नशे के चक्कर में युवक ने लगाया फंदा, पत्नी ने खोया होशोहवास, बोली- वह अभी जिंदा है और फिर...
हिसार की पुरानी सब्जी मंडी बस्ती में एक दुखद घटना घटी है। यहां 32 वर्षीय बंटी ने नशे के लिए पैसे नहीं मिलने पर अपने ही घर में फंदा लगाकर जान दे दी। बंटी की पत्नी का मानना था कि वह अभी भी जीवित है और उसे निजी अस्पताल ले जाया गया। हालांकि डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

जागरण संवाददाता, हिसार। पुरानी सब्जी मंडी बस्ती में 32 वर्षीय बंटी ने स्वजनों से नशे के लिए पैसे नहीं मिलने पर बुधवार दोपहर करीब डेढ़ बजे अपने घर में ही फंदा लगाकर जान दे दी। स्वजन के अनुसार बंटी नशा करने का आदी था।
जब स्वजन कमरे में गए तो उन्हें घटना का पता चला। इसके बाद बंटी को अचेत अवस्था में फंदे से उतारकर सिविल अस्पताल लेकर आए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पत्नी मुंह से देने लगी सांस
इसके बाद बंटी की पत्नी रोती हुई बोली बंटी अभी जिंदा है। ऐसे जान नहीं जा सकती। इसके बाद स्वजन बंटी को आटो से निजी अस्पताल में लेकर गए। आटो में बंटी की पत्नी ने मुंह से सांस खींचते हुए सांस देने की कोशिश की।
इस संबंध में डोगरान मोहल्ला चौकी पुलिस का कहना है कि मामले के संबंध में किसी प्रकार की कोई सूचना नहीं आई। अस्पताल से भी कोई रूक्का नहीं आया है। स्वजनों के अनुसार बंटी नशा करने का आदी था और काफी समय से वह नशे के पैसे को लेकर अपनी मां और पत्नी के साथ झगड़ा करता था।
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नशे के पैसे के लिए पत्नी से हुई थी कहासुनी
बता दें कि वीरवार को उसकी मां राधा काम पर गई थी। बंटी पत्नी के साथ घर पर था। नशे के पैसे को लेकर दोनों के बीच कहासुनी हुई। इसके बाद बंटी दोपहर को करीब डेढ़ बजे दूसरे कमरे में चला गया और फंदा लगा लिया। पत्नी कई देर बाद कमरे की तरफ गई तो बंटी फंदे पर लटका मिला। शोर मचाने पर स्वजन मौके पर आए और बंटी को फंदे से उतारकर आटो से अस्पताल में लेकर पहुंचे।
पत्नी और मां आटो में बैठकर बिलखती हुई अस्पताल पहुंचीं
आटो में बंटी की मां और पत्नी दोनों रोती बिलखती हुई पहुंची। पत्नी गेट पर बैठ कर रोती हुई बोली कि बंटी की जान ऐसे नहीं जा सकती। डॉक्टरों ने बंटी को सीपीआर दी। इसके बाद ईसीजी करने के बाद मृत घोषित कर दिया। मगर बंटी मां और पत्नी बोली अभी तो शरीर गर्म है। हम दूसरे अस्पताल में भी चैकअप करवाएंगे। इसके बाद आटो में डालकर वापस ले गए।
मरने के बाद भी सीपीआर देती रही पत्नी
डॉक्टरों ने बंटी को मृत घोषित किया तो परिवार सहन नहीं कर सका। परिवार के सदस्यों ने बंटी को आटो में लिटाया और पत्नी बंटी के मुंह से मुंह मिलाकर सीपीआर देने लगी।
वह रोते-बिलखते पति को संभाल रही थी। बोल रही थी कि तुम मुझे छोड़ कर नहीं जा सकते। वह उसको लगातार सीपीआर दे रही थी और परिवार को तुरंत दूसरे अस्पताल ले जाने के लिए चिल्ला रही थी।
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