हरियाणा में चुनाव से पहले CM मनोहर लाल का बड़ा दांव, पदोन्नति में अनुसूचित जाति को 20 प्रतिशत आरक्षण
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विधानसभा चुनाव से पहले बड़ी घोषणा की है। हरियाणा में अब ग्रुप A और B कैटेगरी की सरकारी नौकरियों में पदोन्नति में अनुसूचित जाति को आरक्षण मिलेगा। सीएम ने पदोन्नति में अनुसूचित जाति को 20 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की है। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने सीएम के फैसले का स्वागत किया है। वहीं परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने भी सीएम का अभार जताया है।
चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विधानसभा में महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि राज्य सरकार ग्रुप ए और बी के पदों पर पदोन्नति में 20 प्रतिशत आरक्षण नीति लागू करेगी। इस निर्णय का उद्देश्य उच्च-स्तरीय सरकारी पदों पर सभी आरक्षित श्रेणियों के लिए पदोन्नति के अवसरों को बढ़ाना है।
हरियाणा में अब ग्रुप A और B कैटेगरी की सरकारी नौकरियों में पदोन्नति में अनुसूचित जाति को आरक्षण मिलेगा। सीएम ने पदोन्नति में अनुसूचित जाति को 20 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की है।
उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने सीएम के फैसले का स्वागत किया है। वहीं, परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने भी सीएम का अभार जताया है। दूसरी ओर, कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल ने भी मुख्यमंत्री की घोषणा का समर्थन किया है।
उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने शेड्यूल कास्ट वर्क के बैकलाग को भी भरने की मांग उठाई। इस दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि पहले आरक्षण ग्रुप सी और डी तक सीमित था, ग्रुप ए और बी पदों को बिना किसी आरक्षण के प्रविधान के छोड़ दिया गया था।
एक सप्ताह में अधिसूचना होगी जारी
उन्होंने कहा कि इस आरक्षण व्यवस्था के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार रोस्टर प्रणाली बनाने पर सक्रिय रूप से काम कर रही है। इस संबंध में एक सप्ताह के भीतर अधिसूचना जारी कर दी जाएगी, जो निष्पक्ष प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि नई आरक्षण प्रणाली पदोन्नति के सभी चरणों में आरक्षण का विस्तार करेगी, जिससे सभी स्तरों पर सरकारी नौकरियों में आरक्षित समुदायों के लिए निरंतर समर्थन और प्रतिनिधित्व सुनिश्चित होगा।
परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने कहा कि ग्रुप ए और बी पदों में आरक्षण लागू करने का राज्य सरकार का निर्णय अधिक न्यायसंगत और विविध प्रशासनिक ढांचे को बढ़ावा देने के प्रति मुख्यमंत्री के समर्पण को दर्शाता है। यह कदम सरकारी कार्यबल के भीतर विभिन्न समुदायों के प्रतिनिधित्व पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा।
निकाय चुनावों में बीसी (ए) को आरक्षण का लाभ
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मानसून सत्र के दूसरे दिन सदन में स्पष्ट किया कि स्थानीय निकायों में वार्डबंदी का कार्य हरियाणा राज्य पिछड़ा आयोग की सिफारिशों के अनुरूप किया जा रहा है। वार्डबंदी के लिए दो आधार माने गए हैं। निकायों में वार्डों की संख्या निमित करने के लिए फैमिली इनफार्मेशन डाटा रिपाजिटरी (एफआइडीआर) या मतदाताओं की 140 प्रतिशतता अनुसार प्राप्त जनसंख्या, दोनों में से जो भी अधिक हो, उसको आधार माना जायेगा।
इसके अलावा, वार्डों में जनसंख्या की भिन्नता को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत किया है। पंचायतों के बाद अब निकाय चुनावों में भी बीसी (ए) को आरक्षण का लाभ दिया जाएगा। मुख्यमंत्री मानसून सत्र के दौरान हरियाणा नगर निगम संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान बोल रहे थे।
मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा नगर निगम (संशोधन) अध्यादेश में जनसंख्या के लिए एफआइडीआर, जो कि एक रिपाजिटरी है, जिसे परिवार पहचान पत्र अधिनियम के तहत तैयार किया है। आरक्षण के संबंध में जहां तक बात है, उसके लिए सरकार ने हरियाणा राज्य पिछड़ा आयोग बनाया, जिसने कुछ सिफारिशें की।
जनसंख्या के संबंध में की गई सिफारिशों के अनुरूप जिले में एक निकाय में बीसी (ए) जनसंख्या की प्रतिशतता का 50 प्रतिशत आरक्षित की जाएगी। यदि 20 सीटें हैं तो 5 प्रतिशत जनसंख्या के हिसाब से बीसी (ए) के लिए एक सीट आरक्षित होगी। यहां तक कि बीसी (ए) जनसंख्या 2 प्रतिशत होने पर भी हमने कम से कम एक सीट आरक्षित रखना सुनिश्चित किया है।
उन्होंने कहा कि पहले चेयरमैन का चुनाव पार्षद ही करते थे, इसलिए हमने 2 सीटें आरक्षित की हुई थी, ताकि उनमें से चुनाव किया जा सके। लेकिन अब चेयरमैन का चुनाव सीधा होता है, इसलिए बीसी (ए) जनसंख्या 2 प्रतिशत होने पर भी हमने कम से कम एक सीट आरक्षित रखना सुनिश्चित किया है।