हरियाणा में शिक्षा मंत्री का आदेश बेअसर, नहीं टूट रहा निजी स्कूलों और बुकसेलर्स का 'गठबंधन'; क्या करेगी सरकार?
हरियाणा में निजी स्कूलों और पुस्तक विक्रेताओं का गठजोड़ जारी है जिससे अभिभावक महंगी किताबें खरीदने को मजबूर हैं। शिक्षा मंत्री की चेतावनी के बावजूद स्थिति जस की तस है। शिक्षा निदेशालय को 57 शिकायतें मिली हैं। शिक्षा विभाग ने जांच के लिए कमेटी गठित की है जो मंत्री को रिपोर्ट सौंपेगी। पानीपत समेत कई जिलों से शिकायतें आई हैं।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार की चेतावनी के बावजूद प्रदेश में निजी स्कूल संचालकों तथा पुस्तक विक्रेताओं के बीच गठबंधन के मामले सामने आ रहे हैं। इस गठबंधन का सबसे अधिक नुकसान अभिभावकों को हो रहा है, जिन्हें महंगे दामों पर किताबें और वर्दी खरीदनी पड़ रही है।
निजी स्कूल संचालकों द्वारा अभिभावकों को बकायदा पर्चियां देकर चिन्हित पुस्तक विक्रेताओं से किताबें लेने के लिए बाधित किया जा रहा है। शिक्षा निदेशालय के पास इस सत्र के दौरान अब तक प्रदेश भर से 57 शिकायतें आ चुकी हैं।
शिक्षा मंत्री के आदेश का कोई असर नहीं
शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा हालांकि ऐसे निजी स्कूल संचालकों व पुस्तक विक्रेताओं के बीच कार्रवाई की चेतावनी दे चुके हैं, मगर इस कार्रवाई की चेतावनी का उन पर कोई असर नहीं हैं।
महंगी किताबों के साथ-साथ निजी स्कूलों में मान्यता नहीं होना, खराब बुनियादी ढांचा और अयोग्य शिक्षकों की नियुक्ति की शिकायतें भी शिक्षा निदेशालय के पास पहुंची हैं।
शिक्षा विभाग ने जांच के लिए अधिकारियों की एक कमेटी गठित कर दी, जो पूरे मामले की समीक्षा कर शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा को रिपोर्ट सौंपेगी।
इन जिलों से आई है शिकायतें
जिन जिलों से ज्यादा शिकायतें आई हैं उनमें पानीपत, सोनीपत, करनाल, अंबाला, गुरुग्राम, फरीदाबाद, रोहतक, पंचकूला शामिल हैं। पानीप जिला स्वयं शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा का जिला है। शिक्षा विभाग की ओर से कमेटी को अपनी रिपोर्ट इसी सप्ताह देने के निर्देश दिए गए हैं।
नए शैक्षणिक सत्र के दो सप्ताह तक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के हस्तक्षेप के बाद भी सरकारी प्राथमिक विद्यालयों के लगभग 65 प्रतिशत छात्रों को ही फ्री किताबें मिल पाई हैं। वितरित की जाने वाली 7.7 लाख पाठ्यपुस्तकों में से पांच लाख 12 अप्रैल तक स्कूलों में पहुंच चुकी हैं।
निजी स्कूलों के खिलाफ तैयार होगी रिपोर्ट
शिक्षा विभाग का हर साल का रटा-रटाया जवाब है कि पुस्तकों की आपूर्ति में देरी के कारण हमने तय किया है कि प्रक्रिया सितंबर में शुरू की जाएगी। जबकि, निविदाएं साल के अंत तक दो या तीन प्रकाशकों को आवंटित की जानी चाहिए।
स्कूल शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव पंकज अग्रवाल ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि कमेटी जिलों के दौरे के दौरान स्थानीय प्रशासन के सामने इन मुद्दों की समीक्षा करेगी।
इस मामले में निजी स्कूलों के विरूद्ध रिपोर्ट तैयार करके सरकार को भेजी जाएगी। उन्होंने कहा कि कमेटी कि रिपोर्ट में जिनके विरुद्ध शिकायत पुष्ट मिलेगी, उसके विरुद्ध कड़ी दंडात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
ये भी पढ़ें- PM मोदी के लौटते ही एक्शन मोड में CM नायब सैनी, अफसरों के कसे पेच; टूटी सड़कों की मरम्मत के दिए आदेश
ये भी पढ़ें- तीसरी पारी में तिगुनी रफ्तार से आगे बढ़ रहा हरियाणा, CM नायब बोले- NH से जुड़ रहा हर जिला; 24 घंटे बिजली आपूर्ति
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।