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    नारनौल: अरावली में अवैध खनन से दस पहाड़ हो चुके हैं गायब, हरियाणा-राजस्थान सीमा का फायदा उठा रहे माफिया

    Updated: Fri, 26 Dec 2025 09:30 PM (IST)

    नारनौल जिले में अरावली पहाड़ियों में अवैध खनन गंभीर समस्या है, जिससे दस पहाड़ गायब हो चुके हैं। खनन माफिया हरियाणा-राजस्थान सीमा का फायदा उठाकर प्रशास ...और पढ़ें

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    जैनपुर आंतड़ी एरिया में किया गया अवैध खनन और नांगल चौधरी एरिया में खोदे गए पहाड़ में मक्खियों जैसे नजर आते ट्रक। जागरण

    बलवान शर्मा, नारनौल। जिले में अवैध खनन की स्थिति गंभीर है, जहां अरावली पहाड़ियों में पत्थर का खनन धड़ल्ले से जारी है। इस पर अंकुश लगाने के लिए प्रशासन लगातार छापेमारी और वाहन जब्त कर रहा है, लेकिन यह समस्या बनी हुई है। राजस्थान सीमा से सटा होने की वजह से खनन माफिया सीमा पार कर प्रशासनिक कार्रवाई से बच निकलने में कामयाब हो जाते हैं। स्थिति यह है कि प्रशासन डाल-डाल है तो माफिया पात-पात है। जिले में वर्तमान में दस स्थानों पर माइनिंग के लिए लीज दी हुई है। इनके अलावा अवैध खनन से भी अरावली की पहाड़ियां लगातार गायब हो रही हैं।

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    एक डंपर में 40 से 50 टन पत्थर की ढुलाई

    दस पहाड़ियों की चोटी ही नहीं, बल्कि भूमि के स्तर से भी कई मीटर गहराई तक पहाड़ गायब हो चुके हैं। जिले से करीब चार से पांच हजार डंपर विभिन्न स्थानों पर क्रशर और रोड़िया लेकर आवागमन कर रहे हैं। एक डंपर में 40 से 50 टन पत्थर की ढुलाई होती है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि रोजाना करीब पांच हजार डंपरों में कितने टन पत्थर पहाड़ियों से निकाला जा रहा है।

    महेंद्रगढ़ में पुरानी है खनन की कहानी

    महेंद्रगढ़ जिले में खनन की कहानी कोई नई नहीं है। 1999 से लेकर 2004 तक क्षेत्र में खूब खनन हुआ है। इसके बाद एनजीटी की सख्ती हुई और खनन पर रोक लगा दी गई। 2014-15 में हरियाणा और अरावली की कुछ पहाड़ियों में खनन की अनुमति दे दी गई। शुरुआत में नांगल चौधरी एरिया के गांव बखरीजा में एक या दो प्लाॅट में ही खनन शुरू किया गया और अब धीरे-धीरे यह संख्या बढ़कर 10 तक पहुंच चुकी है।

    पूर्व दिशा में हरियाणा है तो पश्चिम में राजस्थान

    2004 से पहले गांव जैनपुर और आंतरी गांव की पहाड़ियों में खनन हो रहा था, लेकिन एनजीटी ने इन पहाड़ियों को अरावली की ग्रीन बेल्ट में मानते हुए पूर्ण रूप से रोक लगा दी थी। यह रोक वर्तमान में भी जारी है। इन पहाड़ियों में लोह अयस्क की परचूर मात्रा होने की वजह से माफिया की नजर हमेशा बनी रहती है। हरियाणा ही नहीं, बल्कि राजस्थान का खनन माफिया भी इन पहाड़ियों में पत्थर चोरी करने के लिए सक्रिय रहता है। पहाड़ी की पूर्व दिशा में हरियाणा है तो पश्चिम में राजस्थान स्थित है।

    लगातार पहाड़ गायब हो रहे

    माफिया हरियाणा में खनन कर ट्रैक्टर ट्रालियाें के जरिये राजस्थान में ले जाकर स्टोर कर लेता है। यहां से लोह अयस्क वाले इस पत्थर को महंगे दामों में फरीदाबाद और गुजरात सप्लाई कर दी जाती है। अवैध खनन के दौरान तीन साल पहले जैनपुर की पहाड़ी में पत्थर के तले दबने से एक मजदूर की मौत हो गई थी, जबकि एक घायल हो गया था। इसके बाद प्रशासन ने इन पहाड़ियों के प्रवेश द्वार पर गहरी खाई खोद दी थी, ताकि ट्रैक्टर ट्राली न घुस पाए। अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए निगरानी भी बढ़ाई पर माफिया पत्थर चोरी करने से बाज नहीं आता है। इसी वजह से लगातार पहाड़ गायब हो रहे हैं।

    एनजीटी बंद करवा चुकी है 72 स्टोन क्रशर

    खनन की वजह से क्षेत्र में पर्यावरण पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा था। इसके विरोध में एनजीटी में तेजपाल की याचिका पर लंबे समय तक मुकदमा चला। 24 जुलाई 2019 एनजीटी ने जिले के सभी 72 स्टोन क्रशरों को तुरंत बंद करने के आदेश दिए थे। हालांकि बाद में स्टोर क्रशर मालिक सर्वोच्च न्यायालय की शरण में चले गए। न्यायालय के आदेश पर पुन: स्टोन क्रशर संचालित कर दिए गए।

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