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    Haryana News: 'BJP-JJP का मकसद है किसानों का परेशान करना', पूर्व CM हुड्डा ने लगाए हरियाणा सरकार पर आरोप

    By Anurag AggarwaEdited By: Himani Sharma
    Updated: Thu, 28 Sep 2023 04:55 PM (IST)

    Haryana News भूपेंद्र हुड्डा ने हरियाणा सरकार पर आरोप लगाए हैं। उन्‍होंने कहा कि बीजेपी और जेजेपी किसानों को फसल की खरीद के लिए परेशान कर रही है। ऊपर ...और पढ़ें

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    पूर्व CM हुड्डा ने लगाए सरकार पर किसानों को परेशान करने का आरोप

    चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि बीजेपी-जेजेपी सरकार का मकसद फसल की खरीद करना नहीं बल्कि किसानों को परेशान करना है। सरकार द्वारा ऐलान किए जाने के बावजूद मंडियों में धान और बाजरे की खरीद नहीं हो रही है। क्योंकि सरकार ने धान खरीद का ऐलान तो कर दिया लेकिन साथ में कई तरह की शर्तें थोप दी गईं।

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    नहीं बन पा रहे जे और ई फॉर्म

    ऊपर से हमेशा की तरह खरीद शुरू होते ही पोर्टल ने काम करना बंद कर दिया, जिसकी वजह से जे-फॉर्म और ई-फॉर्म नहीं बन पा रहे। भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि मंडियों में फसल की आवक जोरों पर है, लेकिन अब तक उठान का कोई बंदोबस्त नहीं किया गया। प्रदेश की सारी मंडियां और मंडियों की तरफ जाने वालीं सड़कें पूरी तरह जाम हो चुकी हैं।

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    फसल उठान के लिए लगाई सरकार ने लगाई जीपीएस की नई शर्त

    फसल उठान के लिए भी सरकार ने जीपीएस की नई शर्त लगा दी, जिनकी वजह से टेंडर लेने वालों को उठान में देरी का बहाना मिल गया है। सरकार द्वारा मंडियों में खरीद, उठान और पेमेंट की कोई तैयारी नजर नहीं आ रही। जानबूझकर किसानों को सड़कों पर धरना प्रदर्शन करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री ने आंकड़ों का जिक्र करते हुए कहा कि मंडियों में करीब 20 लाख क्विंटल धान आ चुका है लेकिन खरीद मुश्किल से पांच लाख क्विंटल की ही हुई है।

    15 लाख क्विंटल धान मंडियों में पड़ा हुआ

    लगभग 15 लाख क्विंटल धान मंडियों में पड़ा हुआ है। इसी तरह 3.50 लाख क्विंटल बाजरा मंडियों में आ चुका है लेकिन खरीद करीब 40 हजार क्विंटल की ही हुई है। सरकार द्वारा खरीद में की जा रही लेटलतीफी का लाभ प्राइवेट एजेंसियां उठा रही हैं। मजबूरी में किसानों को एमएसपी से कम रेट पर फसल बेचनी पड़ रही है। उसे धान पर प्रति क्विंटल 200 से 300 रुपए और बाजरे पर 500-600 रुपये का घाटा हो रहा है।

    कपास की फसल में आई बीमारी का संज्ञान लेने की भी मांग

    नेता प्रतिपक्ष ने सरकार से कपास की फसल में आई बीमारी का संज्ञान लेने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि भिवानी, रोहतक, कैथल, फतेहाबाद, रेवाड़ी और सिरसा जिलों में सूंडी के चलते प्रति एकड़ 5-6 क्विंटल का नुकसान हुआ है। सिरसा में 85 प्रतिशत तक फसल बर्बाद हो गई है।

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    ज्यादातर जिलों में 50 प्रतिशत से ज्यादा का नुकसान है। ऐसे में सरकार को तुरंत गुलाबी सूंडी की रोकथाम के लिए विशेषज्ञों को फील्ड में उतारना चाहिए। जिन किसानों की फसल बीमारी से प्रभावित हुई है, उसकी गिरदावरी करवाकर जल्द मुआवजा दिया जाए।