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    नए साल पर बदलेगा मौसम, फिर पड़ेगी कड़ाके की ठंड; नारनौल से मौसम विशेषज्ञ ने बताई ये अहम बात

    Updated: Mon, 29 Dec 2025 04:54 PM (IST)

    नारनौल सहित हरियाणा में दिसंबर सूखा रहा, कमजोर पश्चिमी विक्षोभों के कारण वर्षा नहीं हुई। अब 31 दिसंबर से 2 जनवरी तक मध्यम पश्चिमी विक्षोभ से हल्की से ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, नारनौल। नारनौल जिले में बीते दो महीनों से मौसम आमतौर पर शुष्क बना हुआ है। कमजोर पश्चिमी विक्षोभों के सक्रिय रहने के कारण तापमान और ठंड के मिजाज में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिला, लेकिन कड़ाके की ठंड का असर अब तक स्पष्ट रूप से नजर नहीं आया।

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    मौसम विशेषज्ञ डॉ. चंद्रमोहन के अनुसार, दिसंबर माह में एक के बाद एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हुए, जिससे केवल मौसम परिवर्तनशील बना रहा और वर्षा की गतिविधियां नहीं हो सकीं।

    उन्होंने बताया कि पिछले 18 वर्षों में यह पहली बार है जब दिसंबर महीना पूरी तरह सूखा रहा। सामान्य तौर पर दिसंबर में एक-दो सशक्त पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से हरियाणा और एनसीआर में वर्षा दर्ज की जाती है, लेकिन इस बार कमजोर सिस्टम के कारण केवल बादलवाही तक ही सीमित रहा।

    पर्वतीय क्षेत्रों में भी हल्की बर्फबारी हुई, जबकि मैदानी इलाकों में तापमान में बार-बार उतार-चढ़ाव देखने को मिला। डॉ. चंद्रमोहन ने कहा कि दिसंबर में कहीं-कहीं शीतलहर, धुंध, कोहरा, शीत दिवस और पाला जमने जैसी स्थितियां जरूर बनीं, लेकिन हाड़ कंपा देने वाली ठंड की निरंतरता नजर नहीं आई। हालांकि, अब मौसम में बड़े बदलाव के संकेत मिल रहे हैं।

    31 दिसंबर से बदलेगा मौसम

    मौसम विशेषज्ञ के अनुसार 30-31 दिसंबर को एक मध्यम श्रेणी का पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों में सक्रिय होगा। इसके प्रभाव से पर्वतीय इलाकों में भारी बर्फबारी की संभावना है, जबकि मैदानी क्षेत्रों विशेषकर हरियाणा, एनसीआर और दिल्ली में 31 दिसंबर की रात से 2 जनवरी तक हल्की से मध्यम वर्षा और बूंदाबांदी हो सकती है। उत्तरी जिलों में एक-दो स्थानों पर ओलावृष्टि की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता।

    उन्होंने कहा कि एक जनवरी की अलसुबह से हरियाणा और एनसीआर के करीब 60 से 70 प्रतिशत क्षेत्रों में कहीं हल्की तो कहीं मध्यम वर्षा देखने को मिल सकती है। लंबे समय से वर्षा का इंतजार कर रहे किसानों के लिए यह वर्षा फसलों के लिए अमृत समान साबित होगी। कहावत के अनुसार, माह पोह को झारो चाहे फागुन बरसों सारो, यानी दिसंबर और जनवरी में हल्की वर्षा भी खेती के लिए बेहद लाभकारी होती है।

    वर्षा के बाद बढ़ेगी ठंड

    डॉ. चंद्रमोहन ने बताया कि जैसे ही यह मौसम प्रणाली दो जनवरी की रात को आगे बढ़ेगी, वैसे ही ठंड अपने पूरे तेवर दिखाएगी। दिन और रात के तापमान में बड़ी गिरावट आएगी। शीतलहर, घना कोहरा, शीत दिवस और पाला जमने की गतिविधियां तेज होंगी। इस तरह वर्ष 2026 की शुरुआत वर्षा के बाद हाड़ कंपा देने वाली ठंड के साथ होगी।

    रात के तापमान सिंगल डिजिट में बरकारार

    उन्होंने बताया कि वर्तमान में हरियाणा और एनसीआर के उत्तरी और पूर्वी जिलों में धुंध और कोहरा, जबकि पश्चिमी और दक्षिणी हिस्सों में शीतलहर और पाले की स्थिति बनी हुई है। अधिकांश स्थानों पर रात का तापमान सिंगल डिजिट में पहुंच गया है।

    यह भी पढ़ें- हरियाणा में शीत लहर जारी, नारनौल सबसे ठंडा; 30 दिसंबर को आएगा नया पश्चिमी विक्षोभ

    वहीं, कई क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस से नीचे और कुछ स्थानों पर 2 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया है। सबसे ठंडी रात 2.5 डिग्री सेल्सियस के साथ हिसार में दर्ज की गई, जबकि गुरुग्राम और जींद में 3.4 डिग्री और महेंद्रगढ़ में 4.5 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया। कुल मिलाकर आने वाले दिनों में वर्षा के बाद ठंड का असर और तेज होने की पूरी संभावना है।