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    Haryana Election 2024: 20 साल बाद फिर चुनावी रण में लौटेंगे ओमप्रकाश चौटाला? भतीजे के खिलाफ ठोक सकते हैं ताल

    Updated: Sun, 08 Sep 2024 08:22 AM (IST)

    Haryana Assembly Election 2024 हरियाणा के पांच बार मुख्यमंत्री रहे इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला (Om Prakash Chautala) एक बार फिर सक्रिय राजनीति में वापसी कर सकते हैं। शिक्षक भर्ती घोटाले में सजा पूरी कर चुके ओपी चौटाला ने दिल्ली की अदालत से विधानसभा चुनाव लड़ने की इजाजत मांगी है। ओपी चौटाला साल 2005 में रोड़ी विधानसभा सीट से आखिरी चुनाव लड़ थे।

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    Haryana Election 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं ओपी चौटाला (जागरण फोटो)

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। सात बार विधायक और पांच बार मुख्यमंत्री रहे इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला 20 साल के लंबे अंतराल के बाद फिर चुनावी रण में नजर आ सकते हैं। शिक्षक भर्ती घोटाले में सजा पूरी कर चुके 89 साल के वयोवद्ध नेता ने अपने साथ सजा काटने वाले शेर सिंह बड़शामी को चुनाव लड़ने की मंजूरी मिलने को आधार बनाकर दिल्ली की अदालत से विधानसभा चुनाव लड़ने की स्वीकृति मांगी है।

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    2005 में लड़े थे आखिरी चुनाव

    आखिरी बार 2005 में रोड़ी से विधानसभा चुनाव लड़े और जीते चौटाला के साथ सजा काट चुके शेर सिंह बड़शामी को इनेलो ने लाडवा से उम्मीदवार घोषित किया है।

    हालांकि शेर सिंह बड़शामी व ओम प्रकाश चौटाला की सजा के समय में अंतर है, लेकिन मुकदमा लगभग एक जैसा होने के चलते मंजूरी की संभावना काफी प्रबल मानी जा रही है।

    ओपी चौटाला डबवाली से ठोक सकते हैं ताल

    चौटाला को अदालत से मंजूरी मिलने की सूरत में उनकी डबवाली सीट से उम्मीदवारी की घोषणा संभव है। डबवाली से ओम प्रकाश चौटाला के चुनाव मैदान में उतरने की स्थिति में उनके पौत्र और जजपा के उम्मीदवार दिग्विजय चौटाला मैदान छोड़ने की घोषणा पहले ही कर चुके हैं।

    हालांकि भाजपा ओपी चौटाला के भतीजे आदित्य चौटाला को यहां से चुनाव लड़ा सकती है, जबकि कांग्रेस ने पारिवारिक रिश्ते में उनके भतीजे और मौजूदा विधायक अमित सिहाग को टिकट थमाया है। ऐसे में डबवाली सीट पर चौटाला परिवार के सदस्य आपस में भिड़ते नजर आएंगे।

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    प्रेम सिंह तमांग की तर्ज पर मिल सकती राहत

    लोक प्रतिनिधित्व कानून के अनुसार ओम प्रकाश चौटाला अपनी रिहाई से छह वर्ष की अवधि तक अर्थात जून 2026 तक कोई चुनाव नहीं लड़ सकते। हालांकि इस कानून की धारा 11 में याचिका दायर करने का विकल्प दिया गया है, जिसमें छह वर्ष चुनाव नहीं लड़ पाने की अवधि को कम करने या पूर्णतया खत्म कराया जा सकता है।

    तीन सदस्यीय चुनाव आयोग इससे पहले सिक्किम के मुख्यमंत्री और सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के नेता प्रेम सिंह तमांग के मामले में ऐसा कर चुका है। सितंबर 2019 में चुनाव आयोग ने तमांग को भ्रष्टाचार में सजा के बाद उन पर छह साल तक चुनाव नहीं लड़ पाने की रोक को घटाकर 13 महीने कर दिया था।

    सजा के बाद तमांग अगस्त 2024 तक कोई चुनाव नहीं लड़ सकते थे परंतु चुनाव आयोग के फैसले के बाद 10 सितंबर 2019 के बाद चुनाव लड़ने के लिए कानूनी तौर पर सक्षम हो गए। इसी आधार पर चौटाला ने चुनाव आयोग से चुनाव लड़ने देने की अनुमति मांगी है।

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