'पहले क्रेटा और 25 लाख रुपये ले आओ...', हरियाणा में पत्नी ने कॉन्स्टेबल पति पर लगाए दहेज के आरोप, केस दर्ज
हरियाणा (Haryana News Hindi) के हिसार में एक विवाहिता ने अपने कॉन्स्टेबल (Haryana Police) पति और उसके स्वजन पर दहेज के लिए प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। महिला का आरोप है कि उसका पति उसे क्रेटा कार और 25 लाख रुपये की मांग कर रहा है। पुलिस ने पीड़िता की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया है।
जागरण संवाददाता, हिसार। एक विवाहता ने कॉन्स्टेबल पति और उसके स्वजन पर उसे देहज के लिए प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। महिला का आरोप है कि उसका कॉन्स्टेबल पति उसे क्रेटा कार की मांग करता है।
क्रेटा कार और 25 लाख रुपये मांगने का आरोप
पुलिस ने मामले में पीड़िता की शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर लिया है। विवाहिता ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसका पति सुरेंद्र हरियाणा पुलिस में बतौर कांस्टेबल तैनात है।
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शादी के कुछ दिन बाद ही उसका पति ससुराल पक्ष के लोगों के साथ मिलकर उसे दहेज की मांग को लेकर प्रताड़ित करने लगा। इतना ही नहीं आरोपित ने उसे मकान के लोन भरने के लिए 25 लाख रुपये और क्रेटा कार लेकर आने के लिए कहा। कार नहीं लेकर आने पर उसे प्रताड़ित किया।
नैन परिवार ने दहेज में लिया केवल एक रुपया
वहीं, एक दूसरे खबर की बात करें तो फतेहाबाद में नैने परिवार में एक अलग मिसाल पेश की है। गांव किरढ़ान में अपने बेटे की बारात लेकर पहुंचे सरकारी अध्यापक ने अपने बेटे दहेज में दिए गए लाखों रुपये लेने की बजाय एक रुपया व श्रीफल स्वीकार कर सामाजिक बदलाव की मिसाल दी है।
उन्होंने अपने बेटे की शादी में दहेज के रूप में श्रीफल और एक रुपया स्वीकार कर समाज में सकारात्मक बदलाव का संदेश दिया है। गांव के गुलाब सिंह नैन द्वारा लिए गए इस सराहनीय फैसले की ग्रामीण भी प्रशंसा कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि दहेज कुप्रथा को खत्म करने के लिए यह कदम प्रेरणादायक साबित होगा।
समाज में पेश की नई मिसाल
बता दें कि हिसार जिले के गांव मात्रश्याम निवासी गुलाब सिंह नैन के बेटे जितेन्द्र की बारात लेकर गांव किरढ़ान में पहुंचे। यहां जितेन्द्र का विवाह राजेन्द्र ज्याणी की बेटी रचना के साथ हिन्दू रीति-रिवाजों के साथ सम्पन्न हुआ। विवाह में दुल्हन पक्ष की ओर से 11 लाख 11 हजार 111 रुपये नकद दहेज दूल्हे पक्ष को दिया जाना था।
इस पर दूल्हे के पिता गुलाब सिंह तथा उनके स्वजनों ने दहेज को एक सामाजिक बुराई बताते हुए यह दहेज लेने से इनकार कर दिया और इसे दुल्हन पक्ष को वापस लौटा दिया। साथ ही उन्होंने दहेज के रूप में मात्र एक नारियल और एक रुपया लेकर समाज के सामने एक मिसाल पेश की।
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