Haryana News: पुलिसकर्मी स्वयं तैयार करेंगे अपना रिपोर्ट कार्ड, उत्कृष्ट कार्य पर मिलेगा सम्मान तो ढीले प्रदर्शन पर होगी जवाबदेही
पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने के लिए आकलन प्रपत्र तैयार किया जाएगा। प्रत्येक अधिकारी और कर्मचारी को उनके काम के आधार ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में बिजली निगमों की तर्ज पर अब पुलिस के अधिकारी और कर्मचारी भी अपना आंकलन खुद करेंगे। रिपोर्ट कार्ड में उत्कृष्ट कार्य होने पर इन्हें सम्मान दिया जाएगा तो ढीले प्रदर्शन वालों की जवाबदेही तय की जाएगी।
सभी पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को आकलन प्रपत्र वितरित कर दिए गए हैं। प्रपत्र में अलग-अलग रैंक पर कार्यरत पुलिसकर्मियों द्वारा किए जाने वाले कार्यों को परिभाषित करते हुए मुख्य निष्पादन संकेतक (की परफार्मेंस इंडिकेटर) तैयार किए गए हैं। प्रत्येक कार्य के लिए अलग-अलग अंक दिए जाएंगे।
शिकायतकर्ता का फीडबैक होगा अहम
पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने बताया कि प्रत्येक पुलिस अधिकारी अथवा कर्मचारी प्रपत्र में वर्णित बिंदु अनुसार काम करते हुए खुद को नंबर देंगे। जो पुलिसकर्मी निर्धारित मापदंडों के अनुसार कार्य नही करेंगे, उनके लिए निगेटिव मार्किंग का भी प्रविधान किया गया है।
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आकलन प्रपत्र में पुलिसकर्मी को समग्र आकलन के आधार पर 10 नंबर संबंधित पुलिस आयुक्त और पुलिस अधीक्षक द्वारा अलग से दिए जाने का प्रविधान भी किया गया है। यदि पुलिसकर्मी एक टीम के रूप में कार्य करेंगे तो नंबर संबंधित सुपरवाइजरी अधिकारी द्वारा दिए जाएंगे। नंबर पुलिसकर्मी की योग्यता, ईमानदारी तथा अनुशासन के आधार पर दिए जाएंगे।
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निगेटिव मार्किंग का भी किया गया है प्रविधान
आकलन प्रपत्र में शिकायतकर्ता की संतुष्टि को सर्वोपरि रखा गया है। थानों में दर्ज शिकायतों पर की गई कार्रवाई को लेकर शिकायतकर्ताओं से फीडबैक लिया जा रहा है। यदि थाने में 80 प्रतिशत से अधिक शिकायतकर्ताओं द्वारा संतुष्टि जताई जाती है तो संबंधित थाना, चौकी अथवा पुलिसकर्मी को 10 नंबर मिलेंगे। इसी प्रकार नशा मुक्ति अभियान में उल्लेखनीय कार्य करने वाले थानाध्यक्षों, चौकी प्रभारियों व पुलिसकर्मियों को अलग से 10 नंबर दिए जाएंगे।
सात श्रेणियों में बांटे पुलिस अधिकारी और कर्मचारी
डीजीपी ने कहा कि आकलन प्रपत्र के परिणामों के आधार पर आगे की कार्ययोजना तैयार की जाएगी। विभाग द्वारा सात अलग-अलग प्रपत्र तैयार किए गए हैं। प्रत्येक पुलिस अधिकारी अथवा कर्मचारी को उनके कार्यों के अनुरूप अलग-अलग श्रेणियों में विभाजित किया गया है।
एएसपी, डीएसपी तथा एसीपी को पहली श्रेणी में तथा एसएचओ तथा पुलिस पोस्ट इंचार्ज को दूसरी श्रेणी में रखा गया है, जबकि तीसरी श्रेणी में क्राइम यूनिट इंचार्ज, चौथी श्रेणी में हेड कांस्टेबल से लेकर पुलिस थाने तथा पुलिस चौकी में नियुक्त के जांच अधिकारियों को रखा गया है। क्राइम यूनिट में तैनात पुलिसकर्मियों तथा अन्य इंचार्ज की अलग से श्रेणी होगी। ग्राम प्रहरियों को कार्यों के अनुरूप अलग श्रेणी में रखा गया है। इसी तरह सभी अन्य पुलिसकर्मियों को उनके कार्यों के अनुसार, एक अलग श्रेणी में रखते हुए प्रपत्र तैयार किया गया है।
बिजली निगमों में सफल रहा प्रयोग
पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने आकलन प्रपत्र को लेकर यह प्रयोग बिजली वितरण कंपनियों के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक के पद पर रहते हुए भी किया था। इस प्रयोग के सकारात्मक परिणाम रहे जिसके बाद अब इसे पुलिस विभाग में लागू किया गया है। आकलन प्रपत्र के परिणामों के आधार पर पुलिसकर्मियों की एसीआर तथा स्थानांतरण सहित उनकी कार्य प्रणाली को लेकर कई अन्य महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे जिससे उनकी कार्य क्षमता को बढ़ाया जा सके।

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