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    सरकार की अनुमति के बिना अधिकारी-कर्मचारी गवाही देने कोर्ट पहुंचे तो होगी कार्रवाई, नहीं मिलेगा टीए-डीए

    Updated: Sun, 02 Mar 2025 10:19 AM (IST)

    हरियाणा सरकार ने अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए अदालत में गवाही देने के नियमों को सख्त कर दिया है। अब बिना अनुमति के अदालत पहुंचने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी और यात्रा भत्ता और महंगाई भत्ता भी नहीं मिलेगा। सभी मामलों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही गवाही होगी। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) के तहत यह प्रविधान किया गया है।

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    बिना अनुमति अधिकारी-कर्मचारी गवाही देने कोर्ट पहुंचे तो होगी अनुशासनात्मक कार्रवाई (File Photo)

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में अब अगर कोई अधिकारी या कर्मचारी सरकार से अनुमति लिए बगैर गवाही देने अदालत पहुंचा तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। ऐसे कर्मचारियों को अनाधिकृत भौतिक उपस्थिति के लिए कोई यात्रा भत्ता (टीए) और महंगाई भत्ता (डीए) भी नहीं दिया जाएगा। अदालतों में चल रहे सभी मामलों में अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ही सरकारी कर्मचारियों की गवाही होगी।

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    मुख्य सचिव ने जारी किया आदेश

    मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) के तहत यह प्रविधान किया गया है जो गवाहों की जांच और व्यक्तियों की न्यायालय में उपस्थिति को आधुनिक ऑडियो-वीडियो तकनीक के माध्यम से सुगम बनाते हैं।

    इस तकनीक आधारित पहल का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए मुख्य सचिव ने सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, प्रबंध निदेशकों और बोर्ड-निगमों के मुख्य प्रशासकों को निर्देशित किया है।

    सभी अधिकारी और कर्मचारी सुनिश्चित करेंगे कि उनकी आधिकारिक क्षमता में साक्ष्य प्रस्तुति या गवाह के रूप में जांच ऑडियो-वीडियो इलेक्ट्रानिक माध्यम से हो। अधिकारियों-कर्मचारियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा का प्रबंधन करने वाले न्यायालय अधिकारी या संबंधित लोक अभियोजक के साथ सक्रिय रूप से समन्वय स्थापित करना होगा ताकि उनकी गवाही सुचारू रूप से संपन्न हो सके।

    भौतिक उपस्थिति के लिए करना होगा ये काम

    यदि कोई न्यायालय साक्ष्य प्रस्तुति के लिए भौतिक उपस्थिति अनिवार्य करता है तो संबंधित कर्मचारी को अपने कार्यालय प्रमुख से पूर्व अनुमति लेनी होगी। उसे ऐसी उपस्थिति के विस्तृत कारण और औचित्य का उल्लेख भी करना होगा।

    कार्यालय प्रमुख भौतिक उपस्थिति की आवश्यकता का मूल्यांकन करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि अनुमति नियमित या यांत्रिक रूप से न दी जाए। बिना अनुमोदन के अनधिकृत भौतिक उपस्थिति के लिए कोई यात्रा भत्ता (टीए) और महंगाई भत्ता (डीए) नहीं दिया जाएगा। साथ ही उसके खिलाफ संबंधित सेवा नियमों के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जा सकती है।

    पेपर लीक मामले में अधिकारियों पर गिरी गाज

    विधानसभा के बजट सत्र में विपक्ष के हमलों से पहले ही राज्य सरकार ने बोर्ड की परीक्षाओं में पेपर लीक के आरोपित अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध बड़ी कार्रवाई की है।

    मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने नूंह और पलवल जिलों के चार डीएसपी और तीन एचएचओ समेत 25 पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को निलंबित कर दिया।

    इन पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों ने अपनी ड्यूटी का सही ढंग से निर्वाह नहीं किया तथा उनके कार्यक्षेत्र में 12वीं की बोर्ड की परीक्षाओं का पेपर आउट हुआ।

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