Haryana News: कंपनी में बंधक बना लंगूर, पशु प्रेमियों में गुस्सा; जांच में जुटा विभाग
बहादुरगढ़ की एक कंपनी में लंगूर को बंदी बनाने का मामला सामने आया है। पशु प्रेमी और एक अधिवक्ता ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री और वन विभाग से की है जिसके बाद जांच शुरू हो गई है। कंपनी से सीसीटीवी फुटेज ली गई है। पशु प्रेमियों का कहना है कि कई कंपनियों में लंगूरों को बंदरों को भगाने के लिए रखा गया है। यह गैरकानूनी और अमानवीय है।

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़। एचएसआइडीसी स्थित एक नामी कंपनी में लंगूर बंदर को बंदी बनाकर रखने का मामला सामने आया है। इस घटना का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर भी वायरल है। घटना से पशु प्रेमी आहत हैं।
कार्रवाई करने की मांग
इस संबंध में एक पशु प्रेमी व अधिवक्ता द्वारा हरियाणा के मुख्यमंत्री, वन विभाग व अन्य विभागों व अधिकारियों को शिकायत देकर कार्रवाई करने की मांग उठाई गई है। संबंधित विभाग ने शिकायत पर संज्ञान लेते हुए जांच भी शुरू कर दी है।
टीम ने गुरुवार रात को ही कंपनी परिसर का दौरा किया था। इसके बाद शुक्रवार सुबह भी टीम जांच के लिए आई। अधिकारियों की मानें तो लंगूर कंपनी परिसर में नहीं दिखा। जिस वीडियो में लंगूर दिख रहा है, वह भी कुछ महीने पुराना बताया जा रहा है। अगर टीम की सूचना से पहले लंगूर की हरकत हुई है तो इस संदेह को देखते हुए कंपनी से 48 घंटे की सीसीटीवी फुटेज ली गई है।
कई कंपनियों में लंगूरों के होने की संभावना
वहीं पशु प्रेमियों का कहना है कि एचएसआईडीसी में मौजूद कई कंपनियों में लंगूरों के होने की संभावना है। दरअसल, यहां बंदरों की संख्या ज्यादा है और उन्हें भगाने के लिए लंगूर रखे जा रहे हैं। एडवोकेट नवीन सिंगल और पशु प्रेमी मंजीत सहरत ने कहा कि एक जानवर को बंदी बनाकर दूसरे जानवर को भगाना गैरकानूनी और अमानवीय है।
अगर बंदरों से परेशानी है तो उन्हें किसी एजेंसी के जरिए सुरक्षित तरीके से पकड़वाकर जंगल में छोड़ा जाना चाहिए। संबंधित विभाग और औद्योगिक संस्थान यह व्यवस्था कर सकते हैं। इस तरह लंगूरों को पकड़ना ठीक नहीं है।
भले ही वीडियो पुराना हो, लेकिन घटना जरूर हुई है। अधिकारियों को यह भी पता लगाना चाहिए कि अवैध तरीके से लंगूरों को लाकर कौन मुहैया करा रहा है। साथ ही औद्योगिक क्षेत्र में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जाना चाहिए।
मामला संज्ञान में आया है। गुरुवार शाम को एक टीम मौके पर भेजी गई थी। शुक्रवार को भी टीम जांच करने गई थी, लेकिन लंगूर फंसा हुआ नहीं मिला। मामले को गंभीरता से लेते हुए दो दिन की सीसीटीवी फुटेज ली गई है। अगर कुछ अवैध पाया गया तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। साथ ही कई और कंपनियों में जांच अभियान चलाया जाएगा। अगर कहीं लंगूर पाए गए तो उन्हें रेस्क्यू किया जाएगा।
- राजेश कुमार, इंस्पेक्टर, वन्य जीव विभाग, झज्जर।
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