हरियाणा कांग्रेस को नए प्रदेशाध्यक्ष की तलाश, दीपक बाबरिया के बाद उदयभान की होगी छुट्टी; सुरजेवाला को मिलेगी कमान?
हरियाणा में विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस आलाकमान ने बड़ी कार्रवाई की है। प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया को हटाकर बीके हरि प्रसाद को नया प् ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद अब कांग्रेस आलाकमान ने हरियाणा में विधानसभा चुनाव की अप्रत्याशित हार के लिए जिम्मेदार नेताओं पर कार्रवाई शुरू कर दी है।
विवादों में रहे कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया को हटाकर बीके हरि प्रसाद की नियुक्ति के बाद अब प्रदेशाध्यक्ष चौधरी उदयभान को भी बदलने की तैयारी है। आरोप है कि उदयभान विधानसभा चुनाव में सभी दिग्गजों को साथ लेकर नहीं चल पाए, जिससे कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा।
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष बनने की दौर में ये दिग्गज
कांग्रेस सूत्राें के मुताबिक नए प्रदेशाध्यक्ष के लिए पैनल भी तैयार है, जिसमें राज्यसभा सदस्य रणदीप सिंह सुरजेवाला, लोकसभा सदस्य वरुण चौधरी मुलाना, पूर्व विधायक राव दान सिंह, विधायक गीता भुक्कल और विधायक अशोक अरोड़ा शामिल हैं।
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वहीं, सात मार्च को शुरू हो रहे विधानसभा के बजट सत्र से पहले कांग्रेस विधायक दल के नेता की नियुक्ति की जा सकती है। विपक्ष के नेता पद के लिए जहां पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा प्रबल दावेदार हैं, वहीं उनके समर्थन किसी अन्य विधायक को भी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।
कांग्रेस संगठन में ऊपर से नीचे तक हो सकता है बदलाव
हरियाणा कांग्रेस के सहप्रभारी जितेंद्र बघेल की मानें तो कांग्रेस संगठन में ऊपर से लेकर नीचे तक बदलाव होना है। इसकी शुरुआत दीपक बाबरिया से हो चुकी है, जो धड़े में बंटे दिग्गज नेताओं के बीच दूरियां कम नहीं कर पाए। लोकसभा चुनाव से लेकर विधानसभा चुनावों तक गुटबाजी का असर साफ दिखा।
टिकट वितरण को लेकर भी बाबरिया पर गंभीर आरोप लगे कि उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के प्रभाव में आकर गलत लोगों को टिकट दिलाए। टिकट वितरण से नाराज किरण चौधरी भाजपा में शामिल हो गईं, जबकि कुमारी सैलजा और रणदीप सिंह सुरजेवाला भी विधानसभा चुनाव के प्रचार में कुछ सीटों तक सिमट कर रह गए।
पांच साल में बदले तीन प्रभारी, चुनौतियां जस की तस
गुटबाजी के चलते हरियाणा में संगठन नहीं खड़ा कर पा रही कांग्रेस ने पांच साल में तीन प्रभारी बदले हैं। 12 सितंबर 2020 को विवेक बंसल को प्रभारी लगाया था। जनवरी 2023 में बंसल को हटाकर शक्ति सिंह गोहिल को प्रभारी लगाया गया, लेकिन वह छह महीने ही प्रभारी रह पाए।
जून 2023 को दीपक बाबरिया को प्रभारी बनाया गया। विवेक बंसल से पहले गुलाम नबी आजाद और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी हरियाणा के प्रभारी रह चुके हैं। इनमें से कोई भी प्रभारी गुटबाजी को खत्म नहीं कर पाया।
ऐसे में नए प्रभारी बीके हरि प्रसाद के सामने सबसे बड़ी चुनौती गुटबाजी को थामने की ही रहेगी। पहले भी हरियाणा के प्रभारी रह चुके हरि प्रसाद के सामने पहले कार्यकाल में जो चुनौतियां थी, वह आज भी बरकरार हैं।
सुरजेवाला के समर्थन में सैलजा और बीरेंद्र सिंह
कांग्रेस के नए प्रदेशाध्यक्ष के लिए राज्यसभा सदस्य रणदीप सुरजेवाला का नाम सबसे आगे है। पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और सांसद कुमारी सैलजा के साथ ही पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह भी उनके समर्थन में हैं। अगर सुरजेवाला प्रदेशाध्यक्ष बने तो हुड्डा खेमे की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
चूंकि मौजूदा प्रदेशाध्यक्ष उदयभान अनुसूचित जाति से आते हैं, ऐसे में वंचित वर्ग में नाराजगी रोकने के लिए पार्टी सांसद वरुण चौधरी या गीता भुक्कल को प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंप सकती है। दोनों की गिनती हुड्डा समर्थकों में होती है।
इसी तरह दक्षिण हरियाणा में बड़े ओबीसी चेहरे राव दान सिंह और कद्दावर नेता अशोक अरोड़ा पर भी पार्टी दांव खेल सकती है। हालांकि, गीता भुक्कल और अशोक अरोड़ा कांग्रेस विधायक दल के नेता बनने की दौड़ में भी शामिल हैं।

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