कारण उद्यमी कनेक्शन नहीं ले रहे। इन सेक्टरों में कनेक्शन होने के कारण अन्य क्षेत्र में अडानी आइओसीएल लाइन नहीं बिछा पा रहा है।
30 के बाद होगी उद्योगों की दोबारा जांच
30 सितंबर के बाद सीक्यूएम की टीम उद्योगों का दोबारा निरीक्षण करेगी। किन उद्योगों ने बायोमास की कंसेंट ली है अथवा नहीं सके हिसाब के कार्रवाई की जाएगी। कोयला व अन्य ईंधन पर निर्भर उद्योगों को चलने नहीं दिया जाएगा। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बायोमास के लिए कंसेंट रिन्यू किए हैं।
उद्योगों में घबराहट
उद्योगों में घबराहट बनी हुआ है। एक तरफ तो मार्केट में मंदी है। निर्यातकों के पास आर्डर 50-60 प्रतिशत कम है। दूसरी तरफ डाइंग प्रिटिंग उद्योगों पर बंदी की तलवार लटक गई है।उद्यमी अपनी इस समस्या को लेकर सीएक्यूएम की चेयरमैन एमएम कुट्टी से मिल चुके हैं, लेकिन कोई राहत नहीं मिली।
एक अक्टूबर से ग्रेप लागू
एक अक्टूबर के ग्रेप लागू होने जा रहा है। हालांकि एयर क्वालिटी इंडेक्स पीएम 10 का स्तर यदि 200 से ऊपर होता है तभी ग्रेप लागू होगा। अन्यथा नहीं। पानीपत का वायु गुणवत्ता का स्तर फिलहाल 120-25 चला रहा है। 200 से ऊपर जाने पर खतरा है।
चीफ सेक्रेटरी लेंगे बैठक
प्रदेश सरकार के चीफ सेक्रेटरी ग्रेप को लेकर तीन अक्टूबर को संबंधित विभागों की वीसी लेंगे जिसमें ग्रेप को लेकर उठाए गए प्रबंध की जानकारी लेंगे।
"प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी कमलजीत ने बताया कि अभी किसी भी उद्योगों को कोई नोटिस नहीं दिया गया है। 200 एसपीएम से ऊपर एयर क्वालिटी का स्तर जाता है तो ग्रेप लागू किया जाएगा। बायोमास से चलाने के इच्छुक उद्यमियों की कंसेंट रिन्यू की जा रही है। 30 सितंबर के बाद वही उद्योग चलेंगे जिनमें बायोमास अथवा पीएनजी फ्यूल के रूप में यूज की जा रही है।"