गजब हाल! नेशनल हाईवे पर मरम्मत के नाम पर खोदकर छोड़ी सड़क, रात और कोहरे में वाहन चालकों के लिए बड़ा खतरा
महेंद्रगढ़ में नारनौल-पनियाला नेशनल हाईवे 148-बी पर नांगल नुनिया फ्लाईओवर पर मरम्मत के नाम पर खोदे गए गड्ढे जानलेवा बन गए हैं। गांवड़ कंपनी ने गड्ढे खो ...और पढ़ें
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नेशनल हाईवे 148-बी पर रिपेयर के लिए एक ही जगह तीन गड्ढे खोदकर छोड़े गए। जागरण।
संवाद सहयोगी, नांगल चौधरी (महेंद्रगढ़)। महेंद्रगढ़ में नारनौल-पनियाला मोड़ नेशनल हाईवे 148-बी पर नांगल नुनिया फ्लाईओवर की मेन लाइन पर मरम्मत के नाम पर की गई लापरवाही अब वाहन चालकों के लिए जानलेवा खतरा बनती जा रही है। रिपेयर के लिए सड़क में गड्ढे खोदने के बाद जिम्मेदार कंपनी उन्हें भरना ही भूल गई।
नतीजा यह है कि स्पीड हाईवे पर दौड़ते वाहन रात के अंधेरे में अचानक सामने आए गड्ढों से अनियंत्रित हो रहे हैं और बड़े हादसे की आशंका बनी हुई है। स्थानीय लोगों और वाहन चालकों का कहना है कि हाईवे पर रिपेयर कार्य शुरू कर कम्पनी कर्मचारियों ने फ्लाईओवर के ऊपर एक ही स्थान पर तीन गड्ढे खोद दिए, लेकिन करीब सप्ताहभर बीत जाने के बावजूद न तो उनकी मरम्मत की गई और न ही कोई चेतावनी संकेत लगाए गए। तेज रफ्तार में चलने वाले वाहन चालक जब इन गड्ढों को अचानक देखते हैं तो संभलने का मौका तक नहीं मिलता। कोहरे और रात के समय यह स्थिति और भी खतरनाक हो जाती है।
नांगल चौधरी क्षेत्र में बड़े क्रेशर जोन के कारण इस हाईवे पर पत्थर व रोड़ी से लदे भारी वाहनों की आवाजाही लगातार बनी रहती है। इन भारी वाहनों से सड़क पर जगह-जगह रोड़ियां बिखर रही हैं और कई स्थानों पर सड़क धंसने लगी है।
इसी को देखते हुए राष्ट्रीय सड़क प्राधिकरण ने सड़क मरम्मत का टेंडर गांवड़ कंपनी को दिया हुआ है, ताकि समय रहते रिपेयर कर हादसों पर अंकुश लगाया जा सके। लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि मरम्मत के नाम पर खोदे गए गड्ढे खुद ही हादसों को न्योता दे रहे हैं। महत्वपूर्ण यह भी है कि पूर्व में अदालतें और संबंधित प्राधिकरण सड़कों पर खुले गड्ढों को लेकर सख्त रुख अपनाते हुए इन्हें जानलेवा बताते रहे हैं।
कोर्ट स्पष्ट कर चुका है कि सड़क पर छोड़े गए गड्ढे सीधे तौर पर मानव जीवन के लिए खतरा हैं और इसके लिए जिम्मेदार एजेंसियों की जवाबदेही तय की जानी चाहिए। ऐसे में यदि समय रहते इन गड्ढों की मरम्मत नहीं की गई तो आने वाले दिनों में यह लापरवाही किसी बड़े हादसे में तब्दील हो सकती है।
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इस पूरे मामले पर गांवड़ कम्पनी के सड़क रिपेयर प्रबंधक राजेश नैन का कहना है कि कोहरे की वजह से सरकार ने डामर गर्म करने के प्लांट बंद करवा रखे हैं, जिससे रिपेयर में देरी हुई है। अनुमति मिलते ही गड्ढों की मरम्मत कर दी जाएगी। हालांकि, सवाल यह है कि जब तक अनुमति नहीं मिलती, तब तक खुले गड्ढों से गुजरने को मजबूर वाहन चालकों की जान की जिम्मेदारी कौन लेगा।

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