हरियाणा में सीधे एचसीएस और एचपीएस नियुक्त होंगे पदक विजेता खिलाड़ी
हरियाणा सरकार ने राज्य में खेल और खिलाडि़याें को बढ़ावा देने के लिए बड़ा निर्णय किया है। अब ओलंपिक व अन्य खेल प्रतियोगिताआें में पदक विजेता सीधे एचसीएस और एचपीएस नियुक्त होंगे।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा के पदक विजेता खिलाडिय़ों पर मनोहर सरकार मेहरबान हो गई है। ओलंपिक खेल, चार साल में एक बार होने वाली वर्ल्ड चैंपियनशिप और एशियन खेलों में गोल्ड जीतने वाले प्रदेश के खिलाडिय़ों को नकद पुरस्कार के साथ अब सीधे हरियाणा प्रशासनिक सेवा (एचसीएस) और हरियाणा पुलिस सेवा (एचपीएस) नियुक्त किया जा सकेगा।
राष्ट्रमंडल खेलों में पदक की बौछारों के बीच खिलाडिय़ों पर मेहरबान हुई मनोहर सरकार
मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में आउटस्टैैंडिंग खिलाडिय़ों को सीधे एचसीएस और एचपीएस पदों पर नियुक्ति देने की नीति को मंजूरी दी गई। प्रस्ताव आया कि इन खिलाडिय़ों के एचसीएस और एचपीएस के पद के आगे स्पोट्र्स आनरेरी लिखा जाए।
कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़, वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु व समाज कल्याण राज्य मंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने खेल मंत्री अनिल विज के खिलाडिय़ों को एचसीएस व एचपीएस बनाने के प्रस्ताव का खुला समर्थन किया। खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग के प्रधान सचिव डा. अशोक खेमका ने यह नीति तैयार की है।
भाजपा सरकार ने पिछली हुड्डा सरकार की खेल नीति में बदलाव करते हुए सीधे एचसीएस और एचपीएस लगाने की नई नीति को सभी विभागों, बोर्ड-निगमों के अलावा यूनिवर्सिटी और ट्रिब्यूनल में भी लागू कर दिया है। अभी तक केवल पुलिस, खेल, पंचायत और शिक्षा विभाग में ही पदक विजेता खिलाडिय़ों को रोजगार मिलता था। खेल एवं युवा मामले विभाग द्वारा नौकरियों के लिए उन खिलाडिय़ों की सिफारिशें मुख्य सचिव को की जाएंगी, जो पदक लाने के बाद नौकरी के लिए आवेदन करेंगे।
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किसी खेल में पदक विजेता अकेला हो या टीम में पांच या इससे अधिक खिलाड़ी, सभी रोजगार पाने के हकदार होंगे। नीति में यह भी स्पष्ट किया गया है कि सीधे एचसीएसऔर एचपीएस नियुक्त किए जाने वाले खिलाडिय़ों के आगे ऑनरेरी शब्द लिखा जाएगा। नियुक्ति के बाद उन्हें प्रोबेशन पीरियड क्लीयर करना होगा और संबंधित सभी तरह की परीक्षाएं पास करनी होंगी। इसके बाद वे एचसीएस और एचपीएस बन जाएंगे।
एकेडमी के लिए मिलेगी 10 एकड़ तक जमीन
हरियाणा सरकार ने ओलंपिक में पदक विजेता खिलाडिय़ों को खेल एकेडमी स्थापित करने के लिए जमीन देने का भी फैसला किया है। लोंग टर्म लीज के तहत ऐसे खिलाडिय़ों को 10 एकड़ जमीन उपलब्ध करवाई जाएगी। इसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी फैसला करेगी। जमीन तभी मिलेगी, जब संबंधित खेल से जुड़ी इंटरनेशनल स्तर की खेल अकादमी या परिसर राज्य में नहीं होगा।
किस खिलाड़ी को मिलेगी कौन सी नौकरी
ओलंपिक पदक विजेता
ओलंपिक खेलों में स्वर्ण व रजत पदक हासिल करने वाले खिलाड़ी को एचसीएस या एचपीएस की नौकरी मिलेगी। कांस्य पदक विजेता भी क्लास-वन (एचसीएस व एचपीएस को छोड़कर) नौकरी का हकदार होगा। क्वार्टर फाइनल या इससे ऊपर पहुंचने वाले खिलाडिय़ों को भी सरकार ग्रुप बी की नौकरी देगी।
राष्ट्रमंडल खेलों के पदक विजेता
राष्ट्रमंडल खेलों में गोल्ड पदक लाने वाले को ग्रुप-ए (एचसीएस व एचपीएस को छोड़कर), रजत पदक विजेता को ग्रुप-बी और कांस्य पदक विजेता को ग्रुप-सी के तहत नौकरी मिलेगी।
वर्ल्ड चैंपियनशिप के पदक विजेता
वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड पदक विजेता को सीधे क्लास-टू का रोजगार मिलेगा। सिल्वर व कांस्य पदक विजेता खिलाड़ी क्लास-थ्री की नौकरी के हकदार होंगे।
वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स के पदक विजेता
इन खेलों में स्वर्ण पदक हासिल करने वाले खिलाडिय़ों को क्लास-वन (एचसीएस व एचपीएस को छोड़कर) अधिकारी की नौकरी मिलेगी। सिल्वर व कांस्य पदक विजेता ग्रुप-बी और क्वार्टर फाइनल और इससे ऊपर तक पहुंचने वाले खिलाडिय़ों को क्लास-थ्री की नौकरी मिलेगी।
वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स (नॉन-ओलंपिक) के पदक विजेता
इन प्रतियोगिताओं में स्वर्ण पदक जीतने वाले खिलाड़ी ग्रुप-बी तथा रजत व कांस्य पदक विजेता खिलाड़ी क्लास-थ्री की नौकरी हासिल कर सकेंगे।
अन्य एशियन व कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप
इन खेलों में केवल स्वर्ण पदक विजेताओं को ही रोजगार मिलेगा। ऐसे खिलाडिय़ों को क्लास-थ्री की नौकरी मिलेगी।
वर्ल्ड चैैंपियनशिप के पदक विजेता
चार वर्षों में एक बार होने वाली वर्ल्ड चैैंपियनशिप के गोल्ड पदक विजेता जो एचसीएस या एचपीएस तथा सिल्वर पदक विजेता को ग्र्रुप -ए (एचसीएस व एचपीएस को छोड़कर) की नौकरी दी जाएगी। कांस्य पदक विजेता को ग्रुप-बी और क्वार्टर फाइनल या इससे ऊपर पहुंचने वाले खिलाड़ी को ग्रुप सी की नौकरी मिलेगी।
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एशियन गेम्स के पदक विजेता
ओलंपिक काउंसिल ऑफ एशिया के तहत होने वाले इन खेलों में स्वर्ण पदक विजेता को क्लास-वन (एचसीएस व एचपीएस को छोड़कर) की नौकरी मिलेगी। सिल्वर पदक विजेता को ग्रुप-बी और कांस्य पदक विजेता को क्लास-थ्री की नौकरी मिलेगी।