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Haryana Monsoon Session: विधानसभा उपाध्यक्ष से भिड़ गए दुष्‍यंत चौटाला, गलत परंपराएं डालने का जमकर किया विरोध

Haryana Monsoon Session हरियाणा मानसून सत्र के पहले दिन ही दुष्‍यंत चौटाला विधानसभा उपाध्‍यक्ष रणबीर गंगवा से भिड़ गए। विधानसभा में टूटते नियमों पर उखड़े दुष्यंत ने गलत परंपराएं डालने का जमकर विरोध किया। लंबी बहस के बाद बैकफुट पर आए डिप्टी स्पीकर को भरोसा दिलाना पड़ा कि आइंदा ऐसा नहीं होगा। केवल इस बार ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा हो जाने दो।

By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaPublished: Fri, 25 Aug 2023 05:23 PM (IST)Updated: Fri, 25 Aug 2023 05:23 PM (IST)
विधानसभा उपाध्यक्ष से भिड़ गए दुष्‍यंत चौटाला

चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो: हरियाणा विधानसभा में विपक्षी दलों के विधायक अमूमन स्पीकर से उलझते रहते हैं। मानसून सत्र के पहले दिन अजीब स्थिति देखने को मिली, जब मंत्री ही विधानसभा अध्यक्ष से उलझ गए।

पहले गृह और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ बहस के दौरान विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता के निर्देश का गलत अर्थ निकालकर नाराजगी में सदन से चले गए। बाद में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला स्पीकर की कुर्सी पर बैठे विधानसभा उपाध्यक्ष रणबीर गंगवा से भिड़ गए।

डिप्‍टी स्‍पीकर ने दिलाया भरोसा

विधानसभा में टूटते नियमों पर उखड़े दुष्यंत ने गलत परंपराएं डालने का जमकर विरोध किया। लंबी बहस के बाद बैकफुट पर आए डिप्टी स्पीकर को भरोसा दिलाना पड़ा कि आइंदा ऐसा नहीं होगा। केवल इस बार ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा हो जाने दो। दरअसल कांग्रेस विधायक वरुण चौधरी, बिशन लाल सैनी और मेवा सिंह ने राज्य में बाढ़ की स्थिति को लेकर अल्प अवधि सूचना मांगी थी।

दर्जनभर विधायकों के नाम गिनाए

शून्यकाल के बाद विधानसभा उपाध्यक्ष ने बताया कि इसे ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में बदल दिया गया है। उन्होंने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में अधोहस्ताक्षरी के साथ ही दर्जनभर विधायकों के नाम गिना दिए जो चर्चा में शामिल हो सकते हैं। इसका विरोध करते हुए उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि वह संबंधित विभाग के मंत्री हैं। न उनसे अनुमति ली गई और न ही अल्प अवधि सूचना मांगने वाले विधायकों से इसकी सहमति ली गई है।

डिप्टी स्पीकर ने पुराना रिकॉर्ड निकला

नियमानुसार उनकी सहमति के बिना अल्प अवधि सूचना को ध्यानाकर्षण में नहीं बदला जा सकता। डिप्टी स्पीकर बताएं कि किस नियम के अनुसार ऐसा किया गया है और गलत परंपराएं क्यों डाली जा रही हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा और बीबी बतरा ने भी दुष्यंत का समर्थन किया तो सदन संचालित कर रहे डिप्टी स्पीकर ने पुराना रिकॉर्ड निकला लिया। उन्होंने बताया कि कांग्रेस सरकार में भी वर्ष 2011 और 2012 में ऐसा हुआ है।

कांग्रेस की गलती हम क्‍यों दोराएं- दुष्‍यंत चौटाला

इतना ही नहीं, इससे पहले और बाद में भी ऐसा होता आया है। अपनी बात पर अड़े दुष्यंत चौटाला ने कहा कि कांग्रेस की गलती हम क्यों दोहराएं। गलत परंपराओं से हम अगली पीढ़ी को क्या संदेश छोड़ेंगे। लंबी बहस के बाद डिप्टी स्पीकर ने कहा कि चूंकि सदन में प्रस्ताव रखा जा चुका है, इसलिए इस पर चर्चा होने दें।

आगे से ऐसा नहीं हो, यह भी सुनिश्चित करेंगे। भविष्य में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा में पांच विधायकों को ही शामिल किया जाएगा। कई बार समझाने के बाद आखिर दुष्यंत मान गए जिसके बाद ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हो सकी।


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