हरियाणा सरकार का बड़ा कदम, निजी अस्पतालों में कोरोना इलाज की दरें तय, जानें क्या हैं रेट
हरियाणा सरकार ने राज्य में निजी अस्पतालों और मेडिकल काॅलेजों मेें कोरोना के इलाज की दरें तयच कर दी हैं। ये दरें दिल्ली के समान ही हैं।
नई दिल्ली/चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग ने भी दिल्ली की तर्ज पर निजी अस्पतालों सहित मेडिकल कॉलेजों में कोरोना इलाज की दर तय कर दी हैं। कोरोना मरीज इन दिनों निजी अस्पतालों में हो रही कथित लूट के खिलाफ लगातार शिकायत कर रहे थे। यह मुद्दा पहली बार 15 जून को मुख्यमंत्री मनोहर लाल के समक्ष गुरुग्राम में तब उठाया गया जब वे अधिकारियों की बैठक ले रहे थे।
दिल्ली की तरह हैं दरें, निजी अस्पतालों में भारी रकम ऐंठने की मिल रही थीं शिकायते
मुख्यमंत्री ने तभी गुरुग्राम मंडलायुक्त अशोक सांगवान की अध्यक्षता में निजी अस्पतालों से चर्चा करके कोरोना इलाज की दर तय करने का आदेश दिया था। इसके बाद 18 जून को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली एनसीआर में बढ़ते कोरोना मरीजों की संख्या पर चिंता जताते हुए अधिकारियों की बैठक ली तो तत्काल प्रभाव से निजी अस्पतालों में इलाज की दर तय करने का आदेश दिया।
दिल्ली सरकार ने नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल की अध्यक्षता में गठित कमेटी रिपोर्ट को आधार बनाते हुए19 जून काे ही निजी अस्पतालों में इलाज की दर तय कर दी। हरियाणा सरकार को हालांकि ये दर तय करने में पांच दिन लग गए। दो दिन पहले राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने इस बाबत जब संज्ञान लिया तो स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी हरकत में आए। असल में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी निजी अस्पतालों का पक्ष भी लेना चाहते थे।
दूसरी ओर, निजी अस्पतालों के प्रबंधन का कहना है कि कोरोना काल में उनके अस्पतालों के खर्च डबल हो गए हैं क्योंकि डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टॉफ के वेतन डबल देने पड़ रहे हैं। इसके अलावा एक कमरे में सिर्फ एक ही मरीज को रखा जा रहा है। इस दौरान कुछ अस्पतालों के डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाॅफ भी संक्रमित हुए हैं, जिसके चलते डॉक्टर और पैरा मेडिकल स्टॉफ ने नौकरी भी छोड़ दी हैं।
कोरोना इलाज की दर तय करने के लिए डॉ.वीके पॉल कमेटी ने अस्पतालों की दो श्रेणी रखी हैं, इनमें एक
नेशनल एक्रीडेशन बोर्ड फॉर हॉस्पीटल एंड हेल्थकेयर से मान्यता प्राप्त और दूसरी श्रेणी गैर मान्यता प्राप्त की है। मान्यता और गैर मान्यता प्राप्त अस्पतालों के बेड शुल्क में प्रतिदिन दो हजार रुपये का अंतर रखा गया है। आइसीयू बिना वेंटीलेटर के साथ दो हजार और आइसीयू वेंटीलेटर के साथ तीन हजार रुपये का अंतर रखा गया है। इतना ही नहीं सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि इलाज की दरों में दवा का खर्च व पीपीई किट का शुल्क भी शामिल होगा।
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हरियाणा में तय की गई हैं प्रतिदिन की दरें
श्रेणी- नई दरें पुरानी दरें
आइसोलेशन बेड- 8000-10,000- 24,000-25,000
आइसीयू बिना वेंटिलेटर- 13,000-15,000- 34,000-43,000
आइसीयू वेंटिलेटर के साथ- 15,000-18000- 44,000-72,000
(इन दरों में दवा का खर्च और पीपीई किट का चार्ज भी शामिल है तथा दिल्ली में भी ये ही इलाज की दरें हैं।)
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कोरोना मरीज के इलाज के लिए पैकेज की तरह होंगी नई दर
स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने नई दर जारी करते हुए यह भी लिखित तौर पर स्पष्ट कर दिया है कि निजी अस्पतालों या मेडिकल कॉलेज में कोरोना मरीजों के लिए तय बेड की ये दरें एक तरह से प्रतिदिन के पैकेज की होंगी। इसमें लैब जांच, मॉनीटिरिंग चार्ज,दवा, पीपीई किट,मॉस्क,डॉक्टर की सलाह, नर्सिंग केयर,फिजियोथेरेपी भी शामिल होगी।
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