Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Chunavi किस्सा: 'मेरे दस्तखत करा लें और 90% संपत्ति कांग्रेसी रख लें ', चौटाला बोले- 33 करोड़ में न बिके पूरा भिवानी

    हरियाणा के पांच बार मुख्यमंत्री रह चुके इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला सात बार विधायक रह चुके हैं। हालांकि मुख्‍यमंत्री के तौर पर सिर्फ एक कार्यकाल ही पांच साल का पूरा कर पाए। जब विधानसभा में चौधरी देवी लाल ट्रस्ट से जुड़ी संपत्तियों को लेकर सवाल उठे थे। उस समय मुख्यमंत्री चौटाला ने विपक्ष को मजबूती से जवाब दिया था। यहां पढ़िए ऐसा ही एक रोचक किस्‍सा...

    By Jagran News Edited By: Deepti Mishra Updated: Tue, 10 Sep 2024 05:47 PM (IST)
    Hero Image
    Chunavi किस्सा की सीरीज में आज ओमप्रकाश चौटाला की जिंदगी से जुड़ा रोचक किस्‍सा।

    अमित पोपली, झज्जर। हरियाणा के पांच बार मुख्यमंत्री रह चुके इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला सात बार विधायक बन चुके हैं। उन्होंने अलग-अलग विधानसभा सीटों से तीन उपचुनाव और चार आम चुनाव जीते हैं, लेकिन पांच में से सिर्फ एक बार ही मुख्यमंत्री का पांच साल का कार्यकाल पूरा कर पाए। वर्ष 2000 से 2005 तक का यह कार्यकाल रहा है और इसमें भी विधानसभा के आखिरी सत्र में विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल ने राज्यपाल को सौंपे 123 पेज के ज्ञापन का जिक्र भी किया, जिसमें सरकार पर संगीन आरोप लगाए थे।

    सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले कैप्टन अजय सिंह यादव, पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल सहित विपक्ष के अन्य नेताओं द्वारा बात रख लिए जाने के बाद जब मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के बोलने की बारी आई तो उन्होंने सूबे के गठन के बाद से विपक्षियों द्वारा बनाई गई हर सरकार को अपने निशाने पर रखा। साथ ही खुद पर लगे आरोपों का सिलसिलेवार जवाब भी दिया।

    यह भी पढ़ें-Captain Yogesh Bairagi Profile: कौन है कैप्टन योगेश बैरागी? बीजेपी की टिकट पर विनेश फोगाट को देंगे टक्कर

    चौधरी देवी लाल ट्रस्ट से जुड़ी संपत्तियों को लेकर उठे सवाल का जवाब देते हुए चौटाला ने कहा- भिवानी में हमारी पार्टी के जिस ऑफिस का इन्होंने जिक्र किया, उसकी मलकियत भी इन्होंने 33 करोड़ रुपये दिखाई है।

    मेरे ख्याल में पूरा भिवानी 33 करोड़ में न बिक सके। तत्कालीन समय में सदन में उपस्थित रहे बहादुर सिंह से यहां सवाल पूछते हुए सीएम ने कहा- आप बताइए कि पूरे भिवानी के क्या दाम होंगे।

    'मेरे खेत में मेरा एक मकान है'

    चौटाला बोले- मेरे खेत में मेरा एक मकान है। यह मकान मेरी तरफ से नहीं, बल्कि मेरे पिता जी के समय से शुरू किया गया था। किसान कभी एक कोठड़ा बनाता है तो कभी दो कोठड़े बनाता है। साल में हम एक मुश्त लगातार कोठी नहीं बना सकते। इन्होंने मेरे उस मकान की कीमत तक 55 करोड़ रुपये दिखाई है।

    यह भी पढ़ें -Haryana Election 2024: जब गहलोत ने भजनलाल से पूछा- कहां चली गई अब आपकी पीएचडी, पढ़िए चुनावी किस्सा

    ज्ञापन में उल्लिखित विषयों पर सफाई देते हुए कहा- इन्होंने अनर्गल और मिथ्या इल्ज़ाम लगाया है। ट्रस्ट की संपत्ति को हमारी संपत्ति दिखाया है। अध्यक्ष को मध्यस्थता करने की बात कहते हुए जवाब दिया कि ट्रस्ट की संपत्ति तो ट्रस्ट के ही नाम है।

    मेरे नाम कोई संपत्ति दिखाते हैं तो मेरे अंगूठे दस्तख्त करा लें। 10 प्रतिशत मुझे दे दें व 90 प्रतिशत कांग्रेसी ले जाएं।

    -ओम प्रकाश चौटाल

    बेनामी संपत्ति के लिए सुप्रीम कोर्ट का फैसला है कि जिसके नाम वह है उसका मालिक वही है। हां मेरे नाम यदि कोई संपत्ति ये दिखाते हैं तो मेरे अंगूठे दस्तख्त करा लें। उस संपत्ति का 10 प्रतिशत मुझे दे दें और 90 प्रतिशत ये कांग्रेसी ले जाएं।

    कांग्रेसियों की बुद्धि पर सदन में ली चुटकी

    अविश्वास प्रस्ताव पर चल रही चर्चा में आमने-सामने की स्थिति भी बनी। आखिरकार, यहां विपक्ष ने सदन से वॉक आउट भी किया। जबकि इससे पहले चौटाला ने कांग्रेसियों पर तंज कसते हुए कहा- इनको बुद्धि तब आती है, जब कोई देता है।

    जब भी कभी सेशन का अवसर आता है तो हमें इनको कहीं न कहीं किसी न किसी रूप में बुद्धि देनी पड़ती है।हमारी दी हुई बुद्धि का कई मर्तबा हमारे खिलाफ ही गलत इस्तेमाल ये जरूर कर जाते हैं यह तो इनमें योग्यता है। शायद स्कूल समय में यह नकलची रहे होंगे।

    यह भी पढ़ें -हविपा से टूटा भाजपा का गठबंधन तो इधर से उधर प्रवेश कर गई ‘आत्मा’, पढ़िए हरियाणा विधानसभा का अनसुना किस्सा