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    'सारे हरियाणा का सत्यानाश कर दिया', भजनलाल ने बंसीलाल के लिए क्यों कही थी ये बात; पढ़िए दिलचस्प चुनावी किस्सा

    Updated: Sun, 15 Sep 2024 11:03 AM (IST)

    प्रदेश के हितों को लेकर चल रही चर्चा में जब चंडीगढ़ का जिक्र आया तो तत्कालीन सीएम भजनलाल के इस्तीफे का मुद्दा भी सदन में उछला। पक्ष-विपक्ष की नूरा कुश्ती में ऐसा लगा इतिहास को अपने हक में लिखने के लिए उसे दोहराया जा रहा है। पढ़िए 24 मार्च 1995 के सत्र से जुड़ा किस्सा झज्जर के वरिष्ठ संवाददाता अमित पोपली की कलम से...

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    जब भजनलाल और बंसीलाल के बीच हुआ था वार-पलटवार (जागरण फोटो)

    अमित पोपली, झज्जर। राजधानी चंडीगढ़ पर वर्चस्व की लड़ाई में हरियाणा और पंजाब के आमने-सामने होने की स्थिति नई नहीं हैं। सूबे के गठन के बाद से ही इस मुद्दे पर सियासी घमासान चल रहा है। इसी को लेकर एक बार बंसी लाल ने सवाल उठाए तो भजनलाल ने पलटवार करते हुए कहा-पता नहीं ये क्या-क्या बोलते रहते हैं। इन्होंने तो सारे हरियाणा का सत्यानाश करके रख दिया है।

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    तब के किस्से का आज भी जिक्र होता रहता है। तब राजीव गांधी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी थे। सदन में बंसीलाल ने बताया-कांग्रेस की पांच सदस्यीय कमेटी में तय हुआ कि 9 बजे हरियाणा भवन भजनलाल को बुलवा लेंगे और 9.15 बजे इस्तीफे पर दस्तखत करवा कर छु कर देंगे। तय कार्यक्रम के हिसाब से ही इस्तीफा रखकर इनसे दस्तखत करवा लिए गए।

    इस प्रहार पर पलटते हुए भजनलाल ने कहा-अपनी बात तो ये बीच-बीच में खड़े होकर कह देते हैं। जैसे सारे मुल्क में युधिष्ठिर तो सिर्फ यही हैं, और कोई तो यहां सच बोलने वाला ही नहीं है।

    मुख्यमंत्री बोले-पीसीसी के प्रधान सुलतान सिंह आज भी जिंदा हैं, उनसे पूछा जा सकता है कि राजीव गांधी जी ने मुझे भी और सुलतान सिंह जी को बुलाया था और कहा था कि भजनलाल जी चंडीगढ़ तो पंजाब को देना ही पड़ेगा।

    मैंने जवाब दिया-राजीव जी, आप चंडीगढ़ पंजाब को देने का फैसला करना चाहते हैं, तो मैं यह काम नहीं कर सकता, इसलिए आप यह प्रदेश अब किसी और के हवाले कर दो और मेरा इस्तीफा ले लीजिए।

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    तीन लालों का जिक्र करते हुए जब रामबिलास शर्मा ने की थी भविष्यवाणी

    सदन में तल्ख होती चर्चा में प्रो. रामबिलास शर्मा ने बात रखते हुए कहा मैं तो भूत और भविष्य दोनों की बात करूंगा। अभी तो भूतकाल की बात चल रही थी। भूतकाल में बंसी लाल जी और भजन लाल इकट्ठे थे। वैसे हरियाणा की बात करें तो हमारे तीन लाल हरियाणा में हैं।

    1966 से आज तक हरियाणा लालों के इर्द-गिर्द घूमता रहा। यह लाल हमारे बुजुर्ग हैं और इनकी अपनी-अपनी अलग-अलग खूबियां हैं। एक इनमें अच्छा योद्धा है, एक अच्छा प्रशासक है और तीसरा अच्छा प्रबंधक, उसके बाद भी तीनों, एसवाईएल बना नहीं सके, कांग्रेस में यह अपनी चला नहीं सके।

    लालों पर आई बात में डॉ. रामप्रकाश ने एलके आडवाणी का नाम लिया। इस पर शर्मा बोले - लाल कृष्ण आडवाणी रामभक्त लाल हैं, उनके नाम के आगे लाल आता है। हमारे जो लाल हैं, वे चाहे लाल कृष्ण आडवाणी हो या मदन लाल हो, सारे राम भक्त लाल हैं और मैंने भी हरियाणा के लालों के बारे कहा कि अगर वे राम भक्त लाल होंगे तो उनका भाग्य फिर उदय हो सकता है।

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