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    साथ में 10 साल का बच्चा, हाथ-पैर और कमर में लोहे की जंजीर; अमेरिका के बर्ताव पर छलका महिला का दर्द

    Updated: Fri, 07 Feb 2025 04:10 PM (IST)

    एक करोड़ रुपये खर्च कर बेटे को अमेरिका पहुंचाने निकली लवप्रीत कौर का सपना चकनाचूर हो गया। 25 दिनों तक जंगलों और खतरों से जूझते हुए अमेरिका पहुंची तो पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। 104 भारतीयों के साथ वापस लौटने को मजबूर लवप्रीत अब सरकार से मदद की गुहार लगा रही है। आप भी पढ़ें कैसा रहा उनका अमेरिका से भारत तक का सफर

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    लवप्रीत कौर को अमृतसर से उनके मूल स्थान पर छोड़ते पुलिसकर्मी (फोटो- जागरण संवाददाता)

    हरनेक सिंह जैनपुरी, कपूरथला। जान जोखिम में डाल और एक करोड़ रुपये लुटाकर भी लवप्रीत कौर अपने 10 साल के बेटा का भविष्य नहीं बना सकी। खतरनाक परिस्थितियों के बीच मां व मासूम बेटे ने 25 दिन की डंकी रूट पर अनेक यातनाएं झेली एवं जिंदगी ने वापस घर लाकर पटक दिया।

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    उज्ज्वल भविष्य की खोज में सारा घर-परिवार लुट गया। एजेंट ने मां-बेटे को सीधे अमेरिका पहुंचने के लिए एक करोड़ रुपया लिया था, लेकिन इक्वाडोर, कोलम्बिया, ग्वाटेमाला, अलसलवाडोर व मैक्सिको आदि के जंगलों के रास्ते अमेरिका पहुंचते ही पुलिस के हत्थे चढ़ गए और 104 भारतीयों के साथ हथकड़ियां पहनकर वापस लौटने को मजबूर हो गए।

    जिले की तहसील भुलत्थ के गांव भदास निवासी 30 वर्षीय लवप्रीत कौर ने बताया कि बेटे के सुनहरी भविष्य की मंशा से ट्रैवल एजेंट को एक करोड़ रुपये देकर वह 2 जनवरी को दस साल के बेटे के साथ घर से निकली थी।लवप्रीत कौर ने बताया कि सीधे अमेरिका उतारने के लिए एजेंट को एक करोड़ रुपये दिए गए।

    फोटो कैप्शन: भारत वापस लौटी लवप्रीत कौर (जागरण फोटो)

    27 जनवरी को क्रॉस किया अमेरिका बॉर्डर

    लेकिन उसने जो कहा, वह सब झूठा निकला। पहले वह उन्हें कोलंबिया के शहर मैटालिक ले गए। दो सप्ताह तक वहा रखा। फिर हवाई जहाज से अल साल्वाडोर ले गए। फिर हमें तीन घंटे पैदल चलाते हुए ग्वाटेमाला ले गए। फिर टैक्सी के जरिए मैक्सिको के बॉर्डर पर ले गए। फिर हमें दो दिन मैक्सिको में रखा। इसके बाद 27 जनवरी को अमेरिका बॉर्डर पार कर दिया।

    अमेरिका पहुंचे तो वहां की पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। लवप्रीत ने बताया कि पुलिस ने उन्हें कहा कि अपने सिम कार्ड निकाल दो, अपने कंगन, चुड़ियां व इयरिंग आदि भी उतार दो।

    मेरे पास तो कुछ नही था। मेरा सारा सामान तो पहले ही पिछले देश में ही रह गया था। फिर उन्होंने हमें पांच दिन किसी कैंप में रखा। दो फरवरी को हमें हथकड़ियां लगा दी गई और मेरी कमर से लेकर नीचे पैरों तक सांकल डाल दिए। लेकिन बच्चों के साथ ऐसा नहीं किया गया।

    40 घंटे के सफर के बाद पहुंचे अमृतसर

    इसके बाद उन्होंने हमें फौज के हवाई जहाज में बिठा दिया और 40 घंटे के सफर के बाद जहाज इंडिया उतरा तो हमें पता चला कि हम अमृतसर पहुंच गए हैं। इससे पहले उन्होंने हमें कुछ भी नहीं बताया था कि वे कहां लेकर जा रहे हैं और लैंड करने पर ही पता चला के वे अमृतसर आ गए हैं।

    जहाज के लैंड करते ही हमारे सभी सपने बिखर गए। लवप्रीत कहती है कि बेटे के सुनहरे भविष्य के लिए गई थी। काफी कर्ज लिया एवं कुछ रिश्तेदारों से रकम जुटाई थी कि वह कैलिफोर्निया में अपने रिश्तेदारों के पास पहुंच जाएंगे लेकिन पहुंच नहीं सके।

    लवप्रीत के परिवार पास डेढ़ एकड़ जमीन है और वह अपने पति तथा सास ससुर साथ गांव में ही रहती है। लवप्रीत सरकार से मांग कर रही है कि जिस एजेंट ने उनसे एक करोड़ रुपया लिया है, उसे हमें रकम वापस दिलाया जाए तथा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

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