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    Haryana Election 2024: बंसीलाल और भजनलाल के वारिसों पर भाजपा का भरोसा बढ़ा, देवीलाल परिवार का जादू हुआ कम

    Updated: Sun, 08 Sep 2024 10:51 AM (IST)

    Haryana Election 2024 हरियाणा की राजनीति में लाल परिवारों का हमेशा से ही दबदबा रहा है। इस बार के विधानसभा चुनाव में समीकरण बदला हुआ है। सत्ता में बैठी भाजपा का भरोसा इस बार बंसी लाल और भजनलाल के परिवार पर बढ़ा है जबकि देवीलाल के परिवार से बीजेपी किनारा कर रही है। भाजपा ने देवीलाल के पुत्र रणजीत चौटाला का रानियां से टिकट काट दिया है।

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    Haryana Assembly Election 2024: देवीलाल, बंसी लाल और भजन लाल (फाइल फोटो)

    सुधीर तंवर, चंडीगढ़। हरियाणा में भाजपा ने लोकसभा चुनाव से सबक लेते विधानसभा चुनावों के लिए रणनीति बदली है। अभी तक पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल के परिवार को तरजीह देती आ रही पार्टी ने अब पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भजन लाल और पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल के परिवारों पर ज्यादा भरोसा दिखाया है।

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    बंसीलाल और भजन लाल के परिवार पर भाजपा का भरोसा

    कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुईं बंसी लाल की पुत्रवधू किरण चौधरी को राज्यसभा भेज चुकी पार्टी ने अब पूर्व सांसद श्रुति चौधरी को तोशाम विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया है।

    इसी तरह, स्वर्गीय भजन लाल के पौत्र भव्य बिश्नोई को न केवल आदमपुर और भतीजे दुड़ाराम बिश्नोई को फतेहाबाद से दोबारा चुनावी रण में उतारा है।

    कुलदीप बिश्नोई के नजदीकियों में शामिल रणधीर पनिहार को नलवा, मनमोहन भड़ाना को समालखा और रणबीर गंगवा को बरवाला से टिकट दिया है।

    रणजीत चौटाला का कट गया टिकट

    इसके उलट, रानियां से दावेदार देवीलाल के पुत्र रणजीत चौटाला का टिकट काट दिया है। उधर, डबवाली में देवीलाल के पौत्र आदित्य पर संकट मंडरा रहा है। टिकट कटने के पूर्वाभास पर मार्केटिंग बोर्ड का चेयरमैन पद छोड़ आदित्य अब इनेलो के संपर्क में हैं।

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    2019 में भाजपा ने चौटाला परिवार की मदद से बनाई सरकार

    वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद बहुमत के जादुई आंकड़े से चूकी भाजपा की सरकार बनवाने में चौटाला परिवार ने अहम भूमिका निभाई थी। रानियां से निर्दलीय विधायक बने रणजीत सिंह चौटाला ने न केवल सबसे पहले अपना समर्थन भाजपा को दिया, बल्कि पांच अन्य निर्दलीय विधायकों को भी अपने साथ लाकर सरकार गठन का रास्ता साफ कर दिया।

    इसके अलावा दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी से गठबंधन में अहम भूमिका निभाई। भाजपा ने रणजीत चौटाला को कैबिनेट मंत्री तो बनाया ही, लोकसभा चुनाव में भी कुलदीप बिश्नोई की दावेदारी को दरकिनार कर उन्हें हिसार में प्रत्याशी बना दिया। नतीजे उम्मीद के अनुरूप नहीं आए। इसके बाद चौटाला परिवार के नुमाइंदों से भाजपा का भरोसा कम होता चला गया।

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