Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हरियाणा की परिवहन नीति को हाईकोर्ट में दी गई चुनौती

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Wed, 22 Mar 2017 11:54 AM (IST)

    हरियाणा सरकार की परिवहन नीति को हाई कोर्ट में चुनाती दी गई है। हाई कोर्ट ने इस पर राज्‍य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

    हरियाणा की परिवहन नीति को हाईकोर्ट में दी गई चुनौती

    जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा परिवहन नीति को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। हाई कोर्ट में याचिका दायर कर इस नीति की  ड्राफ्ट स्कीम को खारिज किए जाने की मांग की गई है। हाई कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर 6 अप्रैल को जवाब देने को कहा है।

     मामले में नयाबाश कोपरेटिव ट्रांसपोर्ट सोसाइटी लिमिटेड समेत आठ ट्रांसपोर्ट सोसाइटी ने हरियाणा सरकार, ट्रांसपोर्ट कमिश्नर, रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी के सचिव अौर एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को पक्ष बनाया गया पार्टी बनाते हुए याचिका दायर की है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह भी पढ़ें: किताब लाने जा रही दसवीं की छात्रा काे अगवा कर सामूहिक दुष्कर्म

    याचिका में 17 फरवरी 2017 सरकारी गजेट मेंं प्रकााशित संबंधित स्कीम पर सवाल उठाए गए हैं। इसे  मोटर व्हीकल एक्ट के प्रावधानों के विपरीत बताया गया है। याचिका में कहा गया है कि यह नीति राज्य सरकार द्वारा तय नियमों हरियाणा मोटर व्हीकल रुल्स, 1993 के भी विपरीत है। याचिका में स्कीम के संबंध में नियम व शर्तों समेत ऑफर लेटर को भी खारिज किए जाने की मांग रखी गई है।

    यह भी पढ़ें: स्‍कूल के ग्राउंड में खेलने से रोका ताे युवी के फैन ने बनाया खुद का क्रिकेट स्‍टेडियम

    हाईकोर्ट से मांग की गई है कि प्रतिवादी पक्ष को आदेश दिए जाए कि स्कीम को लागू करने की दिशा में आगे प्रक्रिया शुरू न करे। इसके साथ ही यथास्थिति बरकरार रखी जाए। याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि राज्य सरकार ने मोटर व्हीकल एक्ट के तहत वर्ष 1993 में परिवहन नीति जारी कर प्राइवेट ऑपरेटर्स को परमिट की मंजूरी दी थी। इसके तहत परमिट उन्‍हें जारी किए गए थे। इन्‍हें समय-समय पर रिन्यू करवाया जाता रहा है।

    यह भी पढ़ें: सौतेला पिता अपने ही जाल में फंसा, नाबालिग बेटी से करता था दुष्‍कर्म