हुड्डा या फिर कोई और... दिल्ली चुनाव के ठीक बाद हरियाणा को मिलेगा विपक्ष का नेता, कांग्रेस किस पर जताएगी भरोसा?
हरियाणा में विपक्ष के नेता के चयन में देरी हो रही है। हालांकि प्रदेश में अब विपक्ष नेता की कुर्सी ज्यादा दिनों तक खाली नहीं रहेगी। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा विपक्ष के नेता के प्रबल दावेदार हैं। कांग्रेस के शीर्ष नेता दिल्ली विधानसभा चुनाव में व्यस्त हैं। आपसी कलह के चलते ही दिल्ली के चुनाव में हरियाणा के ज्यादा पार्टी नेताओं की ड्यूटी नहीं लगाई गई है।

अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। फरवरी माह के अंतिम सप्ताह में आरंभ होने वाले हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र तक प्रदेश में विपक्ष नेता चुने जाने की पूरी संभावना है। भाजपा सरकार को बने करीब तीन माह पूरे हो चुके हैं, लेकिन अभी तक कांग्रेस विपक्ष के नेता का चयन नहीं कर पाई है। कांग्रेस के शीर्ष नेता दिल्ली विधानसभा के चुनाव में व्यस्त हैं।
वहां पांच फरवरी को मतदान और आठ फरवरी को चुनाव नतीजों के बाद कांग्रेस नेता हरियाणा की तरफ ध्यान देंगे। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने संकेत दिए हैं कि दिल्ली चुनाव के बाद हरियाणा कांग्रेस का संगठन भी बनकर तैयार हो जाएगा और विपक्ष के नेता का फैसला भी संभव है।
विपक्ष नेता के प्रबल दावेदार हैं हुड्डा
दो बार मुख्यमंत्री रह चुके भूपेंद्र सिंह हुड्डा विपक्ष के नेता के प्रबल दावेदार हैं। पिछली भाजपा सरकार में भी हुड्डा ही विपक्ष के नेता थे, इस बार कांग्रेस नेताओं की आपसी गुटबाजी के चलते कांग्रेस हरियाणा में सत्ता से वंचित रह गई और भाजपा तीसरी बार सरकार बनाने में सफल हो गई।
हरियाणा के नेताओं की आपसी गुटबाजी से कांग्रेस के शीर्ष नेता नाराज हैं और उन्होंने हरियाणा कांग्रेस को फिलहाल उसके हाल पर छोड़ दिया है। प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया और प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान के बीच पार्टी की हार को लेकर तलवारें खिंची हुई हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा के बीच अभी तक सुलह नहीं हो पाई है।
कांग्रेस में खत्म नहीं हो रही आपसी कलह
आपसी कलह के चलते ही दिल्ली के चुनाव में हरियाणा के ज्यादा पार्टी नेताओं की ड्यूटी नहीं लगाई गई है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के स्थान पर उनके सांसद बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा को कांग्रेस ने दिल्ली के चुनाव में स्टार प्रचारक बनाया है, जबकि हुड्डा विरोधी खेमे की तरफ से रणदीप सुरजेवाला और कुमारी सैलजा को स्टार प्रचारक नियुक्त किया गया है
हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी दीपक बाबरिया और प्रदेशाध्यक्ष चौधरी उदयभान समेत सभी वरिष्ठ नेताओं को दिल्ली के चुनाव से अलग रखा गया है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने दिल्ली में कांग्रेस की जीत के लिए अप्रत्यक्ष रूप से कमान संभाली हुई है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा के दिल्ली आवास पर कांग्रेस नेताओं, सांसदों और विधायकों की लगातार बैठकें चल रही हैं।
हुड्डा दिल्ली में आप और भाजपा पर हमलावर हैं तथा बातचीत के दौरान शीला दीक्षित के कार्यकाल को याद करते हुए दावा कर रहे हैं कि कांग्रेस के समय में ही दिल्ली की विकास हो चुका है, उसके बाद किसी दल ने दिल्ली की चिंता नहीं की है।
'प्रदेशाध्यक्ष के चुनाव में देरी खास बात नहीं'
भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि कर्नाटक में भाजपा ने भी कई माह बाद विपक्ष के नेता का चयन किया था। हरियाणा में देरी हो रही है तो कोई खास बात नहीं है। बता दें कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने 23 फरवरी को हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई है, जिसमें बजट सत्र की तारीख घोषित होगी।
उम्मीद की जा रही है कि 14 फरवरी से हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र आरंभ हो सकता है और 21 फरवरी को राज्य का बजट आ सकता है। हुड्डा ने संकेत दिए हैं कि दिल्ली चुनाव के बाद और बजट सत्र से पहले कांग्रेस का मजबूत संगठन भी तैयार हो जाएगा और विपक्ष के नेता का भी चयन हो जाएगा।
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