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    जाट आंदोलन: हालत की पल-पल की रिपोर्ट ले रहे हैं प्रधानमंत्री मोदी व अमित शाह

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Sat, 11 Feb 2017 12:00 PM (IST)

    जाट आरक्षण आंदोलन और जाट नेताओं से वार्ता पर भााजपा के केंद्रीय नेतृत्‍व की पूरी निगाह है। शीर्ष नेतृत्‍व इस बारे में हरियाणा सरकार से पल-पल की रिपोर्ट ले रही है।

    जाट आंदोलन: हालत की पल-पल की रिपोर्ट ले रहे हैं प्रधानमंत्री मोदी व अमित शाह

    जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में चल रहे जाट आंदोलन से उपजी स्थितियों और जाट नेताओं से बातचीत के बारे में भाजपा का शीर्ष नेतृत्व पल-पल की रिपोर्ट ले रहा है। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मद्देनजर सरकार पर आंदोलनकारी जाटों को साधने का दबाव है। इसके साथ सरकार खुद भी इस आंदोलन के लंबा चलने के हक में नहीं है। बताया जाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह जाट आंदाेलन को लेकर पल-पल की रिपोर्ट ले रहे हैं।

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    प्रदेश में पिछले जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान जिस तरह से हिंसा हुई, उसके मद्देनजर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह पूरी रिपोर्ट हासिल कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी पर निगाह है। शाह और राजनाथ सिंह ने सरकार को आंदोलन तुरंत खत्म कराने की हिदायतें दी हैं।

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    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इशारे के बाद अमित शाह ने पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के दिल्ली निवास पर जाट नेताओं से मंत्रणा की थी। हालांकि इस दौरान हरियाणा के आंदोलनकारी जाट नेताओं का प्रतिनिधित्व नहीं था। उत्तर प्रदेश में शनिवार को पहले चरण का मतदान चल रहा है। लिहाजा सरकार येन-केन-प्रकारेण जाट आंदोलन खत्म कराना चाहती है और वार्ता कर जाटों में सकरात्मक संदेश देना चाहती है।

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    उत्तर प्रदेश चुनाव की वजह से बढ़ रही मुश्किलें उन तत्वों से सावधान रहने की जरूरत है, जो आंदोलन से जुड़े मुद्दों की आड़ में उत्पात कराते हैं। थोड़ी सी लापरवाही या छोटी सी चूक आंदोलन का रुख मोड़ कर रख देती है।

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    '' पिछले आंदोलन में सरकार की रुचि मुद्दे हल करने की बजाय अपने विरोधियों को फंसाने में अधिक दिखी। इनेलो ने फरवरी में जाट आरक्षण के हक में कभी बयान तक नहीं। आज धरने दे रही है।

    - रणसिंह मान, कांग्रेस नेता।

    '' आरक्षण में विलंब और आंदोलन दोनों ही सरकार द्वारा पैदा की गई समस्या है और सरकार इस मुद्दे को जानबूझकर लटकाए रखना चाहती है। पिछली बार भी आरक्षण को लेकर सरकार ने एक षड्यंत्र के तहत जनता को आपस में लड़वाकर आपसी भाईचारा बिगाड़ने का खेल-खेला था। वहीं अब भी भाजपा अध्यक्ष अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। सरकार जब तक राजकुमार सैनी व सुभाष बराला सरीखे नेताओं पर लगाम नहीं लगाएगी, तब तक माहौल में तनाव रहता है।

    -अभय सिंह चौटाला, नेता विपक्ष, इनेलो।

    '' भाजपा ने जाट समुदाय के लोगों को आरक्षण दिया। पिछली सरकारों में रह चुके हुड्डा और चौटाला ने कभी उनके हितों की नहीं सोची। हमारी नीयत साफ है। आंदोलनकारियों को समझना होगा कि इनेलो और कांग्रेस उनके कंधे पर बंदूक रखकर राजनीति कर रहे हैं।

    - राजीव जैन, अध्यक्ष, मीडिया प्रकोष्ठ, हरियाणा भाजपा।

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