'डेरा प्रमुख को माफी देने पर यह फैसला ऐतिहासिक', सुखबीर सिंह बादल व अन्य नेताओं की सजा पर बोले बेअंत सिंह नलवी
श्री अकाल तख्त साहिब ने डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को माफी देने के मामले में सुखबीर सिंह बादल और उनके कैबिनेट मंत्रियों को सजा सुनाई है। हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि सुखबीर सिंह बादल परिवार द्वारा डेरा प्रमुख को माफी दिलाना एक अनुचित व कौम के खिलाफ लिया गया फैसला था।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र। Haryana News: सिरसा डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim) को माफी देने समेत अन्य गंभीर मामलों में दोषी ठहराकर श्री अकाल तख्त साहिब श्री अमृतसर द्वारा तत्कालीन डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) व कैबिनेट मंत्री रहे नेताओं को सजा सुनाना एक ऐतिहासिक फैसला है।
हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी इस ऐतिहासिक फैसले का स्वागत करती है। यह विचार प्रकट करते हुए हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के नवनियुक्त प्रवक्ता एवं सदस्य बेअंत सिंह नलवी ने कहा कि बादल परिवार द्वारा डेरा प्रमुख को माफी दिलाना एक अनुचित व कौम के खिलाफ लिया गया फैसला था।
'गुरु साहिबान के मान सत्कार को किया दरकिनार'
सत्ता के नशे में चूर बादल परिवार ने गुरु साहिबान के मान सत्कार को दरकिनार कर उपरोक्त फैसला लिया था, जिसके खिलाफ विश्व भर में बसने वाले सिखों में रोष पनपा था। अब इतने लंबे अर्से बाद श्री अकाल तखत साहिब पर एकत्रित हुए सिंघ साहिबान ने सिख कौम को इंसाफ दिया है।
बेअंत सिंह नलवी ने कहा कि जब डेरा प्रमुख को माफी दिलाई गई थी, तब दुनिया भर में धर्म प्रचार करने वाले व हरियाणा कमेटी की मुहिम चलाने वाले जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल ने इसके खिलाफ सबसे पहले आवाज बुलंद की थी।
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हरियाणा कमेटी के लिए सौभाग्य की बात है कि जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल बतौर चेयरमैन धर्म प्रचार की कमान संभाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब से जत्थेदार दादूवाल ने कमान संभाली है, तब से प्रदेश भर में धर्म प्रचार की लहर ओर भी प्रचंड हुई है।
किन पांच गलतियों के कारण हुई सजा
सुखबीर सिंह बादल ने पांच गलतियां ऐसी कि जो उनकी सजा का कारण बनी। इनमें पहला डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के खिलाफ शिकायत वापस लेना, दूसरा अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर राम रहीम को माफी दिलवाना, तीसरा डीजीपी सुमेध सैनी की नियुक्ति करना, चौथा श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअबी के मामले में कार्रवाई नहीं करना, पांचवां संगत के पैसों से विज्ञापन करना।
तत्कालीन एसजीपीसी के सदस्यों ने मानी गलती
एसजीपीसी के सदस्यों को जब तलब किया गया था। उस दौरान करनैल सिंह ने कहा कि मैंने विरोध किया था। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक के तत्कालीन अंतरिम कमेटी के सदस्यों ने माना कि कि उन्होंने डेरा मुखी को माफी देने के विज्ञापन का विरोध नहीं किया।
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