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    पुलिस बलों में खाली पड़े पदों पर HC ने हरियाणा और पंजाब से मांगा जवाब, कहा- 'सरकार क्‍या कर रही कार्यवाही?'

    By Dayanand SharmaEdited By: Himani Sharma
    Updated: Thu, 28 Sep 2023 04:35 PM (IST)

    हाईकोर्ट ने पुलिस बलों में खाली पड़े पदों पर हरियाणा और पंजाब सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने सभी पक्षों से पूछा है कि उनके यहां कितने पद खाली पड़े ह ...और पढ़ें

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    पुलिस बलों में खाली पड़े पदों पर HC ने हरियाणा और पंजाब से मांगा जवाब

    चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो: पुलिस बलों में अधिकारियों और कर्मियों के खाली पड़े पदों के कारण कानून व्यवस्था प्रभावित होने व इस पर हाई कोर्ट द्वारा लिए गए संज्ञान पर कोर्ट ने सभी पक्षों को 11 अक्टूबर तक पक्ष रखने का आदेश दिया है। कोर्ट ने सभी पक्षों से पूछा है कि उनके यहां कितने पद खाली पड़े हैं और इन पदों को भरे जाने के लिए सरकार क्या कार्यवाही कर रही हैं।

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    नोटिस जारी करने की मांग

    चीफ जस्टिस रवि शंकर पर आधारित खंडपीठ ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर लिए संज्ञान पर सुनवाई करते पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ को नोटिस जारी कर यह जानकारी मांगी है। सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 2019 में एक जनहित याचिका का निपटारा करते हुए देश के सभी हाई कोर्ट को इस मामले में संज्ञान लेकर संबंधित सरकारों से यह जानकारी मांगे जाने के आदेश दिए थे।

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    खाली पड़े पदों के बारे में मांगी जानकारी

    सुप्रीम कोर्ट ने सभी हाई कोर्ट से यह आग्रह किया था कि वह इस मामले में स्वयं संज्ञान लेते हुए इस विषय को जनहित याचिका के तौर पर सुनें और राज्य सरकारों से उनके राज्य की पुलिस में अधिकारियों और कर्मियों के खाली पड़े पदों के बारे में जानकारी मांगें। साथ ही उनसे पूछें कि इन खाली पड़े पदों पर भर्ती के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है।

    कानून व्‍यवस्‍था की बिगड़ती जा रही स्थिति

    राज्यों में पुलिस बलों में कर्मियों के खाली पड़े पदों का प्रभाव सीधे तौर पर राज्य की कानून व्यवस्था की स्थिति पर पड़ता है। कर्मियों की कमी के कारण कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ती जा रही है। सुप्रीम कोर्ट में उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर वर्ष 2013 में यह याचिका दायर की गई थी।

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    इस याचिका का सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 2019 में निपटारा कर दिया था। लेकिन देश के अन्य राज्यों की पुलिस के बारे में संबंधित हाई कोर्ट को संज्ञान लेकर जनहित याचिका के तौर पर सुने जाने के आदेश दिए थे।