पराली के धुएं से निपटने के बाद अब चूल्हे के धुएं से निपटेगी सरकार, World Bank देगा 3600 करोड़ की सहायता
हरियाणा सरकार प्रदूषण मुक्त राज्य बनाने की दिशा में लगातार प्रयासरत है। पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण पर काबू पाने के बाद अब सरकार चूल्हे के धुएं स ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार राज्य में प्रदूषण खत्म करने को लेकर काफी गंभीर है। प्रदेश सरकार का मानना है कि पराली के धुएं से मात्र पांच प्रतिशत प्रदूषण होता है, जिस पर राज्य में काफी हद तक नियंत्रण किया जा चुका है।
प्रदूषण फैलाने वाले अन्य माध्यमों पर नियंत्रण की दिशा में अब सरकार काम करेगी। इसके तहत गुरुग्राम, फरीदाबाद व सोनीपत में जहां इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी, वहीं एनसीआर में अच्छी क्वालिटी के जेनरेटर लगाने को प्रेरित किया जाएगा। जिन सड़कों पर मिट्टी ज्यादा उड़ती है, उन्हें नये सिरे से बनाया जाएगा।
चूल्हों पर रोटी बनाने वालों को जागरूक करेगी सरकार
हरियाणा सरकार और विश्व बैंक के अधिकारियों ने शुक्रवार को चंडीगढ़ में हुई समन्वित बैठक में बढ़ते प्रदूषण पर चिंता साझा की। बैठक में हरियाणा की ओर से संकल्प लिया गया कि गांव देहात में आज भी चूल्हों पर खाना बनता है। यह स्थिति तब है, जब गैस के सिलेंडरों का पूरा इंतजाम है।
चूल्हों पर रोटी बनाने वाले लोगों को जागरूक किया जाएगा कि वे गैस के सिलेंडर पर आएं। प्रदूषण कम करने के लिए विश्वविद्यालयों के छात्रों को अनुसंधान करने के प्रोजेक्ट भी दिए जाएंगे। इन सभी योजनाओं पर अगले एक माह के भीतर काम चालू करने की सहमति बनी है।
2030 तक हरियाणा को प्रदूषण मुक्त बनाने का लक्ष्य
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता और पर्यावरण मंत्री राव नरबीर की मौजूदगी में हुई बैठक में हरियाणा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए हरियाणा क्लीन एयर प्रोजेक्ट के संबंध में विस्तार से चर्चा की गई। इस पहल का उद्देश्य राज्य में सतत विकास को बढ़ावा देना और वायु गुणवत्ता में सुधार लाना है।
इस योजना के तहत वर्ष 2030 तक हरियाणा को प्रदूषण मुक्त राज्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है। 3647 करोड़ रुपये के कुल परियोजना निवेश के साथ वर्ल्ड बैंक ने परियोजना के कार्यान्वयन करने के लिए 2498 करोड़ रुपये का ऋण प्रदान करने की बात कही है।
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इतने करोड़ का योगदान देगी हरियाणा सरकार
हरियाणा सरकार द्वारा 1066 करोड़ रुपये का योगदान दिया जाएगा और 83 करोड़ रुपये की सब्सिडी सरकार को मिलेगी। यह धनराशि वायु प्रदूषण नियंत्रण के उपायों, सतत शहरी विकास और स्वच्छ प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने की पहल पर खर्च की जाएगी।
हरियाणा क्लीन एयर प्रोजेक्ट को आगामी छह वर्षों में चरणबद्ध तरीके से क्रियान्वित किया जाएगा। इसके तहत 11 विभागों के सहयोग से हवा प्रबंधन के लिए क्षमता निर्माण, विभिन्न सेक्टरों में प्रदूषण से निपटान के उपाय सहित अन्य गतिविधियों को अपनाया जाएगा।

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