Delhi Haryana Border: हरियाणा ने दिल्ली की सीमाओं पर सख्ती और बढ़ाई, विज बोले- बिजनेस बाद में पहले जिंदगी
Delhi Haryana Border हरियाणा सरकार ने दिल्ली से लगती सीमाओं पर सख्ती बेहद कड़ी कर दी है। अनिल विज ने कहा कि बिजनेस बाद में पहले जान बचाना जरूरी है।
चंडीगढ़, जेएनएन। Delhi Haryana Border: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में हरियाणा के जिलों में कोरोना के बढ़ रहे केस के मद्देनजर प्रदेश सरकार किसी तरह की रियायत के मूड में नहीं है। हरियाणा सरकार ने दिल्ली की सभी सीमाएं सील करने के बाद सख्ती और बढ़ा दी है। इसके साथ ही सरकार ने एक हाई पावर कमेटी गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत और झज्जर जिलों में भेज दी है, जो वहां के पूरे हालात की एक विस्तृत रिपोर्ट गृह व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को सौंपेगी। लॉकडाउन-चार चूंकि 31 मई तक है, इसलिए यह सख्ती इसी अवधि तक रहेगी। यदि केंद्र सरकार लॉकडाउन-फाइव लागू करती है तो हरियाणा सरकार इस सख्ती को बररकार रखेगी तथा दिल्ली से किसी भी आम व्यक्ति को हरियाणा में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।
MHA की गाइड लाइन के मुताबिक यह सख्ती फिलहाल 31 मई तक, लॉकडाउन बढ़ा तो बरकरार रहेगी सख्ती
हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने गृह सचिव विजयवर्धन को पत्र लिखकर दिल्ली की सीमाएं सील करने के आदेश दे दिए थे। गृह मंत्री के इन आदेशों को एकदम अमल में लाया गया। इसका असर शनिवार भी सुबह से दिख रहा है। दिल्ली-गुरुग्राम, दिल्ली-फरीदाबाद, सोनीपत के कुंडली बार्डर और बहादुरगढ़ में टिकड़ी बार्डर पर सुबह से ही बेहद सख्ती है। झज्जर में भी दिल्ली से लगी सीमा पर बेहद सख्ती है।
सीमाओं पर डाक्टरों, वकीलों, पैरा मेडिकल स्टाफ, नर्स, स्वास्थ्य कर्मियों, एंबुलेंस और सफाई कर्मियों को छोड़कर किसी भी व्यक्ति को दिल्ली से हरियाणा की सीमा में प्रवेश नहीं करने दिया गया। केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) की गाइडलाइन में जिन जरूरी सेवाओं को आवश्यक बताया गया है, उन्हेंं बाधित नहीं होने दिया जा रहा है।
दिल्ली से सटे हरियाणा के चार जिलों में स्थिति का आकलन करने के लिए विज ने हाई पावर कमेटी को भेजा
अनिल विज ने जागरण से बातचीत में बताया कि एमएचए की जो गाइड लाइन होगी, हरियाणा उसका पूरी तरह से अनुपालन करेगा। हरियाणा ने पहले भी एमएचए की हर गाइड लाइन का अनुपालन किया है। इसीलिए हमारे यहां कोरोना काफी नियंत्रण में हैं।
जरूरी सेवाएं बाधित नहीं होंगी, दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले पर अमल होगा, लेकिन आम आदमी की एंट्री नहीं
उन्होंने कहा कि हरियाणा को दिल्ली की सीमा पर जो सख्ती करनी पड़ी है, उसकी बड़ी वजह यह है कि वहां से संक्रमित होकर लोग हरियाणा में आ रहे हैं। इससे दिल्ली से सटे हरियाणा के चार जिलों फरीदाबाद, गुरुग्राम, सोनीपत और झज्जर में कोरोना के केस बढ़ गए। अकेले गुरुग्राम में 400, फरीदाबाद में 300, सोनीपत में भी 300 और झज्जर जिले में करीब 200 केस कोरोना के सामने आ चुके हैं। बाकी जिले ऐसे हैं, जिनमें 50 या उससे कम केस हैं।
अनिल विज के मुताबिक एमएचए की जो गाइड लाइन जारी हुई थी, उसमें जिनको छूट देने के लिए कहा गया था, हमने उनको छूट दी है। दिल्ली हाई कोर्ट में भी यह केस चला। दिल्ली हाई कोर्ट ने जिन कैटेगरी को छूट देने के लिए कहा, हमने उन्हेंं छूट दी, लेकिन कहीं भी आम आदमी के आने जाने पर कोई छूट नहीं दी गई है। आम आदमी के लिए छूट न तो एमएचए की गाइड लाइन में और न ही दिल्ली हाईकोर्ट ने ऐसी कोई डायरेक्शन दी है। इसलिए हरियाणा सरकार का एक्शन पूरी तरह से वाजिब है।
हरियाणा बचेगा तो बिजनेस बचेगा, हमारे लिए पहले प्रदेश
अनिल विज ने कहा, हमें दिल्ली और हरियाणा के बीच बिजनेस के रिश्तों को लेकर कोई चिंता नहीं है। यदि हरियाणा सुरक्षित होगा तो बिजनेस भी चलाया जा सकेगा। बिजनेस आरंभ करने के लिए हम हरियाणा की जनता को खतरे में नहीं डाल सकते। सबसे पहले हमारे प्रदेश को हम बचा सकें, यह हमारा ड्यूटी भी है और धर्म भी है। एमएचए की गाइड लाइन है कि इंटर स्टेट मूवमेंट की अनुमति नहीं देनी है। हम उसी का अनुपालन कर रहे हैं।
हाई पावर कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर बढ़ेगी सख्ती
गृह मंत्री विज के अनुसार स्वास्थ्य सचिव राजीव अरोड़ा के नेतृत्व में एक हाई पावर कमेटी दिल्ली के साथ लगते हरियाणा के जिलों का मुआयना करने गई है। इस कमेटी में हरियाणा के स्वास्थ्य महानिदेशक डा. सूरजभान कांबोज समेत कई अधिकारी शामिल हैं। यह कमेटी जल्द ही अपनी रिपोर्ट देगी। यदि कमेटी को हालात ज्यादा खराब लगते हैं तो उसकी रिपोर्ट के आधार पर यदि अधिक सख्ती भी करनी पड़ी तो की जाएगी और यदि ढि़लाई की सिफारिश की गई तो उस पर भी विचार होगा। विज ने दावा किया कि हरियाणा किसी भी खराब से खराब स्थिति से निपटने को तैयार है। यदि हम दिल्ली की सीमाओं पर सख्ती नहीं करेंगे तो हरियाणा का हाल भी दिल्ली के जैसा हो जाएगा।
कंटेनमेंट जोन की अवधि घटकर होगी 14 दिन
विज ने कंटेनमेंट जोन की अवधि 28 दिन की बजाय 14 दिन करने का प्रस्ताव केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन के पास भेजा है। 28 दिन की अवधि बहुत ज्यादा होती है। यदि किसी कंटेनमेंट जोन में 27 दिन पूरे हो गए और 28वें दिन कोई कोरोना का केस निकल आया तो नियम यह है कि दोबारा से 28 दिन के लिए संबंधित इलाके को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया जाएगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हरियाणा के सुझाव से सहमत हैं और इस पर उन्होंने अधिकारियों से बातचीत करने के बाद कोई निर्णय लेने का भरोसा दिलाया है।
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