हरियाणा में मजबूत होगा सड़कों का नेटवर्क, इन रास्तों को किया जाएगा पक्का; CM ने अधिकारियों को दिए निर्देश
हरियाणा सरकार अब सड़कों के नेटवर्क को और मजबूत करने जा रही है। 16.5 फीट से अधिक चौड़ाई वाले सभी रास्तों को पक्का भी किया जाएगा। सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं। सीएम ने अधिकारियों से यह भी कहा है कि बारिश के कारण क्षतिग्रस्त सड़कों का सर्वे करवाएं और रिपोर्ट दें कि कितनी सड़कों की मरम्मत की आवश्यकता है।

चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो। Haryana Roads Network हरियाणा में गांवों और शहरों के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए तीन करम (16.5 फीट) से अधिक चौड़ाई वाले सभी रास्तों को पक्का किया जाएगा। सड़क नेटवर्क को मजबूत करने के उद्देश्य से स्वीकृत 1647 सड़कों में से 1632 सड़कों के टेंडर हो चुके हैं और 1378 सड़कों का काम आवंटित किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में शनिवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रशासनिक सचिवों और जिला उपायुक्तों के साथ बैठक में यह जानकारी दी गई। इस दौरान स्वामित्व योजना, लोक निर्माण विभाग की सड़कों, मेरी फसल मेरा ब्योरा, मंडियों में फसल खरीद सुनिश्चित करने, मुख्यमंत्री घोषणाओं, मेरी माटी-मेरा देश, लिंगानुपात सहित अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं व कार्यक्रमों की समीक्षा की गई।
हर विधानसभा क्षेत्र को मिलेंगे 25 करोड़
मुख्यमंत्री (CM Manohar Lal) ने कहा कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के लिए विधायक को 25-25 करोड़ रुपये सड़कों के निर्माण के लिए स्वीकृत किए गए हैं। इन सड़कों की टेंडर प्रक्रिया को जल्द पूरा करें और वर्क अलाट करने में देरी न करें। उपायुक्त पांच करम के रास्तों का सीमांकन सुनिश्चित करें ताकि समयबद्ध तरीके से इन पर काम शुरू हो सके।
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उन्होंने कहा कि बारिश के कारण क्षतिग्रस्त सड़कों का सर्वे करवाएं और रिपोर्ट दें कि कितनी सड़कों की मरम्मत की आवश्यकता है। ऐसी सड़कों के लिए 20 लाख रुपये तक के कार्य कार्यकारी अभियंता की कमेटी अपने स्तर पर करवा सकती है। इससे ऊपर के कार्य के लिए मुख्यालय के पास फाइल आएगी। उन्होंने उपायुक्तों को सड़कों की गुणवत्ता की निगरानी सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।
'शिकायतों के समाधान में देरी नहीं होनी चाहिए'
मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों को निर्देश दिया कि जनसंवाद कार्यक्रमों के दौरान प्राप्त प्रस्तावों और मांगों की बारीकी से निगरानी करें। शिकायतों के समाधान में अनावश्यक देरी नहीं होनी चाहिए। शिकायतों का समाधान तभी माना जाएगा, जब प्रतिवेदन देने वाला व्यक्ति संतुष्ट होगा। उन्होंने कहा कि जन संवाद कार्यक्रमों में कुछ शिकायतें, विशेष रूप से सरपंचों द्वारा उठाई गई शिकायतों की मौके पर ही घोषणा होती है। इसलिए प्रशासनिक सचिव और उपायुक्त जन संवाद के दौरान की गई घोषणाओं की एक व्यापक सूची संकलित करें और इन्हें सीएम घोषणाओं में शामिल करें। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को शहरी स्थानीय निकायों और पंचायत विभागों में आने वाली मांगों की समय-समय पर समीक्षा करने पर भी जोर दिया।
'जनसंवाद पोर्टल पर आई शिकायतों को गंभीरता से लें अधिकारी'
सीएम ने कहा कि जनसंवाद पोर्टल पर उपायुक्तों और अतिरिक्त उपायुक्तों के कार्यालयों में प्राप्त सभी शिकायतों की बारीकी से निगरानी की जाए। उनका त्वरित समाधान सुनिश्चित किया जाए। साथ ही उपायुक्तों को पंचायतों से संबंधित मांगों से जुड़ी व्यवहार्यता और लागत अनुमानों की बारीकी से निगरानी करने के भी निर्देश दिए।
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