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लॉकडाउन के साथ आया बदलाव, खेत से ही पैक होकर घरों तक हो रही सब्जियाें की सप्‍लाई

लॉकडाउन में लोगों की लाइफ स्‍टाइल में काफी बदलाव आया है। पभोक्‍तओं वस्‍तुओं की सप्‍लाई पर भी असर पडा है। हरियाणा के एक किसान खेतों में सब्जियां पैक कर घरों तक सप्‍लाई करते हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sun, 17 May 2020 11:45 PM (IST)Updated: Sun, 17 May 2020 11:45 PM (IST)
लॉकडाउन के साथ आया बदलाव, खेत से ही पैक होकर घरों तक हो रही सब्जियाें की सप्‍लाई
लॉकडाउन के साथ आया बदलाव, खेत से ही पैक होकर घरों तक हो रही सब्जियाें की सप्‍लाई

कुरुक्षेत्र, [विनोद चौधरी]। लॉकडाउन के साथ ही लोगों के लाइफ स्टाइल में बड़ा बदलाव आया है। दुकानदारों ने भी व्‍यापार का तरीका बदल दिया है। शहरों में दुकानदारों और ग्राहकाें में शारीरिक दूरी और सैनिटाइजर के इस्‍तेमाल सहित कई तरह के बदलाव आए हैं। इसके साथ ग्रामीण क्षेत्रों में सब्जी उत्पादकों ने भी अपने कामकाज में बदलाव करना शुरू कर दिया है। गांव मंगौली जट्टान के खतों में सब्जियां उगा रहे किसान रत्‍न कुलबीर सिंह ने नया तरीका अपनाया है। वह खेतों में सब्जियों की पैकिंग करते हैं और इसे सीधे ग्राहकों के घर तक पहुंचाते हैं। इस दौरान वह सुरक्षा व संक्रमण से बचाव के मानकों का पूरा ध्‍यान रखते हैं।

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सावधानी के लिए शुरू की पैकिंग, बड़ा खतरा जानकर की नई शुरुआत

इससे दूसरे सब्‍जी किसान भी अब इसे अपनाने की तैयारी में हैं। कुलबीर सिंह अपने खेत से ही पूरी सावधानी के साथ सब्जियों की पैकिेंग करते हैं। यही सब्जी शहर में सीधे लोगों के घरों में सप्लाई की जा रही है। घराें पर ही सुरक्षित पैकिंग में सब्जियां मिलने से उपभोक्‍ता भीखुश हैं। लोगों का कहना है कि पैकिंग देखकर उन्हें इस बात की तसल्ली है कि इस सब्जी को किसी दूसरे व्यक्ति के हाथ नहीं लगे होंगे।

250 ग्राम भींडी के लिए 20 किलो में हाथ मारते हैं खरीदार, संक्रमण का होता है खतरा

250 ग्राम भींडी खरीदने के लिए लोग 20 किलोग्राम के ढेर में हाथ मारते हैं। ऐसे में लोगों के बार-बार सब्जियों को छूने से संक्रमण की आशंका बनी रहती है।  कुलबीर सिंह ने इसी समस्या को देखते हुए अपने खेत से ही सब्जियां पैकिंग करने की सोची और फिर यह नई शुरूआत कर दी है। इसके लिए उन्होंने स्पेशल पैकिंग शुरू की है। हर रोज सब्जी तोडऩे के बाद उसकी अच्छी तरह सफाई की जाती है। इसके बाद पैकिंग का काम शुरू होता है। पैकिंग करने से पहले सब्जी की ग्रेङ्क्षडग की जाती है, इसमें खराब सब्जी को अलग किया जाता है।

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हालातों को देखते हुए लिया फैसला

किसान रत्न कुलबीर सिंह ने खास बातचीत में बताया कि उन्होंने हालातों को देखते हुए  यह फैसला लिया है। ऐसे हालातों में हम सभी को अपने कामकाज के तरीकों में बदलाव लाना होगा। अब इस तरह से काम नहीं चलेगा कि आपको एक किलोग्राम आम खरीदने हैं और आप 50 आम चैक करेंगे। इन हालातों को बदलने के लिए जरूरी है कि हम सभी इस तरह की सावधानी बरतें।

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