पूर्व MLA रामबीर सिंह ने कांग्रेस पार्टी से दिया इस्तीफा, भाई-भतीजावाद का लगाया आरोप
कांग्रेस के पूर्व विधायक रामबीर सिंह ने पार्टी पर भाई-भतीजावाद का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि पार्टी में अत्यधिक गुटबाजी है और सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने पार्टी को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है। रामबीर सिंह ने यह भी दावा किया कि अगले दस वर्षों तक देश तथा प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता में वापसी की कोई संभावना नहीं है।
संवाद सहयोगी, पटौदी। पटौदी के पूर्व विधायक व हरियाणा शिक्षा बोर्ड के पूर्व चेयरमैन रामबीर सिंह ने कांग्रेस पर भाई भतीजावाद का आरोप लगाते हुए पार्टी की प्राथमिकता सदस्यता से शनिवार को इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने की घोषणा उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस करके की। वह कुछ समय से पार्टी से नाराज चल रहे थे। विधानसभा चुनाव में अपनी बहु के लिए टिकट चाह रहे थे लेकिन पार्टी ने पर्ल चौधरी को मैदान में उतारा था।
पत्रकारों से बातचीत में रामबीर सिंह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में अत्यधिक गुटबाजी है। पार्टी का सबसे ज्यादा नुकसान सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने किया है। विधानसभा चुनाव में सभी टिकटार्थियों को झांसा देते रहे। पहले कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष के दामाद के नाम को आगे बढ़ाया गया। फिर स्थानीय उम्मीदवार को छोड़कर बिहार की बहू को टिकट थमा दी। इन्हीं कारणों से पटौदी में कांग्रेस की करारी हार हुई। अब नगर परिषद चुनाव में भी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष की भतीजी को टिकट दी जा रही है।
नगर परिषद का चुनाव निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर लड़ेंगे
उन्होंने दावा किया कि अगले दस वर्षों तक देश तथा प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता में वापसी की कोई संभावना नहीं है। वह नगर परिषद का चुनाव निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लड़ेंगे। वह स्थानीय हैं तथा क्षेत्र के विधायक के साथ ही हरियाणा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष भी रहे हैं। स्थानीय होने के नाते उन्हें क्षेत्र की हर समस्या का ज्ञान है। वह अन्य प्रत्याशियों से बेहतर विकास कार्य करवा सकते हैं। उन्होंने नायब सिंह सैनी को एक अच्छा मुख्यमंत्री बताया।
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