विधानसभा में गूंजेगा 'डंकी' का मुद्दा, अवैध इमिग्रेशन पर सख्त हरियाणा; बजट सत्र में बिल लाएगी नायब सरकार
हरियाणा सरकार ने अवैध तरीके से विदेश भेजने के मामलों पर लगाम लगाने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। विधानसभा के बजट सत्र में एक संशोधित विधेयक लाया जाएगा जिसमें सभी ट्रेवल एजेंटों के लिए पंजीकरण अनिवार्य होगा। कबूतरबाजी के दोषी ट्रेवल एजेंटों को तीन से 10 साल तक की कैद और दो से पांच लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।

राज्य ब्यूरो,चंडीगढ़। हरियाणा में कबूतरबाजी (विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों को बहला-फुसलाकर अवैध तरीके से भेजना) के बढ़ते मामलों को लेकर प्रदेश सरकार सख्त हो गई है।
डंकी के रास्ते अमेरिका गए युवाओं को डिपोर्ट किए जाने पर छिड़े राजनीतिक घमासान के बीच प्रदेश सरकार ने अब विधानसभा के बजट सत्र में संशोधित विधेयक लाने की तैयारी कर ली है।
गृह विभाग नए सिरे से विधेयक का ड्राफ्ट तैयार कर रहा है, जिसमें सभी ट्रेवल एजेंट के लिए पंजीकरण कराना होगा अनिवार्य होगा। कबूतरबाजी के दोषी ट्रेवल एजेंटों को तीन से 10 साल तक कैद और दो से पांच लाख रुपये तक जुर्माने का प्रविधान इस बिल में होगा।
प्रॉपर्टी जब्त करने का भी प्रावधान
इसके साथ ही कबूतरबाजी का दोष साबित होने पर आरोपित ट्रेवल एजेंट की प्रॉपर्टी भी जब्त कर ली जाएगी। पिछले साल 28 फरवरी को विधानसभा के बजट सत्र में भी हरियाणा ट्रेवल एजेंटों का पंजीकरण और विनियमन विधेयक पारित किया गया था।
इसे केंद्र सरकार ने कुछ आपत्तियों के साथ वापस लौटा दिया है। इन आपत्तियाें को दूर करते हुए नया बिल तैयार किया जा रहा है।
7 मार्च को बजट सत्र में रखा जाएगा बिल
सूत्रों के मुताबिक कबूतरबाजी पर नकेल कसने के लिए प्रस्तावित कानून को लेकर बिल का मसौदा गृह विभाग ने मुख्यमंत्री नायब सैनी के पास भेज दिया है। मुख्यमंत्री की हरी झंडी मिलने के बाद इस बिल को सात मार्च से शुरू हो रहे बजट सत्र में सदन पटल पर रखा जाएगा।
हरियाणा ट्रेवल एजेंटों का पंजीकरण और विनियमन विधेयक-2024 में कबूतरबाजों पर नियंत्रण के लिए प्रदेश सरकार ने कड़े प्रविधान किए थे।
ट्रेवल एजेंसी, जनरल सेल्स एजेंट, आइलेट्स कोचिंग सेंटर, पासपोर्ट और टिकटिंग सहित तमाम तरह की सेवाएं देने वालों को इस कानून के तहत लाया जाएगा। एक्ट के अनुसार इस तरह की सेवा देने के लिए सरकार से अधिकृत फीस चुकाकर लाइसेंस लेना जरूरी किया गया था।
अनधिकृत रूप से नहीं भेज सकेंगे विदेश
नए कानून के प्रभावी होने के बाद प्रदेश में कोई भी अनधिकृत तरीके से कहीं पर भी विदेश भेजने के नाम का दफ्तर नहीं खोल सकेगा। अगर कोई ट्रेवल एजेंट आपराधिक गतिविधियों में लिप्त पाया जाता है या प्रमाणपत्र की शर्तों का उल्लंघन करता है या दिवालिया हो जाता है तो उसका रजिस्ट्रेशन रद कर दिया जाएगा।
अदालत ट्रेवल एजेंटों के खिलाफ मामलों का फैसला करते समय उनकी अवैध रूप से अर्जित संपत्तियों को जब्त करने का आदेश भी दे सकती है।
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10 हजार से अधिक फर्जी ट्रेवल एजेंट सक्रिय
विदेश भेजने के नाम पर दफ्तर चलाने वाले ट्रेवल एजेंटों की मानिटरिंग के लिए प्रदेश में अभी कोई सिस्टम नहीं है। यही वजह है कि आए दिन कबूतरबाजी के मामले सामने आ रहे हैं।
प्रदेश में 10 हजार से अधिक फर्जी ट्रेवल एजेंट सक्रिय हैं जो विदेश भेजने के नाम पर ऑफिस खोलकर बैठे हैं। इनमें सबसे ज्यादा ट्रेवल एजेंट कैथल, कुरुक्षेत्र, अंबाला, यमुनानगर, करनाल और पानीपत जिलों में सक्रिय हैं।
अमेरिका से डिपोर्ट हुए हरियाणा के 110 लोग
अमेरिका द्वारा डिपोर्ट किए गए भारतीय नागरिकों में हरियाणा के 110 नागरिक वापस आ चुके हैं। ऐसे में हरियाणा में ट्रेवल एजेंटों के विरूद्ध कानून बनाने की मांग जोर पकड़ रही है।
अमेरिका से डिपोर्ट होकर पांच फरवरी को भारत आए पहले जहाज में हरियाणा के 33, दूसरे जहाज में 33 तथा तीसरे जहाज में 44 नागरिक शामिल हैं।
गृह सचिव सुमिता मिश्रा के अनुसार प्रदेश सरकार ने 26 कबूतरबाजों के खिलाफ केस दर्ज किए हैं। सभी जिला उपायुक्तों को कबूतरबाजों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
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