दिल्ली के नतीजों से प्रभावित होंगे हरियाणा के शहरी निकाय चुनाव, ट्रिपल इंजन सरकार का नारा बुलंद करेगी बीजेपी
दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी की प्रचंड जीत का असर हरियाणा के आगामी शहरी निकाय चुनावों पर भी पड़ सकता है। दिल्ली में हार के बाद मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं में निराशा है जिससे उनके तेवर ढीले पड़ गए हैं। निकाय चुनाव जीतने के लिए बीजेपी ट्रिपल इंजन की सरकार के नारे की रणनीति पर आगे बढ़ रही है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। दिल्ली के विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Election Result) में भाजपा की प्रचंड जीत का असर हरियाणा में होने वाले शहरी निकाय चुनाव पर भी देखने को मिल सकता है। भाजपा के करीब दो दर्जन नेताओं ने दिल्ली के चुनाव में कमल का फूल खिलाने के लिए दिन-रात मेहनत की है।
यही नेता अब हरियाणा में वापस लौट आए हैं और शहरी निकाय चुनाव की रणनीति बनाने में जुट गये हैं। भाजपा राज्य के शहरी निकाय चुनाव को बड़े ही रणनीतिक ढंग से लड़ने की तैयारी कर रही है।
निकाय चुनाव में ये रणनीति बना रही है बीजेपी
केंद्र में मोदी, हरियाणा में नायब और शहरों में ट्रिपल इंजन की सरकार के नारे के साथ भाजपा सरकार निकाय चुनाव को जीतने की रणनीति पर आगे बढ़ रही है। विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद राज्य के कांग्रेस नेता शहरी निकाय चुनाव में फिर से खड़े होने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन दिल्ली के चुनाव नतीजों ने उनके पैर लड़खड़ा दिये हैं।
सिर्फ नगर निगम चुनाव ही सिंबल पर लड़ेगी कांग्रेस
दो दिन पहले हुई कांग्रेस की बैठक में सिर्फ नगर निगम के चुनाव ही सिंबल पर लड़ने का निर्णय लिया गया था। नगर परिषद व नगर पालिकाओं के चुनाव सिंबल पर लड़ने अथवा नहीं लड़ने का फैसला पार्टी के सह प्रभारी जितेंद्र बघेल व प्रफुल्ल पटेल पर छोड़ दिया गया था।
अब दिल्ली के चुनाव नतीजों के बाद दोनों सह प्रभारी, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान नगर पालिका व परिषदों के चुनाव भी सिंबल पर लड़ने का निर्णय लेंगे, इसकी बिल्कुल भी संभावना नहीं रही है।
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पहले से अधिक बढ़ा हुआ है बीजेपी का हौसला
दिल्ली के चुनाव नतीजों से भाजपा का हौसला पहले से कहीं अधिक बढ़ चुका है। भाजपा राज्य के प्रत्येक नगर निगम के लिए अलग संकल्प पत्र जारी करेगी। भाजपा को वैसे भी शहरों की पार्टी माना जाता है।
ऐसे में जनता को भी लग रहा है कि केंद्र व राज्य में पहले से भाजपा की सरकार है तो शहरी निकाय चुनाव में यदि वे गैर भाजपा उम्मीदवारों का चयन करेंगे तो उनके क्षेत्रों में विकास कार्यों पर विपरीत असर पड़ेगा।
दिल्ली चुनाव में भाजपा को मिली बहुमत
दिल्ली के चुनावी परिणाम में भाजपा की लहर देखने को मिली, जिसमें केजरीवाल की AAP बुरी तरह बिखर गई। भारतीय जनता पार्टी ने 27 वर्षों के बाद दिल्ली विधानसभा का चुनाव जीत कर सत्ता में वापसी की है।
भाजपा 70 में से 48 सीटें जीतने में सफल रही। यानी वर्ष 2020 के आठ सीटों के मुकाबले इस बार 40 ज्यादा सीटें जीतीं। वहीं, पिछले तीन चुनावों में 28, 67 और 62 सीटें जीतकर सरकार बनाने वाली आम आदमी पार्टी को महज 22 सीटें मिलीं, जो उसका अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन है।

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