Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नई परमिट नीति के ड्राफ्ट के खिलाफ निजी बस संचालकों ने खेला मोर्चा

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Mon, 19 Jun 2017 05:43 PM (IST)

    हरियाणा रोडवेज कर्मचा‍रियों के दबाव के बाद बस परमिट नीति में बदलाव करने का निजी बस अापरेटरों ने विरोध किया है। आपरेटरों ने नई बस परिमिट न‍ीति के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

    नई परमिट नीति के ड्राफ्ट के खिलाफ निजी बस संचालकों ने खेला मोर्चा

    जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा रोडवेज कर्मचारियों के दबाव में नई बस रूट परमिट नीति को रद कर लाए जा रहे नए ड्राफ्ट के खिलाफ निजी बस संचालकों ने मोर्चा खोल दिया है। निजी बस मालिकों ने कहा है कि उन्हें पांच साल के लिए परमिट मिला है और वे किसी भी सूरत में पुराने रूटों पर नहीं जाएंगे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कहा- पांच साल के लिए मिला परमिट, पुराने रूटों पर नहीं लौटेंगे

    नई प्राइवेट बस रूट पॉलिसी के तहत परमिट लेने वाली बसों को चलाने पर सिरसा, जींद, कैथल, हिसार और फतेहाबाद सहित अन्य जिलों में रोडवेज कर्मचारी और निजी बस मालिक भिड़ते रहे हैं। यहां कई बार जाम लग चुका, जबकि प्रदेश स्तर पर भी दो बार चक्का जाम कर दिया गया। हाई कोर्ट में नई पॉलिसी को रद करने का शपथपत्र दे चुकी सरकार अब नया ड्राफ्ट तैयार कर रही है।

    यह भी पढ़ें: बच्चों को नहला रही थी महिला, अचानक आए तीन युवक और करने लगे छेड़छाड़

    इसके विरोध में उतरी हरियाणा सहकारी परिवहन समिति एसोसिएशन के प्रधान सुनील कुमार ने कहा कि पहली बार है जब तीन महीने में ही तृतीय श्रेणी कर्मचारियों के दबाव में कोई पॉलिसी रद कर इसे फिर से बनाया जा रहा है। समिति के कानूनी सलाहकार रविंद्र रावल ने कहा कि यह कानूनन गलत है क्योंकि किसी भी पॉलिसी को बनाने की एक प्रक्रिया है जिसके नोटिफिकेशन के बाद आपत्तियां भी लेनी होती है।

    अवैध वाहनों को बचाने के लिए खेल

    निजी बस संचालकों ने कहा कि रोडवेज कर्मचारियों की मिलीभगत से मैक्सी कैब की आड़ में अवैध रूप से सवारी ढो रहे दस हजार अवैध वाहनों को फायदा पहुंचाने के लिए यह सारा खेल हो रहा है। निजी बसें सारे नियम-कायदे पूरा करती हैं, लेकिन रोडवेज बसों का तो कोई परमिट ही नहीं लिया गया।

    यह भी पढ़ें: 55 वर्षीय महिला से पति ने पार्टी के बाद दोस्तों से करवाया सामूहिक दुष्कर्म

    हाई कोर्ट में करेंगे अवमानना का केस

    एसोसिएशन के पूर्व प्रधान दलबीर मोर ने कहा कि हाई कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया था कि जिन बस संचालकों को परमिट दिए जा चुके हैं, वह उनकी बसें चलवाना सुनिश्चित करे। इसके उलट क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी बसों के चालान काटकर दूसरे रूटों पर भेज रहे हैं। इसके खिलाफ हाई कोर्ट की अवमानना का केस किया जाएगा।

    यह भी पढ़ें: धर्मेंद्र की फिल्‍म देखकर बना फाैजी, 34 साल बाद हुई मुलाकात तो गले से लगाया

    उन्होंने कहा कि विभिन्न श्रेणियों को मुफ्त यात्रा कराने का दावा करने वाले वाले रोडवेज को सामाजिक कल्याण विभाग 52 करोड़, पुलिस विभाग 71 करोड़ और शिक्षा विभाग 125 करोड़ रुपये सालाना देता है। फिर भी रोडवेज 588 करोड़ के घाटे में क्यों है, इसकी जांच हो।