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    हविपा से टूटा भाजपा का गठबंधन तो इधर से उधर प्रवेश कर गई ‘आत्मा’, पढ़िए हरियाणा विधानसभा का अनसुना किस्सा

    Updated: Mon, 02 Sep 2024 01:21 PM (IST)

    विधानसभा चुनाव 2024 (Haryana Vidhansabha Election 2024) की तैयारियों में सभी पार्टियां लग गई है। इस बीच हरियाणा विधानसभा के कई अनसुने किस्सों के बारे में भी चर्चा हो रही है।1996 में हरियाणा विकास पार्टी (हविपा) की भाजपा के साथ गठबंधन में सरकार बनी जो तीन साल चली। सरकार के खिलाफ सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर 25 जून 1999 को जमकर चर्चा हुई थी।

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    25 जून 1999 को हरियाणा विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान का किस्सा।

    अमित पोपली, झज्जर। 1996 में हरियाणा विकास पार्टी (हविपा) की भाजपा के साथ गठबंधन में सरकार बनी, जो कि तीन साल चली। सरकार के खिलाफ सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर 25 जून 1999 को जमकर चर्चा हुई थी। विधानसभा चुनाव 2024 के बीच आइए पढ़ते हैं इस अनसुने किस्से के बारे में...

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    हविपा के बाद ओपी चौटाला से भाजपा ने किया था गठबंधन

    हविपा से गठबंधन तोड़कर भाजपा ने ओमप्रकाश चौटाला की पार्टी से गठबंधन किया था। हविपा की भाजपा के साथ गठबंधन में बनी सरकार के खिलाफ सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा चल रही थी। सत्ता पक्ष सरकार बचाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहा था। विपक्ष अपने हमलों से हावी हो रहा था। सदन में बीरेंद्र सिंह ने कहा-तीन साल तक भाजपा और हविपा का प्रदेश में गठबंधन रहा। समर्थन वापस लेने के बाद ओमप्रकाश चौटाला ने बड़े विस्तार से बात रखीं।

    पूरा ध्यान हविपा पर रखा, भाजपा को लेकर कुछ नहीं कहा। सरकार मिली-जुली थी, गठबंधन की, वह भी सरकार में बराबर के हिस्सेदार थे। तल्ख होते हुए वे बोले- दोनों में मतभेद होते तो हम भी इस बात की सराहना कर सकते थे। लेकिन, ऐसा नहीं है। रामबिलास शर्मा उस दल के नेता थे, जब भारतीय जनता पार्टी यह कहती थी कि बंसी लाल की हरियाणा विकास पार्टी और भाजपा का गठबंधन कोई सत्ता के लिए नहीं है, हम सत्ता लोलुप नहीं हैं, हम सत्ता के लालची नहीं हैं। बल्कि यह तो आत्माओं का गठबंधन है।

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    सदन में खूब हुआ था शोर-शराबा

    इस बात पर सदन में विघ्न भी डला। फिर भी ओपी चौटाला ने बोलना जारी रखा। बोले-आत्मा का मिलन तो मरने के बाद होता है, मैं पूछना चाहता हूं कि क्या वह आत्माओं का मिलन था। हिन्दू संस्कृति के मुताबिक तो आत्मा कभी मरता नहीं है, इनकी वो आत्मा आज कहां ट्रांसफर हो गया? आज वह आत्मा बंसी लाल जी से ट्रांसफर होकर चौटाला साहब के पास चला गया है। सदन में शोर होने लगा। इस पर पलटते हुए रामबिलास शर्मा ने कहा-वह आत्मा इधर से उधर प्रवेश कर गया है।

    चाहे सारा गांव मर जाए, लेकिन तेरा नंबर नहीं आएगा

    सदन में भविष्य के गठबंधन पर मुहर लग चुकी थी। हविपा से जुड़े नेता भी मजबूती से अपनी बात रख रहे थे। भाजपा के साथ सरकार में सहयोगी ओमप्रकाश चौटाला ने मिसाल देते हुए कहा-अब मैं कुछ कहूंगा तो अटपटा सा लगेगा। लेकिन मुझे कहना पड़ता है।

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    किसी गांव में बेचारा एक चौकीदार था, उसकी मृत्यु हो चुकी थी। उस चौकीदार का एक बेटा था। वह अपनी बेवा मां से पूछने लगा कि मां, गांव का नंबरदार मर गया है तो अब नंबरदार कौन बनेगा, मां ने कहा कि फलां आदमी बनेगा। बेटे ने पूछा कि अगर वह भी मर गया तो फिर नंबरदार कौन बनेगा? मां ने कहा कि बेटा, फलां आदमी नंबरदार बनेगा।

    बेटे के द्वारा कई बार पूछने पर आखिरकार मां ने बताया कि बेटा, चाहे सारा गांव मर जाए, लेकिन तेरा नंबर कभी नहीं आएगा। इसलिए इनके लिए वह बात दोबारा आने वाली नहीं है, चाहे ये कितने भी पांव क्यों न पकड़ लें। चौटाला की बात का मतलब था कि चाहे कुछ भी हो जाए, लेकिन दोबारा हविपा की सरकार नहीं आएगी।

    जब धीरपाल ने कहा-बीबीसी से बोल रहे बीरेंद्र सिंह

    सदन में आमने-सामने की बनी स्थिति में माहौल को हल्का करने के लिए धीरपाल सिंह खड़े हुए। अपनी बात बढ़ाते हुए उन्होंने कहा-मैं एक छोटी सी बात कहना चाहता हूं। पहले तो चौधरी बीरेंद्र सिंह ऑल इंडिया रेडियो से बोला करते थे, लेकिन आज वे बीबीसी से बोल रहे हैं। आज पता नहीं इनको क्या हो रहा है? ये आदमी तो बढ़िया हैं पर हालात यहां पर इनको ऐसा बोलने के लिए मजबूर कर रहे हैं।

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