जज्बे काे सलाम: हरियाणा सरकार की नौकरी ठुकरा शहीद मेजर की पत्नी चली पति की राह
हरियाणा के झज्जर जिले के शहीद मेजर अमित देशवाल की पत्नी नीता देशवाल को भी चेन्नई के पासिंग आउट परेड में कमिशन मिला। नीता ने हरियाणा सरकार की नौकरी को ठुकरा कर सेना को चुना।
जेएनएन, झज्जर। इस वीरांगना के जज्बे को सभी सलाम करेंगे। मेजर पति देश की रक्षा करते हुए श्ाहीद हो गया। पति की शहादत के बाद उस पर एक पास नन्हे बेटे की जिम्मेदारी भी थी, लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी। हरियाणा सरकार ने सरकारी नौकरी का अाॅफर दिया, लेकिन उसने इसे कुबूल नहीं किया। वह बस पति की राह पर चलना चाहती है। हम बात कर रहे हैं दो साल पहले मणिपुर में उग्रवादियों से मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए मेजर अमित देशवाल की पत्नी नीता देशवाल की। नीता को भी सेना में कमिशन मिला है। नीता देशवाल ने चेन्नई में पासिंग आउट परेड में हिस्सा लिया।
झज्जर जिले के सुरेहती गांव निवासी मेजर अमित देशवाल अप्रैल 2016 में मणिपुर में उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गए थे। उन्हें अदम्य साहस के लिए मरणोपरांत सेना मेडल से भी अलंकृत किया जा चुका है।
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चेन्नई में पासिंग आउट परेड में शामिल हुईं नीता देशवाल
पति अमित देशवाल की शहादत के बाद हरियाणा सरकार ने लेडी कैडेट नीता देशवाल को सरकारी नौकरी का ऑफर दिया था, लेकिन उन्होंने पति के नक्शेकदम पर चलने के लिए यह ऑफर ठुकरा दिया। पति की शहादत के दो माह बाद ही वह झज्जर से दिल्ली चली गईं। उन्होंने वहां सर्विस सेलेक्शन बोर्ड की तैयारी शुरू की। नवंबर 2016 में आर्मी सेलेक्शन सेंटर भोपाल ने उन्हें सेना के शॉर्ट सर्विस कमिशन के लिए चुना। उन्हें यह पोस्ट सैन्य विधवाओं के लिए आरक्षित कोटे के तहत मिली थी
यादें: पति के साथ नीता और उनका बेटा। (फाइल फाटो)
पति का अधूरा काम पूरा करना चाहती हैं नीता
सेना में कमिशन मिलने से पूर्व नीता देशवाल ने कहा कि वह पति के अधूरे कार्यों को पूरा करना चाहती हैं। इसीलिए उन्होंने अपने पति के पहले प्यार सेना को अपनाया।
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2006 में सेना में शामिल हुए थे मेजर अमित देशवाल
मेजर अमित देशवाल 10 जून, 2006 को सेना में शामिल हुए थे। अमित देशवाल सेना की स्पेशल फोर्स का हिस्सा थे, जो कि तात्कालीन समय में मणिपुर में उग्रवादियों के खिलाफ ऑपरेशन चला रही थी। अमित शहादत से कुछ माह पहले यूएन पीस कीपिंग फोर्स में ड्यूटी करके लौटे थे। मणिपुर में उनकी तैनाती ऑपरेशन हिफाजत के तहत जनवरी, 2016 में ही हुई थी। यहां अप्रैल 2016 में राष्ट्रीय राइफल्स और विशेष बलों के संयुक्त अभियान के दौरान नुंगबा के घने जंगलों में जेलियांगरोंग यूनाइटेड फ्रंट के उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ में मेजर अमित देशवाल शहीद हुए थे।
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