Haryana Election: भीतरघात से बढ़ी BJP-कांग्रेस की टेंशन, चुनाव में होगा बड़ा खेल; समझिए इन सीटों का पूरा गणित
Haryana Election 2024 हरियाणा में चुनाव से पहले ही प्रत्याशियों की टेंशन बढ़ गई है। नूंह में भीतरघाट की बात सामने आने से उम्मीदवारों की नींद उड़ गई है। बताया जा रहा है कि कुछ तो खुलेआम दूसरे प्रत्याशियों समर्थन में दिख रहे हैं तो कुछ चोरी छुपे कर रहे हैं। इससे बीजेपी और कांग्रेस की टेंशन बढ़ गई है। इन तीन सीटों का पूरा गणित समझिए।
मोहम्मद हारून, नूंह। Haryana Election 2024 मेवात की तीनों विधानसभा सीटों पर प्रमुख दलों के प्रत्याशियों को असतुंष्टों के भीतरघात का सामना करना पड़ रहा है। सभी सीटों पर असंतुष्टों की संख्या ठीक-ठाक है। कुछ असंतुष्ट दूसरे पार्टियों के उम्मीदवारों की चोरी चुप मदद कर रहें है।
वहीं, कुछ खुलेआम दूसरे पार्टियों के प्रत्याशियों के लिए काम कर रहें हैं। जिससे चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों की टेंशन बढ़ने लगी है। यही हाल रहा तो असंतुष्ट कभी भी अपनी ही पार्टियों का खेल खराब कर सकते हैं।
सबसे ज्यादा इनेलो पार्टी में असंतुष्ट
नूंह विधानसभा की बात करे तो नूंह में सबसे ज्यादा असंतुष्ट इनेलाे पार्टी में है। इनेलो के चार प्रमुख असंतुष्ट नेताओं में से एक नेता को इनेलो पक्ष में लाने में कामयाब रही है। जबकि तीन टिकट के दावेदार चुनावी समर से गायब नजर आ रहे हैं। इनेलो के टिकट के दावेदार एक नेता ने तो खुले रूप से कांग्रेस प्रत्याशी को समर्थन भी दे दिया है।
वहीं कांग्रेस पार्टी में भी एक टिकट का दावेदार राजनीतिक गतिविधियों से दूरी बनाए हुए है। यह भी अंदर खाने कोई खेल खेल सकता है। इस पर सबकी नजर है। भाजपा भी यहां पर अछूती नजर नहीं आ रही। भाजपा प्रत्याशी संजय सिंह के ही गांव का टिकट का दावेदार एक नेता चुनावी समर में नहीं दिखाई दे रहा है। नूंह में भीतरघात को लेकर अंदर खाने खिचड़ी पक रही है। जो हर नेता को कचौट रही है।
फिरोजपुर झिरका में भी यही हाल दिखा
फिरोजपुर झिरका में भी प्रमुख उम्मीदवारों की पार्टियों में यही हाल दिख रहा है। यहां से इनेलो की टिकट मांग रहे एक नेता क्षेत्र को ही छोड़कर जा चुका है। उन्होंने पार्टी प्रत्याशी से दूरी बनाई हुई है। भाजपा में कहने को तो दो बड़े नेता पार्टी के उच्च नेताओं के कहने पर प्रत्याशी नसीम अहमद के लिए प्रचार करते दिख रहें है। लेकिन यह प्रचार एक औपचारिकता भर लग रहा है।
वहीं, पार्टी के कई छोटे नेता भी अभी तक पार्टी से दूर ही नजर आ रहें। कांग्रेस में भी फिरोजपुर झिरका में टिकट की मांग करने वाले कई नेता प्रचार प्रसार में दिखाई नहीं दे रहे।
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पुन्हाना भाजपा में भी सबकुछ ठीक नहीं दिखता। यहां पर टिकट के दावेदार यादराम गर्ग कांग्रेस खेमे को सर्मथन दे चुके हैं। वहीं भाजपा नेता एक पार्षद निदर्लीय पक्ष में जाकर उसके लिए फिल्डिंग करने लगे है। कई नेता पार्टी से दूरी बनाए हुए। सच तो यही है की प्रमुख दलों के प्रत्याशी भीतरघात को लेकर परेशान है। अब देखना यह है कि भीतरघात से किस नेता को कितना नुकसान पहुंचाने का काम होता है।
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