अमेरिका भेजने के नाम पर किसान से ठगी, बच्चों को करंट लगाने की दी थी धमकी; रूह कंपा देगी टॉर्चर की ये कहानी
करनाल के हैबतपुर गांव के किसान परमजीत सिंह से एजेंटों ने अमेरिका भेजने के नाम पर करोड़ों की ठगी कर ली। परमजीत ने बताया कि अमेरिका जाने के लिए उन्होंने मकान कार और घर का सारा सामान बेच दिया था। इसके बाद एजेंट उन्हें कई देश घुमाता रहा। बाकी के पैसे एजेंट को देने के लिए उन्हें मैक्सिको में एक कमरे में बंद करके उन्हें बुरी तरह टॉर्चर किया गया।

संजीव गुप्ता, निगदू। गांव हैबतपुर के अशिक्षित किसान से विदेश भेजने के नाम एजेंट गिरोह ने करोड़ों की ठगी कर ली। परमजीत सिंह का अपने परिवार के साथ अमेरिका में जाकर बच्चों की उच्च शिक्षा दिलवाने का सपना था। तीन साल पहले परमजीत सिंह गांव हैबतपुर से कुरुक्षेत्र में बच्चों की पढ़ाई के लिए चला गया था। जहां पर उसने लाखों रुपये का अपना एक मकान भी खरीदा। बड़ी बेटी स्वाति को दो साल पहले अमेरिका में उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए भेज दिया था।
अमेरिका जाने के लिए बेचा घर और जमीन
परमजीत सिंह ने बताया कि मई 2024 में उसकी मुलाकात सलिंद्र भूरा नामक एजेंट से हुई। जिसने कुरुक्षेत्र में एक कार्यालय बनाया हुआ था। उसने प्रति व्यक्ति 40 लाख व मेरे परिवार के चारों सदस्यों को अमेरिका भेजने के लिए एक करोड 20 लाख की बात कही।
जिसने मुझे मेरे परिवार के साथ वैध तरीके से अमेरिका भेजने व वहां पर काम दिलवाने और बच्चों को फ्री में शिक्षा दिलवाने की बात कही। उन्होंने अपना मकान व जमीन आदि को बेच दिया। 22 दिसंबर को मकान, कार, घर का सामान आदि सबकुछ बेचकर अमेरिका चलने के लिए परिवार सहित दिल्ली एयरपोर्ट पर चला गया।
जहां पर इटली जाने के लिए बैठा दिया गया। वहां से रोम तो फिर पेरिस ले जाया गया। इसके बाद एजेंट उन्हें कई देश घुमाता रहा। मैक्सिको में उन्हें एक कमरे में बंद कर दिया।
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डोंकरों ने करंट लगाकर किया प्रताड़ित
एजेंट के डोंकरों ने उनके फोन व पासपोर्ट आदि छीन कर उन्हें बुरी तरह पीटा व प्रताड़ित किया। परमजीत सिंह ने बताया कि जब डोंकरों ने उन्हें व पत्नी को बिजली के करंट लगाते हुए कहा कि बकाया राशि जल्द से जल्द एजेंट को दी जाए नहीं तो तेरे बच्चों का भी यही हाल करेंगे। बच्चों को कोई पीड़ा न सहन करनी पड़े इसके लिए स्वजन को एजेंट की बकाया राशि 70 लाख देने को कहा।
जंगल के रास्ते चलकर पहुंचे थे अमेरिका
एजेंट को पूरी रकम मिलने पर जंगल के रास्ते छह दिनों तक चलना पड़ा। रास्ते में जंगली जानवर व पड़ी लाशों को देख बच्चे व पत्नी डर गए। दीवार फांदकर अमेरिका पहुंचाया। अमेरिका आर्मी ने उन्हें जेल में डाल दिया। जहां पर 12 दिन उन्हें हथकड़ी लगाकर एक कैदी की तरह रखा गया।
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