नशे के जाल से मुक्त होंगे हरियाणा के युवा, खुलने जा रहे 46 नशा मुक्ति केंद्र, स्वास्थ्य मंत्री करेंगी निगरानी
हरियाणा सरकार युवाओं को नशे की लत से मुक्त करने के लिए 46 नए नशा मुक्ति केंद्र खोलेगी। इनमें से 12 जिला अस्पतालों और 34 उपमंडल स्तर पर खोले जाएंगे। स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने बताया कि वह खुद नशामुक्ति केंद्रों की निगरानी करेंगी। वर्तमान में राज्य में 130 नशा मुक्ति केंद्र हैं। इसके साथ ही नशा मुक्ति सेवाओं को मजबूत करने के लिए मनोचिकित्सकों की सेवाएं ली जाएंगी।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में युवाओं को नशा की लत से बाहर निकालने के लिए 46 और नशा मुक्ति केंद्र खोले जाएंगे। इनमें से 12 नशामुक्ति केंद्र जिला अस्पतालों और 34 नशामुक्ति केंद्र उपमंडल स्तर पर खोले जाएंगे।
स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने बृहस्पतिवार को प्रश्नकाल में बताया कि वह खुद नशामुक्ति केंद्रों की निगरानी करेंगी, ताकि आवश्यकता के अनुसार सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा सकें। उन्होंने बताया कि वर्तमान में राज्य में निजी, सरकारी और अर्ध-सरकारी केंद्रों को मिलाकर 130 नशा मुक्ति केंद्र संचालित हैं।
इन जिलों में प्रस्तावित है नशा मुक्ति केंद्र
जिन जिला अस्पतालों में नशा मुक्ति केंद्र प्रस्तावित हैं, उनमें भिवानी, चरखी दादरी, फरीदाबाद, झज्जर, जींद, पलवल, पानीपत, नूंह, रेवाड़ी, रोहतक, सोनीपत और यमुनानगर शामिल हैं। इसी तरह अंबाला कैंट, नारायणगढ़, लोहारु, बवानी खेड़ा, तोशाम, सिवानी, टोहाना, रतिया, बल्लभगढ़, पटौदी, सोहना, हांसी, आदमपुर, नारनौंद, बरवाला, नीलोखेड़ी, असंध, इंद्री, समालखा, शाहबाद, गोहाना, कलायत, गुहला, नरवाना, सफीदों, जगाधरी, महम, डबवाली, ऐलनाबाद, कालका, बहादुरगढ़, बेरी, कोसली, महेंद्रगढ़ में नशामुक्ति केंद्र खोले जाएंगे।
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स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि विभाग में कुल 20 नियमित और पांच संविदा मनोचिकित्सक हैं। मनोचिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए 38 चिकित्सा अधिकारियों ने मनोचिकित्सा विभाग पीजीआइएमइआर चंडीगढ़ से छह महीने का ऑनलाइन नशा मुक्ति प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया है।
चिकित्सा अधिकारियों से ली जाएंगी सेवाएं
नशा मुक्ति सेवाओं को मजबूत करने के लिए इन चिकित्सा अधिकारियों की सेवाएं ली जाएंगी। छह महीने के ऑनलाइन नशामुक्ति प्रशिक्षण की कड़ी में 50 चिकित्सा अधिकारियों का दूसरा बैच दिसंबर से शुरू हो चुका है।
नशीली दवाओं के दुरुपयोग का जल्द पता लगाने के लिए अस्पतालों में मूत्र ड्रग डिटेक्शन किट उपलब्ध कराई जा रहीं हैं। यह किट मूत्र के नमूनों में विभिन्न प्रकार की दवाओं जैसे ओपियोइड्स, कोकेन, कैनबिस, बैंजोडायजेपेन्स, एंफेटामाइन्स, बार्बिटुरेट्स के सेवन का तेजी से पता लगाती हैं।
इन किटों के माध्यम से नशीली दवाओं के दुरुपयोग का पता लगाने से डाक्टर को नशे के आदी व्यक्ति को उचित और प्रारंभिक उपचार प्रदान करने में मदद मिलती है। एड्स नियंत्रण सोसायटी राज्य में 18 ओपियोइड प्रतिस्थापन थेरेपी (ओएसटी) केंद्र चलाती है। इन केंद्रों में नशे की लत के शिकार लोगों को नशामुक्ति के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
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