हरियाणा रोडवेज कर्मियों ने लंबित मांगों को लेकर जताई नाराजगी, परिवहन मंत्री के आवास पर 'न्याय मार्च' की घोषणा
हरियाणा रोडवेज कर्मचारियों ने पलवल में बैठक कर अपनी लंबित मांगों पर नाराजगी जताई। उन्होंने 18 जनवरी 2026 को अंबाला छावनी में परिवहन मंत्री के आवास पर ...और पढ़ें

बैठक में मौजूद रोडवेज कर्मचारी।
जागरण संवाददाता, पलवल। हरियाणा रोडवेज कर्मचारी सांझा मोर्चा के आह्वान पर सोमवार को पलवल डिपो में बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता सत्यनपाल और कुलबीर देशवाल ने की, जबकि संचालन बलजीत सिंह ने किया। बैठक में कर्मचारियों ने अपनी विभिन्न लंबित मांगों को लेकर सरकार के प्रति नाराजगी जताई।
इसके साथ ही 18 जनवरी 2026 को अंबाला छावनी में परिवहन मंत्री के आवास पर न्याय मार्च निकालने और आंदोलन की घोषणा की। बैठक को संबोधित करते हुए सांझा मोर्चा के वरिष्ठ सदस्य अनूप लाठर, वीरेंद्र सिंगरोहा और संदीप रंगा ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार सुरक्षित और सस्ती परिवहन सेवा का निजीकरण कर रही है।
ठेके पर चल रही इलेक्ट्रिक बसों और किलोमीटर स्कीम की बसों को बिना आवश्यकता रोडवेज में शामिल किया जा रहा है। जिसके कारण विभाग को आर्थिक नुकसान हो रहा है। वहीं, पर्याप्त बसें और स्टाफ न होने के बावजूद हर गांव में सरकारी बसें चलाने के निर्देश दिए जा रहे हैं।
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वक्ताओं ने बताया कि रोडवेज में चालकों, परिचालकों और कर्मशाला कर्मचारियों के हजारों पद खाली हैं। स्टाफ की कमी और समय पर मरम्मत न होने से बसें खड़ी रहती हैं, जिससे आम जनता को परिवहन सुविधा से वंचित होना पड़ता है। कर्मचारियों पर काम का अत्यधिक बोझ है, जिससे शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न की स्थिति बन रही है।
ये हैं प्रमुख मांगें
कर्मचारियों की प्रमुख मांगों में जोखिम भत्ता, पे ग्रेड में वृद्धि, अर्जित अवकाश बहाली, लंबित प्रमोशन, कच्चे कर्मचारियों को पक्का करना, बकाया बोनस भुगतान, ओवरटाइम देने और पुरानी पेंशन योजना में शामिल करना शामिल है। सांझा मोर्चा ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने समय रहते वार्ता कर समस्याओं का समाधान नहीं किया तो 18 जनवरी को न्याय मार्च के साथ बड़े आंदोलन की शुरुआत की जाएगी।

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