'भिखारी बुनियादी सुविधाओं से वंचित क्यों', पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार और यूटी प्रशासन से मांगा जवाब
पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने भिखारियों को बुनियादी सुविधाओं से वंचित रखने को लेकर हरियाणा सरकार और यूटी प्रशासन से जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा कि भीख मांगवाने वाले रैकेट चला रहे हैं वास्तविक भिखारियों और घोटालेबाजों के बीच अंतर करना मुश्किल है। इसके साथ ही हरियाणा सरकार की स्माइल योजना की समीक्षा करने का याचिकाकर्ता को आदेश दिया है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। भिखारियों को आधार कार्ड जारी करने और बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने की मांग वाली जनहित याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार और चंडीगढ़ प्रशासन को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। याचिका दाखिल करते हुए करनाल निवासी प्रदीप शर्मा ने हाई कोर्ट को बताया कि हरियाणा और चंडीगढ़ में भीख मांगने वाले रैकेट चल रहे हैं। वास्तविक भिखारियों और घोटालेबाजों के बीच अंतर करना बेहद मुश्किल हो गया है।
भिखारी बुनियादी सुविधाओं से वंचित क्यों: हाई कोर्ट
याची ने कहा कि भिखारियों को भोजन, आश्रय और आधार कार्ड जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने में हरियाणा सरकार और यूटी प्रशासन चंडीगढ़ पूरी तरह से विफल रहे हैं। यह सब संविधान के अनुच्छेद 21 और अनुच्छेद 46 के प्रविधानों का उल्लंघन है। राज्य सरकार व यूटी प्रशासन की ओर से कोई कदम न उठाए जाने के कारण भिक्षावृत्ति विरोधी अधिनियम का पुलिस वालों द्वारा दुरूपयोग किया जा रहा है।
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हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
नीति निर्देशक सिद्धांतों के अनुसार, भिखारियों के लिए कानून बनाना राज्य का कर्तव्य है लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है। सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार की ओर से पांच मार्च 2022 की नीति की प्रति पेश की गई। हाईकोर्ट को बताया गया कि इस नीति का नाम स्माइल है, जिसके तहत आजीविका और उद्यम के लिए हाशिए पर रहने वाले लोगों के लिए कार्य किया जाता है। यह नीति सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा अमल में लाई जा रही है।
हरियाणा सरकार की स्माइल योजना की समीक्षा करने का दिया आदेश
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति निधि गुप्ता की खंडपीठ ने चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से पेश वकील के साथ-साथ अतिरिक्त महाधिवक्ता हरियाणा को अपने-अपने जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही मामले को 29 फरवरी के लिए सूचीबद्ध करते हुए कोर्ट ने कहा कि इस बीच याचिकाकर्ता स्माइल योजना को कैसे लागू किया जा रहा है, इसकी पड़ताल करें।
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