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    Chandigarh News: समान काम समान वेतन की नीति का पालन नहीं, अनुबंध कर्मियों की याचिका पर HC का नोटिस

    Updated: Tue, 06 Feb 2024 10:44 PM (IST)

    शहीद हसन खां मेवाती मेडिकल कॉलेज के अनुबंध कर्मियों को समान काम समान वेतन की नीति से वंचित रखा गया है। ये मामला पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट पहुंच गया है। याचिकाकर्ता ने डीए और मेवात में कार्य करने के लिए नियमित कर्मियों को मिलने वाला भत्ता देने की मांग की है। याचिका पर हरियाणा सरकार व अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने का आदेश दिया।

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    समान काम समान वेतन की नीति का पालन नहीं, अनुबंध कर्मियों की याचिका पर HC का नोटिस।

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। समान काम समान वेतन की नीति के बावजूद शहीद हसन खां मेवाती मेडिकल कॉलेज के अनुबंध कर्मियों को इससे वंचित रखने का मामला पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट पहुंच गया है। कर्मियों की याचिका पर हाई कोर्ट ने सरकार, स्वास्थ्य शिक्षा विभाग के निदेशक व अन्यों को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है।

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    याचिका दाखिल करते हुए सीमा व 30 अन्यों ने हाई कोर्ट को बताया कि वे सभी 2012-14 से मेडिकल अस्पताल में कार्य कर रहे हैं। सभी तय प्रक्रिया का पालन करते हुए विभिन्न पदों पर नियुक्त हुए थे। समान कार्य समान वेतन की नीति होने के बावजूद उन्हें नियमित कर्मियों को मिलने वाले लाभ से वंचित रखा जा रहा है।

    डीए और मेवात में कार्य करने वर्कर को भत्ता देने की मांग

    याचिकाकर्ताओं को न तो डीए मिलता है और न ही मेवात में कार्य करने वाले कर्मियों के लिए तय किया गया विशेष भत्ता। इसके साथ ही यह भी बताया गया कि महिला कर्मियों के साथ ही भेदभाव किया जा रहा है। नियमित महिला कर्मियों को 20 कैजुअल लीव मिलती हैं, चाइल्ड केयर लीव और मैटरनिटी लीव आदि का लाभ मिलता है, जबकि याचिकाकर्ताओं को नहीं। याचिकाकर्ताओं ने अपनी मांग को लेकर हरियाणा सरकार को मांगपत्र भी दिया था लेकिन तीन नवंबर 2017 की पालिसी को आधार बनाते हुए इसे खारिज कर दिया गया।

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    नियुक्ति की कोई बैकडोर एंट्री नहीं: याचिकाकर्ता

    याचिकाकर्ताओं ने कहा कि उनकी नियुक्ति कोई बैकडोर एंट्री नहीं है बल्कि मंजूर पदों पर तय प्रक्रिया का पालन करते हुए उन्हें भर्ती किया गया था। हाई कोर्ट ने याची पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद याचिका पर हरियाणा सरकार व अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।

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