चुनावी किस्सा: सरकार को नींद नहीं आई तो जागी क्यों नहीं, जब आमने-सामने हो गए थे सीएम भजनलाल और बंसीलाल
सूबे में लंबे समय तक सीएम रहे भजनलाल की आखिरी सरकार का यह कार्यकाल चल रहा था। राज्यपाल के अभिभाषण पर सरकार के प्रतिनिधियों से लेकर विपक्ष ने सदन में विस्तार से अपनी बात रखी। नल जल से लेकर प्रदेश में आई बाढ़ के विषय पर नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व सीएम बंसीलाल और सीएम भजनलाल आमने-सामने हो गए। पढ़िए 1 मार्च 1996 के सत्र से जुड़ा किस्सा...
अमित पोपली, झज्जर। पानी का मुद्दा हमेशा ही हरियाणा की राजनीति को प्रभावित करता रहा है। सदन में चल रही चर्चा में साल 1995 में आई बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों पर मुख्यमंत्री बात रख रहे थे। बाढ़ में उठाए गए कदम और किए गए प्रयासों पर जब उन्होंने सरकार को इसका श्रेय दिया तो बंसीलाल ने कह दिया कि 15 दिन तो सरकार नींद से ही नहीं जागी।
पलटते हुए भजनलाल ने कहा-आप मेरे से उम्र में बड़े हो, इसलिये मुझे ज्यादा कहना अच्छा नहीं लगता। आप जगा देते। वैसे सरकार को तो नींद ही नहीं आई। बनी स्थिति पर बंसीलाल ने फिर से सवाल उठाया और बोले कि अगर सरकार को नींद नहीं आई तो वह जागी क्यों नहीं? बढ़ती हुई बात बाढ़ के पानी से पीने के पानी पर जा पहुंची।
'जो कहते हैं ठीक विपरीत काम करते हैं'
भिवानी का जिक्र करते हुए बंसीलाल ने कहा-आज शहर में पीने का साफ पानी तक नहीं है। चाहे तो चेक करवाया जा सकता है। आरोप पर सीएम ने बंसीलाल के कार्यकाल को कोसते हुए कहा-जहां तक पीने के पानी का ताल्लुक है, इन्हीं की सरकार ने भिवानी में कुछ इस तरह की स्कीमें बना दी जिस कारण समस्या आई।
इन्होंने सीवरेज और पीने के पानी की पाइपें साथ साथ बिछवा दीं, घटिया माल लगवा दिया था। अब हमने वो सारा ठीक करा दिया है। भिवानी में अब पीने के पानी की कोई समस्या नहीं है। पलटते हुए बंसीलाल बोले-लोग इनकी बातों पर हंसते हैं, क्योंकि जो ये कह रहे हैं उसके ठीक विपरीत यह कार्य करते हैं।
...सारी बातों को नोट कर लें, मत टोके मुझे बीच-बीच में
सदन में चर्चा लंबी छिड़ गईं और मुद्दा जब खत्म होता नहीं दिखा तो भजनलाल ने बंसी लाल पर कटाक्ष करते हुए कहा-यह कुछ समय तो लोकसभा में भी रहे हैं और इत्तफाक से यहां सीएम भी रहे हैं। मुझे बीच में बार-बार टोक कर मेरा टेम्पो (भाषण दर) खराब कर देते हैं, ऐसा न करें, इनको बोलने की पूरी तरह से छूट रहेगी।
सभापति से मध्यस्थता करने की मांग करते हुए वे बोले-इनसे कहिए कि वे सारी बातों को नोट कर लें और एक बार ही उनको कह लें। पलटते हुए बंसीलाल ने कहा-बीच में मुझे इसीलिए बोलना पड़ता है, ताकि जवाब साथ दे सकूं। बाद में तो यह भाग जाते हैं।
आरोप-प्रत्यारोप के बीच सीएम ने कहा-हम लोग तो मैदान में लड़ाई लड़ने वाले लोग हैं, भागने वाले नहीं। इनकी सरकार थी तो यह दो दिन सेशन कर लिया करते थे और हमें तो मजबूरी में इनके साथ भागना पड़ता था।
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