Move to Jagran APP

सरकार वापस नहीं लेगी परिवहन नीति, फिर रोडेवज हड़ताल की आशंका

हरियाणा सरकार पिछले दिनों रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल के बाद उनके साथ किए गए समझौते से मुकर गई है। सरकार अपनी नई परिवहन नीति वापस नहीं लेगी। इससे एक बार बस हड़ताल की आशंका है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 25 Apr 2017 08:14 PM (IST)Updated: Tue, 25 Apr 2017 08:14 PM (IST)
सरकार वापस नहीं लेगी परिवहन नीति, फिर रोडेवज हड़ताल की आशंका
सरकार वापस नहीं लेगी परिवहन नीति, फिर रोडेवज हड़ताल की आशंका

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल फिर हाेने की संभावना है। पिछले दिनों हड़ताल के कारण बसों का चार दिन तक चक्का जाम रहने के बाद कर्मचारियों के साथ किए गए समझौते से राज्‍य सरकार मुकर गई है। सरकार ने हाई कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा है कि वर्ष 2016-17 की रूट परमिट नीति को वापस नहीं लिया जाएगा। अदालत में नीति को वापस लेने की बजाय इसमें बदलाव की बात कही गई है। दूसरी ओर, रोडवेज कर्मचारियों के नेताओं ने फिर हड़ताल की धमकी दी है।

loksabha election banner

हरियाणा सरकार के समझौते से मुकरने पर बिफरने रोडवेज कर्मचारी यूनियन के नेता

समझौता वार्ता में सरकार ने वादा किया था कि रूट परमिट नीति को बदला जाएगा। सरकार के इस रुख से नाराज हरियाणा की आठों कर्मचारी यूनियनों के करीब 18नेता परिवहन आयुक्त सुप्रभा दहिया और परिवहन निदेशक अनीता यादव से मिले। रोडवेज बचाओ संयुक्त संघर्ष समिति की दोनों अधिकारियों से पहले संयुक्त और फिर अलग-अलग बातचीत हुई।

कर्मचारी नेताओं ने अधिकारियों से सरकार के बदले रुख पर स्पष्टीकरण मांगा, जिसके जवाब में अधिकारियों ने कहा कि रूट परमिट नीति को वापस लेने में तकनीकी दिक्कतें हैं, लेकिन इसमें बदलाव किए जा सकते हैं। कर्मचारी नेताओं के अनुसार, उन्‍हाेंने जब परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव के साथ हुए समझौते की याद कराई तो अधिकारियों ने पल्ला झाड़ लिया।

उन्होंने दो टूक कहा कि रूट परमिट नीति को वापस लेने अथवा नहीं लेने का फैसला सरकार के स्तर का है। करीब ढ़ाई घंटे की बातचीत के बाद भी जब कोई हल नहीं निकला तो कर्मचारी नेता बैठक छोड़कर वापस आ गए। अधिकारियों के रुख से नाराज संयुक्त संघर्ष समिति के नेताओं ने कहा कि यदि परिवहन मंत्री ने स्थिति स्पष्ट नहीं की तो जल्द ही फिर से हड़ताल का एलान किया जाएगा।

यह भी पढ़ें: सीआईए टीम को मिली बड़ी कामयाबी, हथियारों के साथ पांच बदमाश गिरफ्तार

कर्मचारी नेताओं ने अपने स्तर पर नई नी‍ति तैयार करने और उसे परिवहन मंत्री को सौंपने की बात भी कही। कर्मचारी नेता इंद्र सिंह बधाना, सरबत सिंह पूनिया, वीरेंद्र धनखड़ और जगमोहन अंतिल ने कहा कि अभी तक हड़ताल के दौरान किए गए निलंबन और दर्ज मुकदमों की वापसी नहीं हुई है।

हड़ताल के दौरान परिवहन मंत्री ने 1993 से अब तक जारी 844 बसों के रूट परमिट को नई रूट परमिट नीति 2017-18 में एडजेस्ट करने की बात कही थी, लेकिन नई नीति नहीं बनाए जाने से इन बसों के संचालन की पुरानी व्यवस्था जस की तस जारी रहने वाली है।

यह भी पढ़ें: सोशल मीडिया पर मिलने वाली शिकायतों का भी समाधान करेगी मनोहर सरकार

कर्मचारी नेताओं ने अधिकारियों को मांगपत्र सौंपकर स्पष्ट कह दिया कि यदि एक सप्ताह के भीतर सरकार ने ठोस निर्णय नहीं लिया तो आर-पार की लड़ाई का एलान कर दिया जाएगा। वार्ता में आजाद सिंह मलिक, प्रताप सिंह, बलराज देसवाल, रतन जांगड़ा, हरिनारायण शर्मा, दलबीर किरमारा, रमेश सैनी, आजाद सिंह गिल, अनूप सहरावत और महावीर सिंह शामिल हुए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.